फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

शनिवार, अप्रैल 02, 2016

"फर्ज और कर्ज" (चर्चा अंक-2300)

दो हजार तीन सौवीं (2300वीं) पोस्ट 
मित्रों!
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

--
सबसे पहले एक जरूरी सूचना। 


--

--

मूर्खता 

 मूर्खता जब निकलती है बाहर 
सनक और गंभीरता के अबूझ आवरण से 
तब बन जाती है कारण औरों के हास्य... 
जो मेरा मन कहे पर Yashwant Yash 
--
--

मूर्ख दिवस पर 

"मुखपोथी को देख" 

...भले चलाओ फेसबुक, ओ ब्लॉगिंग के सन्त।
मगर ब्लॉग का क्षेत्र वो, जिसका आदि न अन्त।।

पहले लिक्खो ब्लॉग में, रचनाएँ-आलेख।
ब्लॉगिंग के पश्चात ही, मुखपोथी को देख।।
--
--

आरज़ू 

Akanksha पर Asha Saxena 
--
--
--
--
--

रूह मरती नहीं 

Image result for रूह
मधुर गुंजन पर ऋता शेखर मधु 
--
--
--
--
--

एक गीत -शहर फूस के 

तितलियाँ खुशबू भी है लेकिन मन में गीत नहीं है |  
जो हँसता -रोता हो संग -संग शायद ऐसा मीत नहीं है... 
जयकृष्ण राय तुषार 
--
--

दुआओं में प्यार 

हम हैं तो आस्मां है ज़मीं है बहार है 
हम हैं तो नज़्रे-हुस्न में शामिल ख़ुमार है... 
साझा आसमान पर Suresh Swapnil  
--
--
--
--
--

Job interview की रणनीति 

TLMOM 
--

चलो गुर तुम्हे लिखने के सिखा देती हूँ....!!! 

 तुम कागज़ कलम ले के,  
साथ बैठो तो मेरे,  
मैं एहसास तुम्हे,  
जीने के बता देती हूँ..  
चलो गुर तुम्हे लिखने के सिखा देती हूँ... 
'आहुति' पर Sushma Verma  
--

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।