"चर्चा मंच" अंक-89 चर्चाकारः डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" आइए अब चलते हैं कुछ ब्लॉगों की ओर और करते हैं रुख कुछ ताजा-तरीन पोस्टों की ओरृ- |
उड़न तश्तरी .... | सो कॉल्ड एलीट ग्रुपसो कॉल्ड एलीट ग्रुप- तथाकथित अभिजात्य वर्ग. आम लोगों की पहुँच से बाहर. आम जन के मानस पर हर वक्त यह छाया रहता है कि जाने कैसी दुनिया होगी उनकी. एलीट वर्ग में कोई यूँ ही तो नहीं आ जाता-जरुर व्यस्त रहते होंगे. आम जन के बीच बैठ समय बिताने लगें तो फिर काहे के एलीट. बात समझ में आती है. लेकिन उनकी बात समझने में दिक्कत होती है जो आमजन से दूरी मात्र इस कारण कर बैठे हैं ताकि आमजन उन्हें एलीट समझे… ………………मौसम में घटा जब, सुहानी आ जाए इस कदर भी न पत्थर, हुआ जाए के |
नवसंवत्सर आगमन तथा नवरात्रि के पावन पर्व की आप सबको हार्दिक शुभकामनाऎँ!!!!!!!!!!!!! - कल 16 मार्च चैत्र प्रतिपदा को नवीन संवत्सर और हमारे विक्रमी वर्ष का आरम्भ हो रहा है। साथ ही नवरात्रि का पावन पर्व भी। सूक्ष्म जगत को अपना कार्यक्षेत्र बनान... | - ख़ुशी से दिल को आबाद करना, गम को दिल से आज़ाद करना, मुस्कुराते हुए हमेशा जीना, हमें सिर्फ़ एक पल याद करना ! |
ख़त! - कल देर तक ख़ामोशी से जदोजेहद में था आखिर जिंदगी का एक ख़त हाथ लग गया था। और ख़ामोशी भी आ गयी थी कशमकश में कि क्यों में लफ़्ज़ों के साथ लग गया था॥ कुछ लफ्ज़ अधम.. | ताऊ पहेली - 65 : विजेता सुश्री रेखा प्रहलाद - प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली - 65 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है श्री ... |
मुर्दों का शहर.... - मुर्दों का शहर है ये जहाँ हर कोई अपना जनाज़ा खुद उठाये चला जा रहा है बस फर्क सिर्फ इतना है कफ़न अब रंग-बिरंगे हो गए हैं मातम ने खुशियों के मुखौटे पहन लिए... | उसका खुदा-मेरा खुदा---->>>दीपक 'मशाल' - बेतरतीब सा मैं मुड़े-तुड़े किसी बीड़ी के बण्डल की तरह के सिकुड़नों वाले उस कुरते को हलकी सी सीयन उधड़ी जींस के ऊपर डाल चल दिया था उसके घर की तरफ अनायास ही.... |
केवल तुम हो ...तुम - तुम अपरिचित थे बुरे नहीं भले लगे थे किन्तु ह्रदय में एक भी बुलबुला नहीं फूटा कि दृष्टि उठा कर तुम्हे देख लूं तब ना जाने कौन सी किरण की इंगित तुम्हे मेरे करीब.. | गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब - यह गुरुद्वारा उत्तराखण्ड राज्य के ऊधमसिंहनगर जिले में स्थित है। जिले के बिल्कुल बीच में है जिला मुख्यालय और प्रमुख नगर रुद्रपुर। यहां से एक सडक किच्छा, स.. |
शब्दकोषों का वैशवीकरण - निम्नांकित वाक्य एक में अनेक दिखाने के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है - "भारत की राजधानी नई दिल्ली पर "शब्दकोषों का वैशवीकरण" बिषय पर आयोज्य पहले अंतर्राष्ट्री.. | भारतीय नागरिक - Indian Citizen त्यागी जी के ब्लाग परशुराम२७ में कुछ गड़बड़ है - त्यागी जी के ब्लाग परशुराम२७ में कुछ गड़बड़ है. जब भी टिप्पणी पोस्ट करने जाओ तो कहीं और रीडायरेक्ट हो जाता है. कई बार एक ही लेख चार-चार पांच-पाच जगह अलग-अलग ... |
‘‘गुब्बारे’’ ** *बच्चों को लगते जो प्यारे। * *वो कहलाते हैं गुब्बारे।।* गलियों, बाजारों, ठेलों में। गुब्बारे बिकते मेलों में।। काले, लाल, बैंगनी, पीले। कुछ हैं .. | शहीद - ए - आजम भगत सिंह - 3 - शहीद - ए - आजम भगत सिंह - 3 हृदय विदारक दारुण क्रंदन, परम पिता ने कर आलिंगन, परम वंद्य आत्मा आवाहन, भारत भेजा अपना नंदन . बंगा लायलपुर जनपद में, किसन, विद.. |
कभी कुटिल व्यक्ति भी आपको सफलता दिला देते हैं - कभी आप किसी महत्वपूर्ण पद पर कार्यरत हैं और आप अपने कार्य द्वारा मंजिल प्राप्त करना चाहते हैं। लेकिन देखते हैं कि कोई एक व्यक्ति आपके पीछे पड़ जाता है। स.. | लगा के ठुमके तेरी गली में - *"फागुन"* *याने हंसी ख़ुशी और उल्ल्हास का महीना**...**फाग धमाल का महीना**... **आज फागुन एक बरस के लिए हमसे विदा ले रहा है और ऐसे महीने की विदाई हमें हँसते... |
“बीमार आ गए हैं” *सुख-चैन छीनने को, गद्दार आ गये हैं। टुकड़ों को बीनने को, मक्कार आ गये हैं।। पाये नहीं जिन्होंने, घर में नरम-निवाले, खुद को किया उन.. | अए अजनबी... - अए अजनबी !जब हम मिले, तुम जाने पहचाने -से थे, बरसों हमने साथ गुज़ारे, क्यों बन गए पराये? क्या हुआ, किस बातपे, हम तुम नाराज़ हुए? आओ एक बार फिर मिलें, अजनबिय.. |
बहुत दिन हुए जिन्दगी से मिले - ** *एक ही तर्ज़ पर दो गीत १.* * बहुत **दिन हुए जिन्दगी से मिले अरमाँ मचल कर पहलू में हिले बदला है मौसम , दिल भी है सहमा ले चल किसी अमराई तले पत्ता न हिलता.. | बंदर बाबु - बंदर बाबु पैंट पहनकर पहुंच गए ससुराल खाकर मीठा पान उन्होंनें होंठ कर लिए लाल बंदरिया भी स्मार्ट बन गई पहन के लहंगा चोली खाऊंगी मैं रस-मलाई बंदर से व... |
चैनलों को ज्योतिष का बुखार भाग - एक प्राचीन कथा पर विश्वास करें तो ज्योतिष एक श्रापित विद्या है। एक बार नारद जी कैलाश पर्वत पर पहुंचे भगवान शिव ने कहा नारद जी आप तो बहुत बड़े ज्योतिषी हैं,.. | संस्मरण : किस्सा पहली बोर्ड ड्यूटी का - संस्मरण २५ अप्रैल सन् २००० को लिखा गया था , जब मैं नई - नई शिक्षा विभाग में आई थी. मेरी बरसों से एक इच्छा थी कि मैं टीचर बनूँ, किसी और व्यवसाय में जा... |
मेरे कुछ आवारा साथी - कुछ ज्यादा ही ख़ामोशी हो गयी इन दिनों इस ब्लॉग से मगर आज ये ख़ामोशी मेरे कानों में जोर से चीख के गयी है. चलिए इस चुप्पी को तोडा जाये. बिना पोस्ट के दोस्तों क... | हमें तुम भूल भी जाओ ..काव्य तरंग.. |
Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून कार्टून:- जहाज़ों को अदृश्य बनाने का सिंपल तरीक़ा... |
वो छुप-छुप के लिखना.......... - आज अपने बुक-शेल्फ की सफाई कर रही थी, तो एक पुरानी डायरी हाथ आ गई. सन १९८० की डायरी. यानि तीस साल पुरानी डायरी................. पन्ने पलटने लगी तो मेरा बच..
निवेदन यह है कि यदि आप पल-पल! हर पल!! http://palpalhalchal.feedcluster.com में अपना ब्लॉग शामिल कर लेंगे तो मुझे चर्चा मंच में आपका लिंक उठाने में सरलता होगी।
अब देते हैं चर्चा को विराम!! |
बहुत अच्छी चर्चा । कल से नवरात्रि पर्व प्रारम्भ हो रहा है । सभी को नवरात्रि और नूतन वर्ष की शुभकामनायें । इस अवसर मै अपने ब्लॉग "शरद कोकास" पर नौ दिनो तक विदेशी कवयित्रियों की कवितायें प्रस्तुत करूंगा ।
जवाब देंहटाएंइस सुंदर चर्चा के साथ
जवाब देंहटाएंसभी साथियों को नए वर्ष की शुभकामनाएँ!
अच्छी चर्चा । सभी मित्रों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर एवं सुरूचिपूर्ण चर्चा....
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी, आपको भी नववर्ष और नवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनाऎँ!!!!!
सुंदर चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन चर्चा.
जवाब देंहटाएंरामराम.
अच्छी चर्चा के लिए आभार .. सबों को नवरात्रि की शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा ।
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा....नव वर्ष कि शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा...बहुत बधाई.
जवाब देंहटाएंनव संवत्सर 2067 व नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाएं..
अच्छी चर्चा ...
जवाब देंहटाएंचर्चा में चर्चा के लिए आभार ....!!
नववर्ष की हर्दिक शुभकामनायें ....
जवाब देंहटाएंsundar charcha.
जवाब देंहटाएंnavratri ki shubhkamnayein.