रविकर यदि छोटा दिखे, नहीं दूर से घूर
रविकर
लोकगीत लोरी कथा, व्यथा खुशी उत्साह।
मिट्टी के घर में बसे, रविकर प्यार अथाह।।
कंक्रीट सीमेंट में, बही समय की रेत।
व्यवहारिकता बच गयी, चढ़ा स्वार्थ का प्रेत।।
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किसानी:
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जमूरा भाग खड़ा हुआ
smt. Ajit Gupta
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मध्य एशिया में भारत
pramod joshi
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एक डर से मुक्ति..थैंक्स लक्ष्मी
Rohit Singh
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एक गोली मुझे भी मार दो...
चौथाखंभा पर ARUN SATHI
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सुधर गया कैसे
Priti Surana
"मेरा मन"
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'वो जो सुफैद-सा गुलाब वहाँ फूला था...'
(3 )पं. हंसकुमार तिवारी
मुक्ताकाश....पर आनन्द वर्धन ओझा
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विश्राम
सरोकार पर Arun Roy
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कहीं आपको भी उस डाल कोकाटने की ज़रूरत तो नहींजिसपर आप बैठे हैं ?
haresh Kumar
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बाल-कविता
बाय-बाय नानी बाय-बाय दादी
ख़त्म हुयी सारी आजादी...
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व्यंग्य जुगलबंदी–38 :साहित्यिक खेती
Ravishankar Shrivastava
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काव्य शक्ति-सम्पन्न तो, कवि को भूले कौन
खले मूढ़ की वाह तब, समझदार जब मौन।
काव्य शक्ति-सम्पन्न तो, कवि को भूले कौन।।
कह के कविता की कमी, कन्नी काटें आप।
कवि सुधार जो कर सके, रहे बैठ चुपचाप।।
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सीखिये नस दबाना और पाइये जवाबक्यों दिखता है सफेद कौए काकाले कौए के सर के ऊपर हाथ
सुशील कुमार जोशी
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हे ईश्वर !!
अनुपमा पाठक
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ग़ज़ल
कालीपद "प्रसाद"
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सत्ता के गलियारे कैसे
udaya veer singh
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क्यों किसान रोता है
रजनीश तिवारी
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"वर्षा" की ऋतु आ गई
Dr Varsha Singh
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इश्क़ मुहब्बत वाला लौंडाजब झंडा लेकर घूमने लगा
crazy devil
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उत्तम खेती है जरूर करिये.....
ताऊ रामपुरिया
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सच में है दीन जिन्दगी....श्यामल सुमन
yashoda Agrawal
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बाइक यात्रा:कुमारहट्टी से जानकीचट्टी - भाग तीन(त्यूणी और हनोल)
नीरज जाट
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गीत"पीपल ही उद्गाता है"(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक)
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सुंदर प्रस्तुति।।।।।
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक।
जवाब देंहटाएंआभार रविकर जी।
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंवाह...
आभार
सादर
बहुत सुन्दर प्रस्तुति रविकर जी। आभार 'उलूक' के सूत्र को भी जगह देने के लिये।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा संकलन
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति !
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