फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

गुरुवार, मार्च 26, 2015

गांधारी-सा दर्शन {चर्चा - 1929 }

आज की चर्चा आपका हार्दिक स्वागत है 
हरियाणा में अतिथि अध्यापकों को लेकर सरकार और अदालत में चूहे - बिल्ली का खेल चल रहा है । अदालत में सरकार के बयान कुछ और होते हैं और बाहर आकर कुछ और । अवमानना तक का नोटिस जारी हो चुका है लेकिन सरकार की बहानेबाज़ी जारी है । इस घटनाक्रम को देखकर लगता है कि अदालत बड़ी बेचारी है । कभी गलत तथ्यों के आधार पर गलत निर्णय दिलवाए जाते हैं तो कभी मामले को खूब लटकाया जाता है और वह देख ही नहीं पाती क्योंकि हमारे संविधान ने अदालत को सिर्फ कान दिए हैं, आँखें दी ही नहीं । 
चलते हैं चर्चा की ओर  
My Photo
My Photo
My Photo
My Photo
image
आज के लिए इतना ही क्योंकि आज तो वो लोग भी टी.वी.स्क्रीन से चिपके होंगे जो क्रिकेट से नाक-भौं चढ़ाते हैं | चिपकना भी चाहिए | एक बड़ा मैच है | शायद इतिहास बन जाए, इसी कामना के साथ | 
धन्यवाद 

8 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीय दिलबाग विर्क जी
    इस सुन्दर चर्चा के लिए आपका आभार।
    सोमवार की चर्चाकार के रूप में आदरणीया अनुषा जैन जी का
    हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन करता हूँ।

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात
    सौम्बारीय चर्चाकार के रूप में अनुशा जी का स्वागत
    उम्दा लिंक्स और संयोजन सर |

    जवाब देंहटाएं
  3. अनुषा जी का स्वागत और अभिनंदन. .......
    सुंदर चर्चा के लिए बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  4. सुंदर चर्चा,
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार।
    सोमवारीय चर्चाकार के रूप में अनुषा जी का स्वागत है और बहुत बहुत बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  5. सुंदर चर्चा,
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार।

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।