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शनिवार, अप्रैल 23, 2016

"एक सर्वहारा की मौत (चर्चा अंक-2321)

मित्रों
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

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दोहे  

"पवनपुत्र हनुमान"  

धीर-वीर, रक्षक प्रबल, बलशाली-हनुमान।
जिनके हृदय-अलिन्द में, रहते हैं श्रीराम।।
जितने धरती पर हुए, राजा, रंक-फकीर।
ब्रह्मलीन सबका हुआ, भौतिक तत्व शरीर।।
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पल-पल में है बदलता, काया का ये रूप,
ढल जायेगी एक दिन, रंग-रूप की धूप... 
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छाती से लगा कर पले बालक हृदय के करीब होते हैं 
और पीठ के पले बालक हृदय के दूर होते हैं।
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एक सर्वहारा की मौत 

स्व.गुरुनाथ सन १९७२ में एसीसी शाहाबाद की माईन्स में बतौर मजदूर कार्यरत थे. जब मैं शाहाबाद की कर्मचारी यूनियन का जनरल सेक्रेटरी चुना गया गुरुनाथ को जोईंट सेक्रेटरी का पद दिया गया. प्रेसिडेंट कामरेड श्रीनिवास गुडी ने जिस पार्टी कैडर को तैयार किया था उसमें गुरुनाथ अग्रगण्य थे. काम्रेड गुडी के स्वर्गवास के बाद इस पूरे इलाके में लीडरशिप का वैक्यूम हो गया था तो गुरुनाथ ने ही शाहाबाद व वाडी के कर्मचारी संगठनों पर अपना बर्चस्व कायम कर लिया था. वे मात्र हाई स्कूल तक ही पढ़े थे, लेकिन अपनी संगठन चातुर्य व दमदार आवाज के बल पर छाये रहे. उसी बीच दो बड़ी घटनाओं ने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी.... 
जाले पर पुरुषोत्तम पाण्डेय 
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साथ रहना तुम कभी मत छोड़ना साजन इधर 

जब सिमटते है उजाले रात में साजन इधर 
फिर सुबह लाती नई खुशियाँ यहाँ साजन इधर …  
देख तेरे नैन हम उसमे समा कर रह गये 
बाँध कर तुमने हमें क्यों अब रखा साजन इधर …  
Ocean of Bliss पर Rekha Joshi 
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रामदूत तुम्हें कहाँ विश्राम 

हे पवनपुत्र तुम बल के धाम
 स्वीकार करो हनुमान प्रणाम ,  
हे..... ज्ञानियों में अग्र तुम्ही हो 
सरल कृपालु नम्र तुम्ही हो 
भक्त तुम्ही से है बलवान स्वीकार 
करो हनुमान प्रणाम , हे... 
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नितीश कुमार के हसीन सपने ......... 

इशरत के अब्बू , नितिस बाबू ने संघ मुक्त भारत का नारा दिया है । संघ मुक्त से उनका आशय शायद भाजपा मुक्ति से है । क्योंकि संघ एक संस्था से ज़्यादा एक विचार है और विचार से मुक्ति पाना इतना आसान नहीं । हाँ , भाजपा से मुक्ति पायी जा सकती है । जैसे बिहार में महाठगबंधन बना के भाजपा को रोक लिया गया वैसे पूरे देश में भी रोका जा सकता है... 
Akela Chana पर Ajit Singh  
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