दो हजार तीन सौवीं (2300वीं) पोस्ट
मित्रों!
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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सबसे पहले एक जरूरी सूचना।
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मूर्खता
मूर्खता जब निकलती है बाहर
सनक और गंभीरता के अबूझ आवरण से
तब बन जाती है कारण औरों के हास्य...
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मूर्ख दिवस पर
"मुखपोथी को देख"
...भले चलाओ फेसबुक, ओ ब्लॉगिंग के सन्त।
मगर ब्लॉग का क्षेत्र वो, जिसका आदि न अन्त।।
पहले लिक्खो ब्लॉग में, रचनाएँ-आलेख।
ब्लॉगिंग के पश्चात ही, मुखपोथी को देख।।
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एक गीत -शहर फूस के
तितलियाँ खुशबू भी है लेकिन मन में गीत नहीं है |
जो हँसता -रोता हो संग -संग शायद ऐसा मीत नहीं है...
जयकृष्ण राय तुषार
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Job interview की रणनीति
TLMOM
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चलो गुर तुम्हे लिखने के सिखा देती हूँ....!!!
तुम कागज़ कलम ले के,
साथ बैठो तो मेरे,
मैं एहसास तुम्हे,
जीने के बता देती हूँ..
चलो गुर तुम्हे लिखने के सिखा देती हूँ...
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