दोस्तों ,
माफ़ी चाहती हूँ चर्चा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रही हूँ ..............कल से काफी व्यस्त थी और आज सुबह से तबियत ख़राब थी और दिन में एक जरूरी पार्टी में भी जाना था तो बस बुरा हाल है इसलिए जैसे भी सुमन हैं आपको अर्पित हैं .
माफ़ी चाहती हूँ चर्चा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रही हूँ ..............कल से काफी व्यस्त थी और आज सुबह से तबियत ख़राब थी और दिन में एक जरूरी पार्टी में भी जाना था तो बस बुरा हाल है इसलिए जैसे भी सुमन हैं आपको अर्पित हैं .
देखते हैं
- जरूर देखेंगे
- तब हर्फ़ तुम
- बिगुल फिर बजाना होगा
- ऐसा भी होता है क्या ?
- कौन सा?
- बिल्कुल जी .......हम आपके साथ हैं
- वाह ! क्या बात है
- चलिए आप कहते हैं तो नहीं मांगते
- खिला दो हर इक चमन मालती
- कैसे करूँ ?
- फासलों से भी आती रही
- और दरिया कहाँ?
- और नारी ने सुना …………
- ये तो नहीं पता था
- शून्य में सब कुछ समाया
- ग़ज़ल तो सिर्फ ग़ज़ल होती है
- नमन है
- अपनी अपनी कहानी
चलें फ़िर अंधेरे से उजाले की ओर
जाएँ तो जाएँ कहाँ
औरत…(कृष्ण बिहारी)
औरत तेरी यही कहानी
आंचल मे है दूध आँखों में पानी
मगर झीलें कब बोली हैं ?
खामोशी की आवाज़ कब होती है?
'रखना महफूज़..'
सच कहा
नेताजी जयंती अवसर पर (लाइव वेब कास्ट) : नेताजी सुभाष चन्द्र बोस और उनका जबलपुर शहर से नाता
जरूर जानना चाहेंगे
चलिए दोस्तों अब इजाजत दीजिये ............आज बस इतना ही ............आपके विचारों की प्रतीक्षारत ..........
तबियत खराब होते हुए भी आपने तो बहुत बढ़िया लिंक दे दिए पढ़ने के लिए!
ReplyDeleteआपका आभार!
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteआपकी प्रश्तुति पर सिर्फ़ इतना ही कहूँगा केए ....
ReplyDelete"आप दिया जो जलाये वो सूरज से कम नही..
आपकी मिल गयी जो आहट मुलाकात से कम नही... "
badhiya links
ReplyDeleteachchhe link aur acchhee charchaa
ReplyDeletepriya vandana ji ,
ReplyDeletesadar pranam .
sarahniy prayas. sundar abhivyaktiyo
ka sankalan samyik & ruchipurn laga .
aapko & sabhi rachnakaron ko hriday se dhanyavad .
sundar badhai
ReplyDeleteवाह, क्या बात है
ReplyDeleteबहुत अच्छी और विस्तृत चर्चा ....आभार
ReplyDeleteखानापूर्ति नहीं है, बढिया चर्चा कर दी।
ReplyDeletevandana ji,
ReplyDeletekuchh charchaayen padhi, bahut achhi lagi. meri rachna ko aapne yahan shaamil kar mera utsaahwardhan kiya hai, mann se bahut bahut aabhar aapka.
बिना किसी विषयवस्तु के धागे के अच्छी माला पिरो ले गयीं है | बधाई |
ReplyDeleteअच्छी चर्चा ...
ReplyDeleteआभार !
सजा है सुंदर लिंक से आज का यह चर्चा मंच!
ReplyDeleteउससे भी ज़्यादा भा गया एक लाइना का पंच!!
सजा है सुंदर लिंक से आज का यह चर्चा मंच!
ReplyDeleteउससे भी ज़्यादा भा गया एक लाइना का पंच!!
व्यस्तता,अस्वस्थता के बावजूद भी सुगंधित वाचन वाटिका प्रस्तुत कर आपने प्रतिबद्धता का एक मिसाल प्रस्तुत किया है। परिपूर्णता का अनुभव सहज ही हो जा रहा है। बधाई।
ReplyDeleteवन्दना जी,
ReplyDeleteअस्वस्थता के बावजूद आपने परिश्रम करके चर्चा को रोचक बनाया!
"औरत" कविता को अपनी चर्चा का भाग बनाने के लिये धन्यवाद।
साभार शुभकामनायें
जीवन के अनेक रंगों से सराबोर प्रस्तुति. खाना पूर्ति नहीं लिंक्स से भरपूर है सजा है मंच. सराहनीय प्रस्तुति
ReplyDeleteखानापूर्ति....फिर भी एक लाजवाब चर्चा ...
ReplyDeletemera lap-top kharab ho gaya hai ...jis computer se kar raha hun ...usme hindi font nahi hai ...main charchamanch ka aabharu hun //
ReplyDeleteवन्दना जी, आभार इस बेहतरीन चर्चा के लिये ।
ReplyDeletevandna ji charcha ke liye bahut bahut shukriya :)
ReplyDeleteसार्थक प्रस्तुति.बधाई .
ReplyDeleteआज की चर्चा जल्दी में भी अच्छी रही .स्वास्थ्य पर ध्यान दे .मेरी कहानी '''फूल ''' को चर्चा में स्थान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद .
ReplyDeleteसुंदर चर्चा वंदना जी|
ReplyDeleteबहुत सुन्दर चर्चा..
ReplyDeleteवंदना जी,
ReplyDeleteहमें तो खानापूर्ति नहीं लगी !
सारे अच्छे लिक्स हैं ,अच्छी चर्चा है
वंदना जी,
ReplyDeleteहमें तो खानापूर्ति नहीं लगी !
सारे अच्छे लिक्स हैं ,अच्छी चर्चा है
बहुत सुन्दर चर्चा , अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखियेगा।
ReplyDeleteआपने हमारे लिए अस्वस्था में भी इतने सारे लिंक दिए .. आपका सानी नहीं| आभार .. जल्दी स्वास्थ हो जाइये ..
ReplyDeleteबहुत ही प्रभावशाली और सार्थक चर्चा रही आज की । काफी उपयोगी और मनोहारी लिँक प्राप्त हुए । वन्दना जी बहुत बहुत आभारी हूँ आपका मेरी रचना को स्थान देने के लिए ।
ReplyDeleteईश्वर से प्रार्थना है आप शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करेँ ।
hehe ..khana poorti bilkul nahi hai balki acchi lagi ..kuch rachnaye acchi padhne ko mili:):)thnks
ReplyDeleteaasha hai aap swasth hongi.aaj bhi hamesha ki tarah bahut kuch padhne ko de din aap.mere liye sada aabhri rahoongi.
ReplyDeleteshortcut me achchhi charcha
ReplyDeleteNice post.
ReplyDeletehttp://pyarimaan.blogspot.com/2011/01/blog-post_18.html