मित्रों
सोमवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
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आज देखिए बहुत थोड़े से लिंक
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एक कहानी
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जब नाम रोशन होगा तेरा
संग संग तेरे मेरी माँ रात भर मै सोई नहीं
तकिए पे गिरते आँसू तेरे
भिगो गये तन मन मेरा
अपनों के ताने सुन सुन ज़ख़्मी हुआ
आज हम दोनों का मन मत ...
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ये हँसी .......
झरोख़ा पर निवेदिता श्रीवास्तव
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ख़्वाबों के परे कहीं - -
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गीत : 42 -
क्या किसी भूले हुए.....
क्या किसी भूले हुए ग़म की याद आने लगी ?
हँसते - हँसते हुए क्यूँ आँख छलछलाने लगी ...
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