“हमको याद दिलाते हैं!”
"चर्चा मंच" अंक-100 चर्चाकारः डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" "चर्चा मंच" का 99 का फेर समाप्त हुआ! आइए शतकीय पोस्ट के साथ आज का "चर्चा मंच" सजाते हैं- देखिए कुछ चुने हुए लिंक्स- विज्ञान का वास्तविक तौर पर प्रचार प्रसार काफी मुश्किल लगता है !!भारतवर्ष में फैले अंधविश्वास को देखते हुए बहुत सारे लोगों , बहुत सारी संस्थाओं का व्यक्तिगत प्रयास अंधविश्वास को दूर करते हुए विज्ञान का प्रचार प्रसार करना हो गया है। मैं उनके इस प्रयास की सराहना करती हूं , पर जन जन तक विज्ञान का प्रचार प्रसार कर पाना इतना आसान नहीं दिखता। पहले हमारे यहां 7वीं कक्षा तक विज्ञान की पढाई अनिवार्य थी , पर अब सरकार ने 10वीं कक्षा तक विज्ञान की पढाई को अनिवार्य बना दिया है । 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों को पढाने वाले एक शिक्षक का मानना है कि कुछ विद्यार्थी ही गणित और विज्ञान जैसे विषय को अच्छी तरह समझने में कामयाब है, बहुत सारे विद्यार्थी विज्ञान की नैय्या को भी अन्य विषयों की तरह रटकर ही पार लगाते हैं । उनका मानना है कि एक शिक्षक को भी बच्च्े के दिमाग के अनुरूप ही गणित और विज्ञान जैसे विषय को पढाना चाहिए।....... |
उच्चारण “हमको याद दिलाते हैं” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)जब भी सुखद-सलोने सपने,नयनों में छा आते हैं। गाँवों के निश्छल जीवन की, हमको याद दिलाते हैं। सूरज उगने से पहले, हम लोग रोज उठ जाते थे, दिनचर्या पूरी करके हम, खेत जोतने जाते थे, हरे चने और मूँगफली के, होले मन भरमाते हैं। गाँवों के निश्छल जीवन की, हमको याद दिलाते हैं।।…. .. | नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच के आदेश नहीं दे सकता सुप्रीम कोर्टलोकेश Lokeshसुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच के आदेश नहीं देसकता है। शीर्ष कोर्ट ने इसकी जिम्मेदारी जांच एजेंसियों पर डाली है। मुख्य न्यायाधीश केजी बालकृष्णन की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग के खिलाफ दायर आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले की सुनवाई करते हुए 25 मार्च को यह आदेश दिया।… .. |
अंतर्मंथन मलाई वो खा रहे हैं , हम तो खाली उंगलियाँ चाट रहे हैं -- - पिछली पोस्ट में मैंने एक बेहद गंभीर मुद्दे को एक पहेली के रूप में उठाया था । इस पर कुछ बड़ी दिलचस्प टिप्पणियां पढने को मिली। श्री जी के अवधिया जी , मिहिरभो... | अंधड़ ! ऐसी नहीं तो वैसी आयेगी, मगर आयेगी जरूर ! - कल ही एक खबर पर ध्यान गया था, खबर थी ; भारत और बांग्लादेश पिछले 30 साल से बंगाल की खाड़ी में स्थित एक छोटे से टापू पर अपना अपना दावा ठोक रहे थे। ग्लोबल वा... |
ज़ख्म क्षणिकाएं - आज तो चाँदनी भी जल रही है चाँद के आगोश को तड़प रही है मोहब्बत के दंश झेल रही है फिर भी उफ़ ना कर रही है हर कश पर ख़त्म होती धुंआ बन उडती ज़िन्दगी गली... | नन्हें सुमन "सब्जी-मण्डी” देखो-देखो सब्जी-मण्डी, बिकते आलू,बैंगन,भिण्डी। कच्चे केले, पक्के केले, मटर, टमाटर के हैं ठेले।….. |
लड्डू बोलता है ....इंजीनियर के दिल से..... आपके पास कैसा दिमाग है ?...जाँचिये एक मिनट में......(लड्डू बोलता है.....इंजीनियर के दिल से.....) - मैं कब पैदा हुआ ?... याद नहीं...मतलब *जन्म के समय दिमाग नहीं रहा होगा....* लेकिन जन्म के समय बच्चे रोते हैं.... मैं भी रोया था......(ऐसा लोग बताते हैं.).... | Gyan Darpan ज्ञान दर्पण आडवानी जी के ब्लॉग पर टिप्पणी में कांट-छांट : एक निंदा टिप्पणी जरुर करें - अभी अभी दरबार ब्लॉग पर धीरू सिंह जी की पोस्ट पढ़ी कि आडवानी जी के ब्लॉग पर उनके द्वारा की गयी टिप्पणी कांट-छांट कर प्रकाशित की गयी है इस सम्बन्ध में ज्यादा .. |
ताऊजी डॉट कॉम वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता में : श्री रामकृष्ण गौतम - प्रिय मित्रगणों, "वैशाखनंदन सम्मान पुरस्कार प्रतियोगिता" के अंतर्गत आज पढिये श्री रामकृष्ण गौतम की व्यंग कविता नाम : राम कृष्ण गौतम पता : जबलपुर [मध्य प... | JHAROKHA दर्दे --जिन्दगी - *दवा ही बन ग़यी है** **जिन्दगी मेरी,*** *दुआ कीजिये वो जहर न बने।*** * * *लहू जो दौड़ रहा जिस्म में,*** *दुआ कीजिये बेरंग न बने।* * * *पिये जा रही हू.. |
आरंभ Aarambha कैसे बनाते है आदिवासी पारंम्परिक मंद (दारू/शराब) - बैगा आदिवासियों के द्वारा महुआ को सडा कर उसे आसवित कर बनाई जा रही देसी दारू बैगा आदिवासियों के गांव मे हमारे कैमरे को देख बच्चो की खुशी अभी हम कुछ दिनों... | ज्योतिष की सार्थकता क्या कोई रत्न(gem stone) आपके जीवन की दिशा बदल सकता है? - इस बात को तो प्रत्येक व्यक्ति भली भान्ती जानता है कि रत्नों का ग्रहों से विशेष सम्बंध होता है। इनमें ग्रहों की शक्तियों को आत्मसात करने की प्रबल शक्ति होती... |
my own creation ख़्वाबों में लाने के लिए! - *इक दरख्वास्त तुझ से की है, नज़र-ए-जाम पिलाने के लिए, कतरा-ए-आब(१) ही काफी है सादिक, मुझे होश में लाने के लिए, अबरू(२) ये तीखी कम नहीं, हूरे-सल्तनत हिलाने के .. | पराया देश भारतीय की जान की कीमत - *(बाल-बुद्धि भारतियों पर कवि का कटाक्ष)* अरे - समझौता गाड़ी की मौतों पर - क्या आंसू बहाना था उनको तो - पाकिस्तान नाम के जहन्नुम में ही - जाना था मरने ही जा ... |
काव्य मंजूषा घो घो रानी कितना कितना पानी.... - बहुत दिनों से ये गीत याद आ रहा है जो हम बचपन में गाया करते थे... बरसात के दिनों में मखमली लाल रंग का कीड़ा (कीड़ा कहते हुए भी बुरा लग रहा है वो इतना खूब.. | समाचार:- एक पहलु यह भी जब विशाल जहाज ने पार किया तंग फॉटक - मेरा हमेशा प्रयास रहा है की मैं आपसे समय-समय पर कुछ ऐसे विषयों पर गुफ्तगू करता रहूँ जिसके बारे में हम समाचार पत्रों में तो पढ़ते रहे है लेकिन कभी उसके दूसर.. |
काव्य तरंगहिन्दी काव्य संग्रह ......कसक दिल की - सजदे कितने किये चोखट पर तेरी पर दर्द दिल का हुआ न कम खुशियों की सहर नहीं शायद किस्मत में अपनी ग़म की अँधेरी रात में ही निकलेगा ये दम ****************** जिन.. | देशनामा नशों ने मारे गबरू कैसे कैसे...खुशदीप - एक भालू सिगरेट का सुट्टा लगाने की तैयारी कर रहा था कि एक चूहा उसके पास आया...चूहे ने कहा... *इतने शक्तिशाली, इतने हैंडसम जवान हो, क्यों खुद को इस नामुराद स.. |
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पोस्टमैन Mar 26, 2010 | Author: डाकिया बाबू | Source: डाकिया डाक लाया तन पर कोट डटा है, सिर पर खाकी साफा बांधे चला आ रहा है लटकाए, झोला अपना कांधे कितने पत्र पिताओं के हैं, माताओं के कितने उतने यहां खड़े बालकगण, बाट जोहते जितने सबका नाम पुकार वस्तुएं, सबकी सबको देता है बदले में न किसी से भी, एक दाम है लेता।… | व्यवस्था परिवर्तन के बहाने राजनीति की राह में बाबा रामदेव Mar 26, 2010 | Author: Ram Shiv Murti Yadav | Source: ताक-झाँक योग गुरु बाबा रामदेव का मानना है कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए मौजूदा लचर व्यवस्था को राजनैतिक मौत देनी होगी। पूरे सिस्टम में आमूल-चूल बदलाव करना होगा। शायद इसीलिए बाबा रामदेव व्यवस्था परिवर्तन के नारे के साथ भारत स्वाभिमान समिति के बैनर तले लोकसभा और देश की विधान सभाओं की सभी सीटों पर प्रत्याशी खड़ा करने का ... |
उदाहरण स्वरूप अपहरण और मनहरण Mar 25, 2010 | Author: अजित वडनेरकर | Source: शब्दों का सफर ... उदाहरणम् का अर्थ है दृष्टांत देना, वर्णन करना, परिचयात्मक गीत या कविता की पंक्तियां जैसे स्तुतिगान आदि।… | सीख मिल गई - (लोककथा) Mar 25, 2010 | Author: डॉ० कुमारेन्द्र सिंह सेंगर | Source: हिन्दी साहित्य मंच किसी गरीब आदमी का अपने गाँव के एक बड़े धनी आदमी से झगड़ा हो गया। उस अमीर आदमी ने गरीब को बहुत ही ज्यादा परेशान कर रखा था। गरीब आदमी को लोकतन्त्र पर बहुत विश्वास था। इसी विश्वास के आधार पर गरीब आदमी ने अदालत के सामने गुहार लगाई।… |
वो क्या बेच रहा है ? Mar 25, 2010 | Author: दर्पण साह 'दर्शन' | Source: ...प्राची के पार ! अरे ... संभाल के, हस्ते काहे हैं? अभी धूल लगा है बस... थोड़ी झाडियेगा... फू-फू... थ... थ... थ... हलके हात से, बड़ा संभाल के रखे हैं….. | न्यायपालिका के फ़ैसले और उनके निहितार्थ : लिव इन रिलेशनशिप, बलात्कार आदि के परिप्रेक्ष्य में Mar 25, 2010 | Author: अजय कुमार झा | Source: आज का मुद्दा कल इस पोस्ट को कोर्ट कचहरी पर लिखा था मगर आज फ़िर कुछ प्रश्नों को देखा तो लगा कि इसे दोबारा यहां पोस्ट करना अभी उचित होगा ..... |
चौपाल : आंच पर कवि-कर्म और आलोचक धर्म Mar 25, 2010 | Author: करण समस्तीपुरी | Source: मनोज ऑच-9…. | बच्चे,खेल,बागान Mar 25, 2010 | Author: पारूल | Source: …पारूल…चाँद पुखराज का…… गर्मियों के लम्बे शुरुआती दिनों में दुमंजिले पर बसे बच्चे अधिक बेसब्री से करते हैं सांझ घिरने का इंतज़ार….. |
एक बूँद Author: Babli | Source: KAVITAYEN एक बूँद कभी छलके झरनों से, कभी बरसे बादलों से, कभी उछले लहरों से, वो है एक बूँद !……. | समां और परवाना ...... Mar 26, 2010 | Author: देवेश प्रताप | Source: विचारों का दर्पण देवेश प्रताप |
केरीकेचर- बड़े भाई आदरणीय आलोक तोमर जी.... Mar 26, 2010 | Author: आरडीएक्स | | Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून कार्टून:- लो कर लो पेट्रोल और महंगा...मेरे ठेंगे से ! - अब आज का शतकीय अंक समाप्त करने की आज्ञा दीजिए! |
चर्चा मंच पर इस पहले शतक की ढेर सारी बधाई शास्त्री जी !
जवाब देंहटाएंशतक की बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत त्वरित है यह मंच
सबसे तेज
चर्चा मंच पर इस पहले शतक की ढेर सारी बधाई शास्त्री जी !
जवाब देंहटाएंफिलहाल तो मेरा दिमाग गोल है ..सर जी....
जवाब देंहटाएं.पोस्ट को चर्चा में शामिल करने के लिए धन्यबाद.....
हाँ सर जी बधाई भी है.....
जवाब देंहटाएंक्या करूं?...
गोल दिमाग से लेट बधाई.....
चर्चा मंच पर इस पहले शतक की ढेर सारी बधाई शास्त्री जी !
जवाब देंहटाएंशतक की बधाई...
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी बहुत बहुत बधाई हो शतक मारने की ..चर्चा सुंदर रही
जवाब देंहटाएंअजय कुमार झा
शास्त्री जी, इस शतकीय पारी की बहुत बहुत बधाई!!!
जवाब देंहटाएंडबल सैंकडे की बधाई भी हमने अभी से तैयार रखी है:-)
शास्त्री जी
जवाब देंहटाएं100 पोस्ट हेतु आपको हृदय से बहुत-बहुत बधाई,
चर्चा मंच ब्लाग जगत में मील का पत्थर साबित होगा, ऐसा मेरा विश्वास है,
पुनश्च शुभकामनाएं।
Is shatkeeya ank par aapko aur hum sabko badhai
जवाब देंहटाएंपहले शतक की ढेर सारी बधाई शास्त्री जी !
जवाब देंहटाएंपोस्ट को चर्चा में शामिल करने के लिए धन्यबाद.....
चर्चा मंच पर शतक की ढेर सारी बधाई ....बहुत सुन्दर चर्चा !!
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच के शतक कि बधाई....हमेशा कि तरह ताज़ातरीन चर्चा....आभार
जवाब देंहटाएंशतकीय अंक की ढेर सारी बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा
शास्त्री जी,
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच पर पहले शतक की हार्दिक शुभकामनायें, अब दोहरे शतक इंतज़ार रहेगा, अभी तो आपको बहुत लम्बी पारी खेलनी है!
मुबारक हो!
चर्चा मंच के सौवी पोस्ट पूरे होने की हार्दिक बधाई!
जवाब देंहटाएंसौंवी पोस्ट के लिए बधाई !!
जवाब देंहटाएंचर्चा-शतक पूर्ण करने पर
जवाब देंहटाएंमेरी तरफ से हार्दिक बधाई!
शास्त्री जी,
जवाब देंहटाएंये शतक सचिन तेंदुलकर जैसे ही हर शिखर को पार करें...
जय हिंद...
शातक की बहुत बधाई..अभी ऐसे ऐसे कई शतक लगाने हैं..शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच की शतकीय पारी की बहुत बधाई ...!!
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंशतकीय अंक की ढेर सारी बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा
shatakiya pari par hardik badhaayi.............score par score badhte rahna chahiye aur shatak lagte rahna chahiye.
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