मित्रों
बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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गीत
"तपते रेगिस्तानों में"
भटक रहा है आज आदमी, तपते रेगिस्तानों में।
अपने मन का चैन खोजता, मजहब की दूकानों में।
चौकीदारों ने मालिक को, बन्धक आज बनाया है,
मिथ्या आडम्बर से, भोली जनता को भरमाया है,
धन के लिए समागम होते, सभागार-मैदानों में...
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नक्सलवादियों और वामपंथियों के बारे में
इतना कैसे जानते हैं ,
हमारे पूण्य प्रसुन वाजपेयी जी !!??

PITAMBER DUTT SHARMA
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चांदनी
हूँ रौशनी तुम्हारी
मेरा अस्तित्व नहीं तुम्हारे बिना
तुम चाँद मै चांदनी
यही जानती सारी दुनिया
प्रारंभ से आज तक
तुम मुझमें ऐसे समाए
अलग कभी ना हो पाए
साथ हमारा है सदियों पुराना
तुम जानते हो मै जानती हूँ
है यही एक सच्चाई...
मेरा अस्तित्व नहीं तुम्हारे बिना
तुम चाँद मै चांदनी
यही जानती सारी दुनिया
प्रारंभ से आज तक
तुम मुझमें ऐसे समाए
अलग कभी ना हो पाए
साथ हमारा है सदियों पुराना
तुम जानते हो मै जानती हूँ
है यही एक सच्चाई...
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उसूल के पुर्ज़े ...
हज़ार हर्फ़ ग़रीबों पे लाए जाते हैं
क़ुसूर हो न हो लेकिन सताए जाते हैं
सियासतों के ज़ख़्म सूखते नहीं
फिर भी अवाम हैं कि उमीदें सजाए जाते हैं ...
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मैं अधूरी ही रही.....!!!
...मैंने आँखों के आंसुओ को रोक लिया,
जिससे तुम मेरी आँखों में,
अपना अक्स देख सको,
क्योंकि मुझे पता था
मेरा हारना, तुम्हे भी तोड़ देगा..
मेरा हारना, तुम्हारी जीतने का सबब है......
इसलिए मैं अधूरी ही रही...
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चिकित्सक अक्सर परामर्श देते हैं कि दवाएं कभी भी खाली पेट नहीं खानी चाहिए, इसके बहुत आनुषंगिक दुष्प्रभाव होते हैं। लेकिन अगर कुछ दवाएं खा भी रहे हैं तो भी ध्यान रखना होगा कि क्या खा रहे हैं। कुछ बीमारियों से जुड़ी दवाइयां हर किसी चीज के साथ नहीं खा सकते हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसे कुछ खास कॉम्बिनेशन लेने से बचना चाहिए...
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झूठा सच - Jhootha Sach
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थोड़ा सा समझ के
दबइयो बटन भैया
दबइयो बटन बहना
जा मे से.......
लोकतंत्र आयेगो ।
सबके मन भायेगो।
हम सबको निबाहेगो...
दबइयो बटन भैया
दबइयो बटन बहना
जा मे से.......
लोकतंत्र आयेगो ।
सबके मन भायेगो।
हम सबको निबाहेगो...
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पुस्तक समीक्षा:
स्मृतियाँ और शुभेच्छाएँ नहीं मानतीं ‘सरहदें’-
ऋषभदेव शर्मा

सुबोध सृजन पर
subodh srivastava
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