मित्रों!
कल आदरणीया अनुषा जैन ने
बहुत सुन्दर ढंग से चर्चा की थी।
आज देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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"गीत-देवभूमि अपना भारत"
"गीत-देवभूमि अपना भारत"
जब बसन्त का मौसम आता,
गीत प्रणय के गाता उपवन।
मधुमक्खी-तितली-भँवरे भी,
खुश हो करके करते गुंजन।।
पेड़ और पौधें भी फिर से,
नवपल्लव पा जाते हैं,
रंग-बिरंगे सुमन चमन में,
हर्षित हो मुस्काते हैं,
नयी फसल से भर जाते हैं,
गाँवों में सबके आँगन।
मधुमक्खी-तितली-भँवरे भी,
खुश हो करके करते गुंजन।।...
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जाते -जाते वो मुझे इक ऐसी कहानी दे गया
के खुशबू अपनी रंग अपना जाफरानी दे गया
चंद लम्हों को सजा कर लिख दिया ऐसी किताब
ले सफे से हाशिए तक रंग धानी दे गया ...
--के खुशबू अपनी रंग अपना जाफरानी दे गया
चंद लम्हों को सजा कर लिख दिया ऐसी किताब
ले सफे से हाशिए तक रंग धानी दे गया ...
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जिसके कर कमलों से ये घर स्वर्ग सा बना
जिसके कर कमलों से यह घर, स्वर्ग सा बना।
उस माँ की हम, निस दिन मन से, करें वंदना।
जिसके दम से, हैं जीवन में, सदा उजाले,
उसके जीवन, में उजास की, रहे कामना...
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रह जाती ख्वाहिशें आधी अधूरी
जी रहे हम सब यहाँ
कतरा कतरा ज़िंदगी
न जाने क्यों हमारी
रह जाती ख्वाहिशें आधी अधूरी...
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प्यार :
कुछ मुक्तक - 10
धनवानों के लिए प्यार है
ताज - सरीखी एक इमारत ,
पढ़े - लिखों के लिए प्यार
ढाई अक्षर की एक इबारत ;
किन्तु प्यार क्या है...
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हम सब हैं किताब
हम सब हैं किताब , पढ़ने वाला न मिला
या खुदा ऐसा भी कोई ,चाहने वाला न मिला
हाथ में हाथ लिये चलते रहे हम यूँ ही
दूर तक कोई भी साथ निभाने वाला न मिला...
या खुदा ऐसा भी कोई ,चाहने वाला न मिला
हाथ में हाथ लिये चलते रहे हम यूँ ही
दूर तक कोई भी साथ निभाने वाला न मिला...
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बाहर के दायरों से घर तक
घर की दुनिया कितनी अपनी सी है। घर का कोना-कोना आपका होता है, दीवारें लगता है जैसे आपको बाहों में लेने के लिए आतुर हों। इस अपने घर में पूर्ण स्वतंत्र हैं, चाहे नाचिए, चाहे गाइए या फिर धमाचौकड़ी मचाइए, सब कुछ आपका है। बाहर की दुनिया में ऐसा सम्भव नहीं है। इस पोस्ट को पढ़ने के लिए इस लिंक पर...
smt. Ajit Gupta
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सुप्रभात
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंक्स आज की |
सुंदर सूत्र सुंदर संयोजन ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक! पढ़वाने लिए बहुत बहुत आभार आदरणीय!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर लिंक पढ़ने को मिले आज कि चर्चा में।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सर जी।
धन्यवाद ! मयंक जी ! मेरी रचना ''मुक्त-मुक्तक : 686 और नहीं कुछ प्राण था वो ''को शामिल करने का ।
जवाब देंहटाएंसुंदर संयोजन ...सुंदर लिंक पढ़ने को मिले आज ..
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