मित्रों
रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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Yashwant Yash
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Sudhinama पर sadhana vaid
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बिकाऊ
वह जो बाज़ार में नहीं है,
यह मत समझना कि बिकाऊ नहीं है.
ग़लतफ़हमी में है वह...
कविताएँ पर Onkar
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अफसाना मौत का
जिया जाता नहीं मरा जाता नहीं,
अफसाना मौत का कहा जाता नहीं...
मन के वातायन पर
Jayanti Prasad Sharma
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यों ही काटते रहें.....
रोहित कौशिक
आओ हम यों ही मरते-कटते रहें
और फूलने दें संतों की तोंद
बढ़ने दे चोटी और तिलक की लंबाई
फलने दें मौलवियों की दाढ़ी।
कि जब तक सम्पूर्ण मानवता का रक्त
संतों की तोंद में न समा जाए...
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ग़ज़ल
आज़ाद हैं यहाँ सभी’ उल्फत ही’ क्यूँ न हो
पावंदी’ भी को’ई नहीं’ तुहमत ही’ क्यूँ न हो...
कालीपद "प्रसाद"
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गर्मी ........
काका माहौल बहुत गर्म है। मनसुख ने रात में आंधी और बारिश से भर गए पत्ते और कीचड़ को साफ़ करते करते कहा। काहे रे रातिये तो बारिश हुआ है- हाथ में खैनी रगड़ते-रगड़ते काका ने पूछा। देखो कितना बढ़िया मौसम हो गया है। नहीं तो लग रहा था कि झुलसा देगा ...
अंतर्नाद की थाप पर Kaushal Lal
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ध्येय तुम्हारा है करना कर्म
क्यों बैठे तुम निठठ्ले
नहीं है कोई काम धाम
कर्म की महिमा को समझो
कर्म सुख की खान ...
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काश ग़ाफ़िल को कभी भी तो पुकारा होता
कोई दुनिया में न तक़्दीर का मारा होता
हर किसी को जो मुहब्बत का सहारा होता...
अंदाज़े ग़ाफ़िल पर
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
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शुभ प्रभात.....
जवाब देंहटाएंअच्छी प्रस्तुति
आभार..
सादर
बढ़िया लिंक्स. मेरी कविता शामिल की. आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रविवारीय चर्चा। आभार 'उलूक' के सूत्र को जगह देने के लिये।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सूत्र शास्त्री जी ! आशा दीदी और मेरी दोनों की रचनाओं को आज की चर्चा में सम्मिलित करने के लिए हम दोनों की और से आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार !
जवाब देंहटाएंआभार गुरु जी. मेरी दोनों प्रविष्टियों को चर्चा में स्थान देने के लिए.
जवाब देंहटाएंचर्चामंच का सदैव ऋणी रहूंगा यहां मुझे साहित्यकारों की एक ऐसी मंडली मिली जिन्हें मैं कभी नहीं भूल पाऊंगा.
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएं'क्रांतिस्वर' व 'जो मेरा मन कहे ' की ब्लाग पोस्ट्स को इस अंक में स्थान देने हेतु सादर आभार।
जवाब देंहटाएंPlease Vsit My Blog...
जवाब देंहटाएंhttps://rahulhindiblog.blogspot.in/?m=1
Thank you
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति । मेरी रचना को जगह देने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद आपका ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति । मेरी रचना को जगह देने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद आपका ।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआदरणीय डॉ साहब आपके सतत उत्साहवर्धन का सदैव ऋणी रहूँगा | जय श्री कृष्ण !
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