रविकर शिक्षा में नकल, देगा मिटा वजूद-रविकर
"कुछ कहना है" करे नहीं परमाणु बम, राष्ट्र नेस्तनाबूद।रविकर शिक्षा में नकल, देगा मिटा वजूद।देगा मिटा वजूद, भवन-पुल गिरे भरभरा।अर्थ-न्याय-विधि आदि, व्यवस्था जाय चरमरा।हो यदि शिक्षा ध्वस्त, राष्ट्र फिर कैसे निखरे।मानवता मर जाय, कसे फिर दुनिया फिकरे । -- दोहे "पर्यावरण बचाइए" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') |
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haresh Kumar
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शुभ प्रभात....
जवाब देंहटाएंउत्तम रचनाएँ
आभार..
सादर
पठनीय लिंकों के साथ। सुन्दर रंग-बिरंगी चर्चा।
जवाब देंहटाएंआपका आभार रविकर जी।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति में मेरी ब्लॉग पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा
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