हिन्दी से करते हैं प्यार तो शनिवार को रहें तैयार .
मिलने को रहें तैयार
"गोरा-चिट्टा कितना अच्छा" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
आपने लिखा तो अच्छा ही होगा
हर कोई प्रतिभावान
ये तो है
एक शिकायती पन्ना-भर मेरी जिंदगी.....
ज़िन्दगी का दूसरा नाम .......शिकायत ही सही
कर लेना भूले से याद
जरूर
मुहब्बत
सिर्फ मोहब्बत होती है
वो वक्त आने से पहले ..........
क्या होगा
रात से बात
कैसी मीठी मीठी
दरिया जब समंदर में उतर गया होगा
जरूर कुछ समंदर का भी बढ़ गया होगा
खामोशियाँ...
सुनना कभी इन्हें भी
साँप से बेकार ही में डर रहा है आदमी….नीरज गोस्वामी
जब साँप खुद डर रहा है आदमी से
शिल्पकारों , जुलाहों और मिस्त्री आदि के गौरव की रक्षा होनी चाहिए - एक पहचान
सही बात है .........ये भी देश की जनता है शिल्पकारों , जुलाहों और मिस्त्री आदि के गौरव की रक्षा होनी चाहिए - एक पहचान
उकाब और अबाबील
वक्त वक्त की बात है
बुढ़ापे की रईसी...खुशदीप
हर किसी पर आएगी ..........अपना दम दिखलाएगी
हिंदी आलोचना
बहुत जरूरी है स्वस्थ लेखन के लिए
ओह रे ताल मिले नदी के जल में
वाह वाह ..........क्या बात है
प्यार में तुम.. Copyright © 2011
तुम और मैं कब होता है
प्यार में सब हम होता है
हस्तिनापुर में कृष्ण
कर्मयोगी बन गए
ज़मीन और जिस्म के बीच सुगबुगाता आदमी
जाने फिर कैसे जीता है आदमी
क्या राशियाँ तेरह हैं ?
ये तो आप ही बताइए
चलो राधिका आज यमुना के तीर,कदम्ब तले बैठ मैं वंशी बजाऊं.
और मैं तुम में खो जाऊँ श्याम
शापित
कौन?
हास्य कविता एक समस्या और उसका हल
हा हा हां ........देखते हैं फिर तो
है जान से प्यारा ये दर्दे मुहब्बत
फिर क्यों मर मर के जीने नही देते
तुम हो और कौन?
अच्छा जी तो ये बात है
वर्जनाओं की धूरी !
सपनो की राख पर
मैं भी तो ऐसे ही जीता हूँ.....एक प्रयोग
प्रेम की पराकाष्ठा
प्रथम वर्षगांठ पर
बहुत बधाई
मुझे पूर्ण कर दो !!!
और जीवन संपूर्ण
केमिकल लोचा-The Chemical Locha
कैसा???????
आत्मशक्ति पर विश्वास
ये तो होना ही चाहिए
विद्रोह का ज़श्न
वह क्या बात है ..........विद्रोह का भी जश्न
कैसे समझाऊं उसे...
अब समझाना तो पड़ेगा ही
माँ - सतीश सक्सेना
उससे बढ़कर कोई नहीं
मनोरंजन बनाम अश्लीलता---------मिथिलेश
यही है आज की दुनिया
चलिए दोस्तों आज इतना ही सिर्फ ५ मिनट में लगाई है तो इतने ही लिंक्स दे पाई हूँ ...........उम्मीद है पसंद आयेंगे .
तुरत-फुरत में भी इतने सारे लिंक समोट लिए!
जवाब देंहटाएंआपकी ऊर्जा को नमन!
प्रसंशनीय प्रस्तुति है ।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ।
satguru-satykikhoj.blogspot.com
जल्दी में भी सुन्दर लिंक्स ! आपको मानना पढ़ेगा वंदना जी.. बधाई सुन्दर चर्चा के लिए..
जवाब देंहटाएंjaldi me bhi achchhi charcha prastut ki hai aapne .meri kavita ''aatmshakti par vishvas'' ko charcha me sthan dene ke liye hardik dhanywad .
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच पर नियमित रूप से आ रहा हूँ... आज की सुंदर चर्चा के लिये बधाई...आज की चर्चा में आपने मेरी कविता "रात की बात" को स्थान दिया, इसके लिए धन्यवाद...मेरी शुभकामनाएँ !
जवाब देंहटाएंअब जल्दबाजी में यही होता है। खैर ... यह लिंक मैं खुद ही दे रहा हूं
जवाब देंहटाएंहिन्दी से करते हैं प्यार तो शनिवार को रहें तैयार
कुछ नये लिंक्स हैं, पढ़ता हूँ आराम से।
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स , अच्छी चर्चा, बधाई व अभार।
जवाब देंहटाएंपांच मिनट का काम है यह ...??
जवाब देंहटाएंमैं आपको गुरु बनाना चाहता हूँ चरण कहाँ हैं आपके ...कुछ हमें भी सिखा दिया करो :-(
बहुत सारी अच्छी प्रविष्टियों के लिंक मिले ...
जवाब देंहटाएंबहुत आभार !
सुंदर चर्चा है,
जवाब देंहटाएंआभार
वंदना जी, बधाई सुन्दर चर्चा के लिए !
जवाब देंहटाएंबहुत सारी लिंक्स देने के लिये व अच्छी चर्चा के लिये बहुत बहुत बधाई |आभार मेरी रचना "मेरी चांदनी" को शामिल करने के लिये |
जवाब देंहटाएं---
सुमन सौरभ
http://tum-suman.blogspot.com/
@अविनाश जी,
जवाब देंहटाएंजल्दी मे तो यही होता है मगर अब लगा दी है …………लिंक दे दिया है …………आभार्।
@सतीश जी,
जवाब देंहटाएंहमे तो खुद एक नये चर्चाकार की जरूरत है अगर आप तैयार हैं तो बताइये आपके अन्दाज़ हम भी सीख लेंगे।
वंदना जी ...बधाई इस प्रशंसनीय चर्चा के लिये ।
जवाब देंहटाएं@ सतीश सक्सेना
जवाब देंहटाएंचरणों को कष्ट दीजिए
आदर्श नगर में
मिल लीजिए।
फटाफट चर्चा भी बहुत ज़बरदस्त ...अच्छे लिंक्स मिले ..आभार
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को शामिल करने के लिये धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंkamal hai bhai bhool jane ke bad bhi itni vistrit charcha.bahut achchhi charcha .bahut achchhe links badhai....
जवाब देंहटाएंmere blog kaushal par aakar apni ray avashay den ye mere liye bahut mahtvapoorn hai..
वंदना जी,
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक्स उपलब्ध कराने के लिए आपका आभार।
आज की यह भूली - बिसरी चर्चा न तो भूलेगी न बिसरेगी क्योंकि इन्हीं लिंक्स से बहुत सारी उम्दा पोस्ट्स खुलती हैं।
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा और अच्छे लिंक्स..आभार
जवाब देंहटाएंसिर्फ लिंक्स भी काफी हैं. और अच्छे हैं...
जवाब देंहटाएंvandna ji..
जवाब देंहटाएंaapnne itni mehnat se ye kaam jhat pat kiya hoga smjh skti hun..aapki kaaykuhltaa..ke liye bdhaayi..
bahut pyaare links hain....
mera chemical locha sab tak pahunchaane ke liye tah e d il se shukriyaa
nye saal me chrchaa manch pr ye meri pehali rchnaa he..iskie ;liye aapkaa tah e dil se dhanyaawaad....
aaj kuch bahut pyaare se li k mile unke liye shukriya
take care
adarniya vandnaji,
जवाब देंहटाएंachchhe links dene ke liye aabhar !
सही में इतनी जल्दी इतने अच्छे लिंक्स को एक साथ एक मंच में शामिल करना, बहुत उर्जा है आपमें.
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट को शमिल करके मुझे भी प्रोत्साहित करने के लिए बहुत धन्यवाद!
der aaye, durust aaye! achche links ke liye abhaar :-)
जवाब देंहटाएंवंदनाजी,
जवाब देंहटाएंमंच पर मेरी कविता का लिंक ले आने के लिए आभार !
साभिवादन--आ.
आभार!!!
जवाब देंहटाएंआज की चर्चा बहुत ही शानदार रही । बहुत ही उपयोगी लिँक आपने सजोय है। मेरी गजल को भी आपने चर्चा मँच पर स्थान दिया । मैँ आपका आभारी हूँ ।
जवाब देंहटाएंवंदना जी आपकी उर्जा को मैं एक बार फिर से सलाम करती हूँ और आप इतनी फुर्ती लाती कहाँ से हैं ये भी आपसे पूछना चाहती हु दोस्त !
जवाब देंहटाएंएक बार फिर आपने मेरी रचना को सम्मान दिया उसके लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया करती हु !
आपकी हिम्मत एसे ही बढती रहें भगवान से इसकी दुआ करती हु धन्यवाद दोस्त !
वार्ता बहुत लाजवाब ... पोस्ट शामिल करने के लिये आपका धन्यवाद ..
जवाब देंहटाएंवंदना जी ,,,
जवाब देंहटाएंजब प्रतिभा हो तो कुछ भी मुमकिन है......
उसके लिए पाँच मिनट भी बहुत हैं....
आपको बधाई और मेरी रचना (प्यार में तुम.. Copyright © 2011) सम्मिलित करने के लिए धन्यवाद.......
>>>जोगेन्द्र सिंह..(मेरी लेखनी..मेरे विचार)
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