नमस्कार मित्रों!
मै मनोज कुमार एक बार फिर हाज़िर हूं रविवासरीय चर्चा के साथ। इस बार मन थोड़ा दुखी है। कुछ महीने पहले ही वयोवृद्ध साहित्यकार आचार्य जानकीवल्लभ शास्त्री जी से मिलकर आया था। कल अचानक खबर आई कि
आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री जी नहीं रहे। जब से उनके निधन का समाचार सुना रह-रह कर उनके कहे ये बोल कानों में गूंज रहे हैं।
“आपको देख कर कैसा लगता है – डेढ दो साल और खींच दूंगा। पच्चानवे साल का हो गया हूँ मैं। पता नहीं और कितने दिन और खीचूँगा।”
आज ‘फ़ुरसत में …’ उनके साथ बिताएं पलों की झांकी उनके शब्दों में और चित्रों में ‘मनोज’ ब्लॉग पर देखें। आइए इस महाकवि को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए आज की चर्चा शुरु करते हैं।
१.
from गुल्लक by राजेश उत्साही
मैं नज़्में लिखता हूं
वे
छप नहीं पातीं
लेकिन छपेंगी
मैं एक खुशखबरी वाले खत के इंतज़ार में हूं
मु
मकिन है वो मेरे मरने के दिन आए
लेकिन आएगा ज़रूर
*** कवि युग दृष्टा होता है। इस समय दुनिया भर में अवाम की ताकत से बदलाव की जो हल्की-सी किरण दिखाई दे रही है, हो सकता है उसे सूरज बनने में और पचास बरस लगें तो भी उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए।
२.
from भाषा,शिक्षा और रोज़गार by शिक्षामित्र बता रहे हैं कि
जब हम पढ़ाई करते है तो कई बार कई विषय हमें कठिन लगते है। कभी किसी टॉपिक को समझने में दिक्कत आती है, कभी-कभी हम भूल जाते है, कभी हमारा पढ़ाई में मन नहीं लगता है, कभी हम परीक्षा में लिखकर तो आते हैं, लेकिन नंबर कम आते हैं, तो कभी-कभी हम तनाव में आ जाते है।
आखिर क्या करें, जिससे की हम हमारे ज्ञान को बढ़ा सके और सहजता के साथ, सरलता से पढ़ाई कर सके एवं अपने ज्ञान में वृद्वि कर सके।
*** हल्का संगीत सुनने, शास्त्रीय संगीत सुनने, वाद्य यंत्रों का संगीत सुने, अपनी श्वास-प्ररवास पर ध्यान देना। हम एकाग्रचित्त महसूस करेंगे और अधिक ऊर्जा के साथ पढ़ाई कर सकेंगे।
३.
from आज का मुद्दा by अजय कुमार झा कहते हैं ये तो बस चंद वो मुद्दे हैं जो सामने हैं जिसके लिए आम जनता को किसी भी अनशन , किसी जनांदोलन और किसी जंतर मंतर की प्रतीक्षा करने की जरूरत नहीं है । इन मुद्दों पर लगातार काम होना चाहिए और हर स्तर पर होना चाहिए । अब आप खुद तय करिए कि आप इसमें से किसके साथ कैसे कब कहां जुड रहे हैं .
*** सही है, हमें इन मुद्दों का विरोध करते रहना चाहिए।
४.
from An Indian in Pittsburgh - पिट्सबर्ग में एक भारतीय by Smart Indian - स्मार्ट इंडियन
.
" ... ऊंच-नीच से ऊपर उठे बिना क्रांति नहीं आयेगी। ... मैं और मेरा, यह सब पूंजीपतियों के चोन्चले हैं। ... धर्म अफीम है। ... शादी, विवाह, परिवार जैसी रस्में हमें बान्धने के लिये, हमारी सोच को कुंद करने के लिये पिछडे, धर्मभीरु समाजों ने बनाई थीं। ... अपना घर फूंककर हमारे साथ आइये।"
*** कथनी और करनी में फ़र्क़ को दर्शाती लघुकथा सटीक और सार्थक है।
५.
from परावाणी : The Eternal Poetry by noreply@blogger.com (Aravind Pandey)
ललित रजनी का मृदु परिरंभ,
ले रहे थे समोद शशकांत .
यथा नारी को भोग्या मान,
रमण करता है मानव, भ्रान्त.
६.
from चिंतन by वंदना शुक्ला
नींद तो बिटवा को भी नहीं आई दो रोज से!
तुझे बेटे कि पडी है ,यहाँ देश अनशन कर रहा है चार दिनों से
रोटी तो हमने भी नहीं खाई साब, कई दिनों से.......
देश करवट ले रहा है नहीं जानती क्या?
७.
from हास्य व्यंग ब्लोगर्स महासभा by रामपुरी सम्राट श्री राम लाल
एक रुपए के सिक्के,
और पाँच पैसे के सिक्के में,
लड़ाई हो गई,
पर्स के अंदर
हाथापाई हो गई।
जब पाँच का सिक्का
दनदना गया
तो रुपया झनझना गया
८.
from शस्वरं by Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार
करो यह जिस्म छलनी , रूह के अंदर तो मत मारो
मेरे बन कर , मेरे दुश्मन से ही मिल कर तो मत मारो
मेरी भी है कोई इज़्ज़त , भरम रहने दो कुछ मेरा
चलो , घर में मुझे मारो ; मुझे बाहर तो मत मारो
गला मेरा दबादो , घौंपदो ख़ंजर या सीने में
मेरी
नाज़ुक रगें तुम रोज़ छू - छू'कर तो मत मारो
९.
from 'विचार प्रवाह' by PRIYANKA RATHORE
स्वप्नलोक की इस नगरी में
रत्न जडित जोड़े में लिपटी
उस सुर्ख लाल आभा का तेज
उन खनकती रुनझुन में
तेरी हंसी की मिठास
तेरे नाम से जुड़े खुद के नाम में
वजूद के स्थायित्व का अहसास
दिल को सुकून देता है .....
१०.
from किस से कहें ? by अमिताभ मीत
कोई ज़रूर तो नहीं कि जब कभी भी मुझे
ख्वाब आयें तो उन में तेरा गुज़र भी हो ही
गोया तू मेरे ही इन ख़्वाबों की अमानत है
यूं है नहीं, मैं यूं ही सोच लिया करता हूँ
११.
from varsha singh by Dr Varsha Singh
१२.
from उच्चारण by डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)
१३.
from वटवृक्ष by रश्मि प्रभा...
१४.
from वटवृक्ष by रश्मि प्रभा...
१५.
from मेरी भावनायें... by रश्मि प्रभा...
१६.
from श्रद्धा सुमन by Anita
१७.
from युग दृष्टि by ashish
१८.
from " 21वीं सदी का इंद्रधनुष " by babanpandey
१९.
from बेचैन आत्मा by देवेन्द्र पाण्डेय
२०.
from सम्वेदना के स्वर by सम्वेदना के स्वर
२१.
from Cartoon, Hindi Cartoon, Indian Cartoon, Cartoon on Indian Politcs: BAMULAHIJA by Kirtish Bhatt, Cartoonist
२२.
from दुनिया रंग रंगीली by Minakshi Pant
२३.
from जज़्बात, ज़िन्दगी और मैं by Indranil Bhattacharjee ........."सैल"
२४.
from काम की बातें by Tarkeshwar Giri
२५.
from ZEAL by ZEAL
आज बस इतना ही। अगले हफ़्ते फिर मिलेंगे।
सुन्दर चर्चा !
जवाब देंहटाएंश्रद्धेय जानकीवल्लभ शास्त्री जी को विनम्र श्रद्धांजलि ! आपके आलेखों के द्वारा उनसे परिचित होने का सौभाग्य मिला था ! ईश्वर उनकी पुण्यात्मा को शान्ति प्रदान करें यही कामना है !
जवाब देंहटाएंचर्चा विस्तृत है ! आज का दिन व्यस्त रहेगा ! आभार एवं धन्यवाद !
गहन विचारों से ओतप्रोत चर्चा |बधाई| और नमन स्वर्गीय श्रद्धेय जानकी वल्लभ शास्त्री जी को |
जवाब देंहटाएंआशा
बढ़िया चर्चा....
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा!
जवाब देंहटाएंश्रधेय शास्त्री जी को विनम्र श्रद्धांजलि. अद्भुत लिंकों से सजी बेहतरीन चर्चा . आभार मेरी कविता को चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए .
जवाब देंहटाएंsarvprtham shastri ji ko vinamr srdhhanjali....gahan vicharo se paripurn charcha...isme meri post ko shamil krne ke liye bahut bahut dhanybad...aabhar
जवाब देंहटाएंआचार्य जानकीवल्लभ शास्त्री जी को विनम्र श्रद्धांजलि …………चर्चा हमेशा की तरह उत्तम लिंक संयोजन के साथ प्रस्तुत की गयी है………………आभार्।
जवाब देंहटाएंआचार्य जानकीवल्लभ शास्त्री जी को विनम्र श्रद्धांजलि!
जवाब देंहटाएं..........हमेशा की तरह उत्तम चर्चा
जवाब देंहटाएंसुन्दर और मनबावन चर्चा के लिे बहुत-बहुत आभार।
जवाब देंहटाएंअच्छी और सार्थक चर्चा ....जानकी बल्लभ शास्त्री जी को विनम्र श्रद्धांजलि
जवाब देंहटाएंवयोवृद्ध साहित्यकार आचार्य जानकीवल्लभ शास्त्री जी को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि समर्पित करता हूँ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर और व्यवस्थित चर्चा......
जवाब देंहटाएंजानकीवल्लभ शास्त्री जी को विनम्र श्रद्धांजलि
vistrit aur sarthak charcha ke liye dhanywad.
जवाब देंहटाएंश्रद्धेय जानकीवल्लभ शास्त्री जी को विनम्र श्रद्धांजलि.
जवाब देंहटाएंचर्चा में काफी अच्छे लिंक्स मिले हैं आभार.
bahut achchi charcha hui.
जवाब देंहटाएंmithaai khane ke liye jaldi jaldi sabka naam liya aur bhaag gaye.... agli baar aisa nahi
जवाब देंहटाएंजानकी बल्लभ जी को मेरी श्रद्धांजलि ... प्रभु घर वालों को इस शोक समय में बर्दास्त की सामर्थ्य दें ...
जवाब देंहटाएंचर्चा हमेशा की तरह सुन्दर ...