मैं मनोज कुमार एक बार फिर हाज़िर हूं अपनी पसंद की कुछ पोस्टों और एक लाइना के साथ।
नए साल की स्वागत और उसके प्रति शुभकामनाओं वाली पोस्टों के बीच कुछ अन्य विषयों पर भी पोस्ट मिले।
१.
![My Photo](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhnIA_-QIBh93A3I6iBPkzAumcGurWkS0KlSPPBMiDCQLxWod1IMAzsT5rfoIL9pZtCjBrNxL_urnnsp0OXQJAiFPbzYkhg6ya_lUPU4BgASwl7YIv1vWzxWgsleQbUCKqTRZIpuLX0BLw/s220/Image(362)+copy.jpg)
स्वागत है नव वर्ष तुम्हारा कह रहें हैं Dr.J.P.Tiwari ::
सत्कर्म - सन्मार्ग पर
कदम बढाने वाले पथिक का.
देश हित में, लोक हित में
जुटे धीर - वीर महामानव का.
२.
मनाते हैं आरंभ की खुशी ::
मुहूर्त, पहर, दिन, महीना, साल
में बंटा जीवन,
को जीते हैं
।
३.
![My Photo](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg2p2zIJgQSNPVGeT2CMq1ZqPL-1_Hn8VVnEJz5kmawfT9O6zdPUBfLZf0i-12NDTbzTZOvvm14ukPQxV8UGRgiZL2_knE76CPermdRXOFlXLuL-5ApeqxSSPv2LkJgsysUzYIADP_zPQ0z/s220/Dorothy_01A.jpg)
४.
![My Photo](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiiloIB3hOr4hmgctltBZLF200MNpSN7-PpbW2gVPfHo_Cly17ekX1z1iwoPdLunaB8kKhXM505AD0cseMpdODzuNW1xmI1XXNzusn92mtxPw7aLRRDdaFUlqDq9fJMbYF5PCojoyDREnmu/s220/sanjay.edited.bmp)
शुभकामना ले लो ! :: अख़बार की रद्दी या लोहा हो तो बात करना, टाइम नहीं है अपने पास।
५.
![मेरा फोटो](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi3TK5fotXu-4hdax4vg9MZUwTcFdUwu7L6JPmZzwzVtG1AboT8VjhabkXcbRi51o_1N5OWjpgJS3qsn7UQ608nFd4JT6tbEG6hZQQ5qv8IWB5F2hG3_prnB3xXhfwmjO5tsHk_H7k98unJ/s220/04052009332.jpg)
हमहूँ छोड़के सारी दुनिया पागल!!! :: अगर ये रोग है तो ऐसा हो जो छूने से फैले!!
६.
![मेरा फोटो](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi1_NuUacq1wQz1hJcJrhqzLTaSRmxQke3GbnOe_yo4N8NQDHCUV6NdIAoO_BmLK8N_eDNRo98d5XX7AnCJwzjKTQe3J1voP_8hvhTuHk8lbP0XfpSXC-TXuHR7coV436z0SixwzlnZxks/s220/IMG_1130mr1.jpg)
मन जैसे मछली सागर में ::
व्यर्थ माँगते व्यर्थ खोजते,
भरने खाली उर गागर में !
७.
![मेरा फोटो](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg2u_Lt0p7E1M7WGexgZI38G3YmBbHCyfzFSylzcpFs7V4VlnJGZiZtVCaBRMTurbEFLumFyYsESSfyG5XBwyL70LySi3Gb5jaqIXKrfx1KfCZ1onHMTdaGCcYy2ajIAyZUJUVBWpXblFeU/s220/Gyan_Me.jpg)
हो गया ग़म पुराना नए साल में :: उनके घर पर भी जाना नए साल में, ना चलेगा बहाना नए साल में!!
८.
९. उपर्युक्त पोस्ट और उस पर की टिप्पणियां पढने के बाद फिलहाल मन नहीं कर रहा चर्चा करने का।
चिठ्ठाचर्चा की एकतर्फियत
पर यह देखते आये हैं कि यह नक्सलवाद कोई क्रान्ति फ्रान्ति करने वाला नहीं। शुद्ध माफिया है। रंगदारी वसूलक। तरह तरह के असुर इससे जुड़े हैं। कुछ सिद्धान्तवादी भी शायद होंगे। पर वे चीन के इशारे पर तीस साल से खुरपेंच कर रहे हैं। वे अदरवाइज रिकेटी डेमोक्रेसी का रक्त निकाल रहे हैं। साथ साथ जनता का भी। और इनसे आदिवासी का
यह हिन्दी ब्लॉगजगत जितना बुद्धि का दर्शायक है; उतना भावना का भी। जनता का बहुत बडा वर्ग नक्सल आतंक से तंग आ चुका है। पोलीस अगर लड़ रही है नक्सल से तो वह पोलीस के साथ है। और बुद्धि का एलीट अगर उस जनता से तरस खाने की मुद्रा अख्तियार करता है तो बुद्धि पर तरस आता है।
मैं इस बात में नहीं जाता कि बिनायक सेन किस हद तक नक्सली के साथ हैं और किस हद तक सरकारी जुल्मों का विरोध करते हुये नक्सली जुल्मों का भी विरोध करते हैं। पर ऐसे मामले में जिस तरह के लोग टर्राने लगते हैं, वे ही अब टर्रा रहे हैं। और उनका लिखा पढ कर रियेक्ट करने का मन नहीं होता।
ऐसे में चिठ्ठाचर्चा की एकतर्फियत जमी नहीं! अगले जनम में भगवान इण्टेलेक्चुअल बनायें तो शायद बात कुछ और हो। फिलहाल तो जो है सो है।
अगर ब्लॉगजगत में मात्र रचनाधर्मिता की चर्चा होती है, तो चर्चाकार अपनी पसन्द की कविता/कहानी/पोस्ट की चर्चा करें तो ठीक। पर अगर एक विवादास्पद मुद्दे की चर्चा हो तो एक तरफा विवरण चर्चामंच का मिसयूज है, एक वाद की तरफदारी फैलाने के लिये। यह हो सकता है कि चर्चाकार अपनी पसन्द से ६०:४० या ७०:३० का अनुपात बना सकते हैं। पर एक तरफा बात करना चारित्रिक दोष है ऐसे मंच का।
सर्वस्तरतु दुर्गाणि सर्वो भद्राणि पश्यतु।
सर्वः कामानवाप्नोतु सर्वः सर्वत्र नन्दतु॥
सब लोग कठिनाइयों को पार करें। सब लोग कल्याण को देखें। सब लोग अपनी इच्छित वस्तुओं को प्राप्त करें। सब लोग सर्वत्र आनन्दित हों
सर्वSपि सुखिनः संतु सर्वे संतु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यंतु मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत्॥
सभी सुखी हों। सब नीरोग हों। सब मंगलों का दर्शन करें। कोई भी दुखी न हो।
नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं!
डॉ.अनुराग ने "चिट्ठा चर्चा में" "मी विनायक सेन बोलतो" में वास्तविकता से ऱूबरू कराया है पाठकों को!
जवाब देंहटाएं--
मैं अपनी टिप्पणी में केवल इतना ही कहना चाहूँगा कि हाथी अपनी मस्त चाल से चलता ही जाता है!
चर्चा का चाहे कोई भी ब्लॉग हो आज तक सभी चर्चाकारों ने अपनी चर्चा में सदैव दूसरों को परोसा ही है और प्रतिदान में कुछ भी नहीं चाहा!
छिद्नान्वेषी तो कमियाँ निकालेंगे ही! जो हमारे सम्बल को पुष्ट ही करते हैं!
वो अपना काम करें हम लोग भी अपना कार्य करते ही जाएँगे!
नव वर्ष-2011 आप सबको मंगलमय हो!
अच्छे लिंक्स ,अच्छा संजोजन।
जवाब देंहटाएंनववर्ष की शुभकामनाओं के साथ आभार।
अपना काम सत्यनिष्ठा से करते चलो बस इसे ही अपनी ज़िन्दगी का उसूल बना लेना चाहिये क्योंकि दुनिया किसी भी करवट चैन नही लेने देगी।
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक संयोजन्।
अच्छी चर्चा..........
जवाब देंहटाएंविनायक सेन चिट्ठाचर्चा पर काहे बोलतो?
बहुत बढिया .. शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद !
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट को चर्चा मंच में शामिल करके आपने जो सम्मान दिया है और उत्साहवर्द्धन किया है, उस के लिए मैं आपकी और इस मंच पर उपस्थित सभी गुणीजनों की बेहद आभारी हूं.
बढ़िया लिंक्स देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.
सादर,
डोरोथी.
अच्छी लिंक्स,बधाई नव वर्ष की शुभ कामनाएं
जवाब देंहटाएंआशा
अच्छे लिंक्स । नववर्ष की शुभकामनाएं । "खबरों की दुनियाँ"
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा ..
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !
आपको एंव चर्चा मंच से जुडे सभी सदस्यों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये ॥
जवाब देंहटाएंवंदनाजी
जवाब देंहटाएंअभी अपने ब्लॉग पर आपकी टिप्पणी पढ़ी और यह भी की कल मेरी कहानी ''चर्चा मंच'में प्रकाशित हो रही है !हार्दिक आभारी हूँ आपकी,की अपने उसे''चर्चामंच''के योग्य समझा!चर्चा मंच 'की रचनाएँ मै पढ़ती हूँ..बहुत स्तरीय संकलन ....बधाई और शुभकामनायें ..
वंदना शुक्ल
logo ka kaam hai kahna...kuchh to log kahenge....:):):)
जवाब देंहटाएंchhoti charcha par anuthi.
बहुत सुन्दर चर्चा ... पोस्ट शामिल करने के लिए धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंmanoj ji ... bahut sundar charcha... bahut jyada links nahi par bahut acche links... Quality work... Thanks
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