मित्रों!
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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कविता
"नेता के पास जवाब नही..."
क्यों शेर सभी बिल्ले बन जाते, जब निर्वाचन आता है।
छिप जातो खूनीं पंजे सब, जब-जब निर्वाचन जाता है।।
क्यों पूरी सजा नही मिलती, इन आतंकी मतवालों को।
क्यों समयचक्र चलता जाता है, अपनी वक्र कुचालों को।।
जनता के सरल सवालों का, नेता के पास जवाब नही।
जन-गण के खून-पसीने का, भाषण में कहीं हिसाब नहीं।।
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सितोलिया
बहुत दिनों से कविता या नज़्म लिखना
जैसे बंद ही हो गया था.....
कहानियाँ लिखते लिखते जैसे छंद रूठ गए हों मुझसे.....
मन के सारे भाव गद्य बन कर ही निकलते....
मगर शायद मन को मनाना आता है......
लिखी है एक कविता आज....
अच्छा लगा ब्लॉग पर आना भी.....
*सितोलिया*
खेलने की उम्र थी हाँ!
तो?
खेल कर ही बिताई...
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नादान भ्रमर
मंद मंद बहती पवन
अटखेलियाँ करती
फूलों से लदी डालियों से
डालियाँ झूमती
झुक झुक जातीं
कलियाँ चटकटीं
खिलते सुमन
सुरभि का प्रसार
जब भी होता
भ्रमर हो मस्त
वहां खिचे चले आते ...
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जीवन पानी का बुलबुला
जीवन क्या है?
पानी का बुलबुला तो है
पाँच तत्वों से मिलकर बना ये
जीवन कब मिटटी में मिल जायेगा
कोई नहीं जानता
कितने सुख, कितने दुःख सहता है
पर जीवन देता है हमेशा हमें
नयी ऊर्जा जीने की
बचपन से लेकर बुढ़ापे तक...
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भारत में अंग्रेजी परस्तों की साजिश
हमारा देश लगभग 1000 वर्ष तक विदेशियों का गुलाम रहा है। भारत को गुलाम बनाने में विदेशियों से कहीं अधिक भारतीय लोगों का भी हाथ रहा। हमारे एक मित्र ने एक कविता लिखी जिसका शीर्षक था- “यह देश है वीर गद्दारों का“ इस देश के वीरों ने पराक्रम कम और परिक्रमा के द्वारा सभी कुछ प्राप्त कर लिया और हमारे ऊपर, विदेशियों से हाथ मिलाकर शासन करते रहे और हमें गुलाम बनाकर रखे रहे। जब हम स्वतंत्र होने की दिशा में आगे बढ़ रहे थे, सुविधा भोगी भारतीय लोग हमारे ऊपर शासन तथा हमें गुलाम बनाये रखने के लिए भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों की परिक्रमा करने लगे और मुखौटा बदल कर इस ओर हो लिए...
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शीर्षकहीन
जनकपुरी वेस्ट मैट्रो स्टेशन के पास मेन रोड़ के साथ वाली एक बाईलेन में आजकल लोगों का जमघट है घर के आसपास खड़े और वहां से गुज़रने वाले स्थानीय लोगों के चेहरों पर खौफ है । यही वो जगह है जहां शांति प्रिय डॉक्टर पंकज नारंग अपनी डॉक्टर पत्नी सात साल के बेटे और विधवा मां के साथ रहते थे । डॉक्टर पकंज नारंग की भीड़ ने पीट पीट कर इसलिए हत्या कर दी कि उन्होने तेज रफ्तार मोटर साईकिल सवारों को धीरे चलने की हिदायत दे दी थी । जो इन अराजक युवकों को नागावर गुज़रा और ये लोग कुछ देर बाद हॉकी पत्थर लेकर आए और डॉाक्टर पंकज और उनके जीजा को बेरहमी से पीटा डॉक्टर ने दम तोड दिया उनके जीजा अस्पताल में हैं । ...
रसबतिया पर -सर्जना शर्मा
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गप्प जिन्दाबाद
ढूंढिये खुद को, ढूंढिये अपने आनन्द को,
निकाल दीजिये अपने गुबार। फिर देखिये दुनिया को देखने का नजरियां बदल जायेगा। जितनी गप्प मार सकते हैं मारिये, जितना खेल सकते हैं खेलिये। हमारे पास कोई गप्प मारने वाला नहीं है तो यहाँ लिख-लिखकर ही अपनी मन की निकाल लेते हैं, मन को जीवन्त बनाये रखते हैं। जीवन खुशियों से भर जायेगा। बोलिये गप्प जिन्दाबाद। पोस्ट को पढ़ने के लिये इस लिंक पर क्लिक करें -
smt. Ajit Gupta
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