"चर्चा मंच" अंक-97 चर्चाकारः डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" आइए आज का "चर्चा मंच" सजाते हैं- चर्चा में लिंक और पोस्ट सभी कुछ मौजूद हैं! अब देर किस बात की-“कीजिए अपने मन की टिप्पणियाँ!“ |
"एक अपील मासूमो के लिए" |
कुछ बुलबुले.... - कुछ बुलबुले कुछ बुलबुले देख कर ख़ुश हो जाती हैं ज़िन्दगानियाँ भूल जाते हैं कि जब ये फूटेंगे तो क्या होगा ! हाथ रिक्त आसमाँ रिक्त रिक्त सा जहाँ होगा ... |
ललित शर्मा 2 - अथ कर्ण पुराण कथा--प्रवाचक: - ललित शर्मण: मैं रेल्वे स्टेशन पहुंचा जैसे गाड़ी पार्किंग में लगाने लगा तो एक जोर दार आवाज आई *"बजाऊं क्या तेरे कान के नीचे?... | वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता में : श्री ललित शर्मा - प्रिय ब्लागर मित्रगणों, हमने वैशाखनंदन सम्मान पुरस्कारों की घोषणा की थी. जिसके लिये हमें बहुत से मित्रों की प्रविष्टियां प्राप्त हुई हैं. जिनकी भी रचनाएं श.. |
कामयाब होना है, घर की चीज़ों की बात सुनिए...खुशदीप - *हर घर कुछ न कुछ कहता है*...नेरोलक पेंटस का ये एड आपने कभी न कभी ज़रूर देखा होगा...मैं कहता हूं घर क्या, घर का हर कमरा, कमरे की हर चीज़ भी आप से कुछ न कुछ ... | आशिक़ की थी आखिरी-आह.... - आशिक़ की थी आखिरी-आह, नतीजा ज़माना-ए-बेइंसाफ की सबको दे गया था वह दुआएं बस शिकायत अपने खिलाफ की हुआ क़त्ल चुपचाप पर कह न सका बेवफाई यार की रहा सोचता शब-ए.. |
बिखरे सितारे १२: अब तेज़ क़दम राहें.. - (इन्हीं दिनों केतकी को पहले तो विषम ज्वर(typhoid ) और बाद में मेंदुज्वर हो गया..पूजा की माँ, मासूमा, दौड़ी चली आयी वरना बिटिया शायद ठीक नही हो पाती...क्.. | हमें प्रयत्न करना "चाहिए" नहीं - हमें प्रयत्न करना है - और करते रहना है l - यह लेख मुझे मुंबई से श्री मान आनंद जी. शर्मा जी ने इ मेल से भेजा है, पढने मै अच्छा लगा तो उन की इज्जत से आप सब के लिये भी यहां प्रकाशित कर रहा हूं , इस क.. |
“ अमर भारती पहेली-25 के विजेता ताऊ रामपुरिया” - र*विवासरीय साप्ताहिक पहेली-25 का सही उत्तर है-*** ** * श्री थड़ा साहिब, स्वर्ण-मन्दिर, अमृतसर, पंजाब पहेली के विजेता सही उत्तर देने वाले.. | काश ज़मीं से बंदूके पैदा हो गई होती - मात्र तीन साल का एक छोटा सा बालक अपने पिता के साथ खेतो में सिर्फ इसलिए जाता था की देश गुलाम था. जब उसने पिता को जमीन में बीज बोते देखा तो उसने अपने पिता स... |
भारतीय नागरिक - Indian Citizen दाऊद उर्फ हेडली के बारे में दो सवाल - पहला मीडिया से :- हेडली को दाऊद गिलानी (असली नाम) कहने या लिखने में दम खुश्क क्यों होता है? किसी से कोई खतरा है क्या ?? दूसरा भारत सरकार से :- घर के भेदियों.. | शहीदों के प्रति भी इनकी मानसिकता में खोट है ! - पिछले दो घंटे से भेल्ला बैठा था, सोचा क्यों ना एक यात्रा आज उन ब्लोगों की कर लूं, जिन्होंने हमारे इन अमर शहीदों के बारे में आज इस शहीद दिवस के सुअवसर पर ल... |
ऐसा क्यों कि हमारे डॉक्टर देश छोड़ विदेश की ओर मूंह मोड़ रहे हैं--- - भारत में करीब ३०० ऍम सी आई द्वारा स्वीकृति प्राप्त मेडिकल कॉलिज हैं , जिनमे से करीब ३५००० छात्र प्रति वर्ष मेडिकल डिग्री प्राप्त कर डॉक्टर बनते हैं। हालाँक... | अपने नाम का सर्च इंजन बनाये - अपने नाम का सर्च इंजन बनाये, निचे दिए हुवे लिंक को क्लिक करे और गूगल के जगह अपना नाम दिखाए \ यहाँ क्लिक करे |
कबीर, जिन्हें एक साथ ही अग्नि और धरती में लीन होना पडा. . - कबीर के समय में काशी विद्या और धर्म साधना का सबसे बड़ा केन्द्र तो था ही, वस्त्र व्यवसायियों, वस्त्र कर्मियों, जुलाहों का भी सबसे बड़ा कर्म क्षेत्र था। देश के.. | मैं हिन्दुस्तानी हूँ - मै हिन्दुस्तानी हूँ मजहब की दीवार कभी गिरा नहीं पाया किसी गिरते को कभी उठा नहीं पाया नफरतों के बीज पीढ़ियों में डालकर इंसानियत का दावा करने वाला मैं ... |
लड्डू बोलता है ....इंजीनियर के दिल से..... विलुप्त होती... नानी-दादी की बुझौअल, बुझौलिया, पहेलियाँ....बूझो तो जाने..... - मेरा मकसद पहेली का कोई ब्लाग शुरू करने का नहीं है. कई इलाकों में पहेलियों को बुझौअल या बुझौलिया भी कहा जाता है. बचपन में सुनी गयी नानी-दादी की ये पहेलिय.. | “कंचन का बिछौना” - *[image: IMG_1105] रूप धरती ने धरा कितना सलोना। बिछ गया खेतों में कंचन का बिछौना।। भार से बल खा रहीं हैं डालियाँ, शान से इठला रहीं हैं बालियाँ, छा ग.. |
२३ मार्च, १९३१ - आज से ठीक ७८ वर्ष पहले, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु ने हँसते-हँसते फांसी के फंदे को चूमा था. कभी ना मरने वाले उस जज़्बे को सलाम. ९ अप्रैल, १९२९ को केंद्रीय सभा.. | गोरों के जाने के बाद भी देश में लूट और स्वार्थ का राज- भगत सिंह - आज 23 मार्च को भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव की पुण्य तिथि है। 23 मार्च 1931 को इन क्रांतिकारियों को आजादी कि कीमत के रूप में फाँसी के फँदे पर लटका दिया गया. .. |
जनसेवकों के `एश` के मार्ग प्रशस्त - *ये है दिल्ली मेरी जान** * *(लिमटी खरे)* * **जनसेवकों के `एश` के मार्ग प्रशस्त* *देश के जनसेवकों (विधायक, सांसद, मन्त्री और नौकरशाह) के फाईव स्टार संस्कृति ... | हरिभूमि में पढि़ए मधुमक्खियों की माया या माया की मधुमक्खियां (अविनाश वाचस्पति) - इमेज पर करें क्लिक और देखिए उड़ती हुई शब्दों की मक्खियां जो मधु न होते हुए भी चिपट ….. |
Mar 23, 2010 | Author: सुधीर | Source: जीवन के पदचिन्ह आशिक़ की थी आखिरी-आह, नतीजा ज़माना-ए-बेइंसाफ की सबको दे गया था वह दुआएं बस शिकायत अपने खिलाफ की .. | लो क सं घ र्ष !: वीर भगत सिंह आज अगर, उस देश की तुम दुर्दशा देखते Mar 23, 2010 | Author: Suman | Source: लोक वेब मीडिया शहीद दिवस के अवसर पर विशेष |
बलात्कार.....एक छोटी सी बात!!! Mar 23, 2010 | Author: आओ बात करें .......! | Source: आओ बात करें .......! बलात्कार....खूब करो....जब चाहे...तब करो....टेन्सन की कोई जरुरत नहीं. कानून क्या कर लेगा?? पहली लाइन पढ़कर ही आपने गलियाँ देना शुरू कर दिया होगा....कुछ ने तो मेरे चित्र पर जूते मार भी दिए होंगे........महिलाओं के हक-हकुकों के स्यंभू ठेकेदार NGO वाले तो चल पड़े होंगे मेरे खिलाफ 376 का मुक़दमा दर्ज करने..........!!! प्लीज़ रुकिए...में बलात्कारी नहीं हूँ और न ही बलात्कार का प्रचारक....माफ़ कर दीजिये मुझे.. मैं तो आपको सच की बदसूरत तस्वीर दिखाने लगा हूँ!! जी साब...मेरी बात मानिये.... बात तो सुन ल ... | शरत के उपन्यास चरित्रहीन की नायिकाए Mar 23, 2010 | Author: HARI SHARMA | Source: शरत चन्द्र की कहानियों के अद्भुत नारी पात्र शरत बाबू के वर्मा के घर मे लगी आग मे उनकी कई पुस्तको की पान्डुलिपी जलकर राख हो गयी थी. उनमे से एक थी चरित्रहीन जिसके ५०० पृष्ठों के जलने का उन्हे बहुत दुख रहा. इसने उन्हे बहुत हताश किया लेकिन वे निराश नहीं हुए.दिन-रात असाधारण परिश्रम कर उसे पुन: लिखने मे समर्थ हुए. लिखने के बाद शरत् बाबू ने अपनी इसके सम्बन्ध में अपने काव्य-मर्मज्ञ मित्र प्रमथ बाबू को लिखा - ‘‘केवल नाम और प्रारम्भ को देखकर ही चरित्रहीन मत समझ बैठना. मैं नीतिशास्त्र का सच्चा विद्यार्थी हूं. नीतिशास्त्र समझता हूं. कुछ भी हो, .. |
Mar 23, 2010 | Author: raghav | Source: ताक-झाँक आज का दिन एक पावन पर्व है ।लेकिन हम केवल उन स्वतऩ्त्रता संग्राम सेनानियो की याद मे एक सभा आयोजित करेंगे और शहीदे आजम सरदार भगतसिंह की फोटो मे माला चढ.ा इतिश्री कर लेंगे । क्या यही हमारा कर्तव्य है। उन सभी स्वतऩ्त्रता संग्राम सेनानियों के परिवार के सदस्यो के प्रति भी हमारा कर्तव्य है कि उन्हें किसी भी प्रकार का कोई कष्ट न हो । सरदार भगतसिंह स्वतन्.त्रता संग्राम सेनानियो मे सिरमौर हैं । वे सदैव सर्वहारा वर्ग की बात करते रहे लेकिन आज यह सर्वहारा वर्ग कहाॅ है । पंूॅजी केवल कुछ लोगो के हाथो .. | Mar 23, 2010 | Author: करण समस्तीपुरी | Source: मनोज नाम आज कोई याँ नहीं लेता है उन्हों का ! जिन लोगों के कल मुल्क ये सब ज़ेर-ए-नगीं था !! नमस्कार ! आज इस ब्लॉग यात्रा का छः मास पूरा हुआ। आपके सहयोग, स्नेह, शुभ-चिंतन, मार्गदर्शन के लिए कोटिशः धन्यवाद ! असमंजस में हूँ कि इस अर्धवार्षिक पड़ाव पर क्या आपकी नजर करूँ ? अखबार के एक पन्ने पर छपे विज्ञापननुमा नज़ारे से एक ख्याल आया। शहीद-ए-आज़म भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने वर्षों पूर्व आज ही के दिन 23 मार्च 1931 को वतन की राह में हँसते-हँसते फांसी के तख्ते को चूम लिया था। तो आओ "जो शहीद हुए हैं उ .. |
एक मुलाक़ात ...शहीद की आत्मा से Mar 23, 2010 | Author: sangeeta swarup | Source: गीत............... कल रात | Mar 23, 2010 | Author: ρяєєтι | Source: Antrang - The InnerSoul ! यह पोस्टिंग पढने के लीये "design" पर क्लिक करें ... |
सिर्फ इक्कीस बरस का जीवन जिसने जिया .. Mar 23, 2010 | Author: शरद कोकास | Source: शरद कोकास नवरात्रि आठवाँ दिन इन कवयित्रियों को आपने पढ़ा - प्रथम दिन से लेकर आपने अब तक फातिमा नावूत , विस्वावा शिम्बोर्स्का, अन्ना अख़्मातोवा .गाब्रीएला मिस्त्राल और अज़रा अब्बास , दून्या मिख़ाइल और शीमा काल्बासी की कवितायें पढ़ीं । इन पाठकों की प्रतिक्रियाएँ आपने पढ़ीं -नवरात्रि के सातवें दिन प्रकाशित शीमा काल्बासी की कविता पर जो बातचीत हुई उसमे अपनी सहभागिता दर्ज की अशोक कुमार पाण्डेय ने ,शिरीष कुमार मौर्य ने ,लवली कुमारी ,हरि शर्मा ,पारुल ,राज भाटिया , सुमन , डॉ.टी.एस.दराल , हर्षिता, प्रज्ञा पाण्डेय ... | Mar 23, 2010 | Author: KK Yadava | Source: ताक-झाँक 23 मार्च को राजगुरु, सुखदेव और शहीद-ए-आजम भगत सिंह की पुण्य तिथि है।ब्रितानिया हुकूमत ने जब शहीद-ए-आजम भगतसिंह को फाँसी के फँदे पर लटकाया तो पूरे देश में आजादी पाने की ख्वाहिश और भी भड़क गई। 23 मार्च 1931 की इस घटना की गूँज देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में सुनाई दी। तत्कालीन भारतीय नेताओं और देश विदेश के अखबारों ने गोरी हुकूमत के इस अन्यायपूर्ण फैसले के खिलाफ जबरदस्त प्रतिक्रिया व्यक्त की। गौरतलब है कि गोरी हुकूमत ने जन विद्रोह के डर से लाहौर षड्यंत्र (सैंडर्स हत्याकांड) में राजगुरु, सुखदेव ... |
Mar 23, 2010 | Author: Kirtish Bhatt, Cartoonist | Source: Cartoon, Hindi Cartoon, Indian Cartoon, Cartoon on Indian Politcs: BAMULAHIJA बामुलाहिजा >> Cartoon by Kirtish Bhatt | Mar 23, 2010 | Author: विनीता यशस्वी | Source: यशस्वी काशीपुर उत्तराखंड का तराई वाला शहर है। काशीपुर का इतिहास भी बिल्कुल अनोखा है। बाबा रामदेव ने भारत स्वाभिमान दल की घोषणा की Mar 23, 2010 | Author: Ram Shiv Murti Yadav | Source: यदुकुल योग गुरू बाबा रामदेव के नेतृत्व वाले पंतजलि योगपीठ ने विदेशी बैंकों में जमा कालाधन वापस लाने, राजनैतिक शुचिता के माध्यम से भारत को दुनिया की महाशक्ति बनाने और देश से अशिक्षा, भूख, बेरोजगारी, नक्सलवाद और भ्रष्टाचार आदि समाप्त करने के इरादे से अगले लोकसभा चुनावों में सभी 543 सीटों पर उम्मीदवार खड़े करने की घोषणा की है। बाबा रामदेव ने कहा कि भारत स्वाभिमान के बैनर तले वे सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेंगे। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि वे किसी राजनीतिक पद या लाभ से खुद को दूर रखेंगे।उन्हों .. आज के लिए केवल इतना ही! जय भारत! वन्दे मातरम्!! |
बहुत अच्छी चर्चा.....
जवाब देंहटाएंमेरा पोस्ट को शामिल करने के लिए धन्यबाद भी.............
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विलुप्त होती... नानी-दादी की बुझौअल, बुझौलिया, पहेलियाँ....बूझो तो जाने....
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http://laddoospeaks.blogspot.com/2010/03/blog-post_23.html
लड्डू बोलता है ....इंजीनियर के दिल से....
विस्तृत एवं उम्दा चर्चा!!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा.....
जवाब देंहटाएंSundar aur vistrit charchaa Shashtree ji
जवाब देंहटाएंसार्थक चर्चा. कई नई पोस्ट पढ़ने को मिलीं. आभार
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढिया चर्चा…………॥काफ़ी लिंक्स यहीं मिल गये……………आभार्।
जवाब देंहटाएंअच्छी और विस्तृत चर्चा....आभार
जवाब देंहटाएंसुन्दर वा स्वस्थ्य चर्चा ! हमारे ब्लॉग पर अमर-शहीदों को अर्पित श्रधा-सुमन को अपनी चर्चा में स्थान देने के लिए, धन्यवाद !!!
जवाब देंहटाएं"एक अपील मासूमो के लिए" ..अच्छी लगी. आप अच्छा सोच रहे हैं.
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"पाखी की दुनिया" में इस बार पोर्टब्लेयर के खूबसूरत म्यूजियम की सैर
आदरणीय शास्त्री जी ,
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह खूबसूरत चर्चा रही ये भी
अजय कुमार झा
Sundar charcha....dhanywaad.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंFull from of MP3
जवाब देंहटाएंGIF full form
जवाब देंहटाएंFull From UPS
जवाब देंहटाएंFull from AVI
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