नमस्कार मित्रों!
मैं मनोज कुमार एक बार फिर हाज़िर हूं रविवासरीय चर्चा के साथ। सारा देश भारत के क्रिकेट विश्व कप फ़ाइनल की जीत की दुआएं, शुभकामनाएं दे रहा है, हम भी इसमें शामिल हैं। जब तक चर्चा खत्म होगी तब तक परिणाम भी आ चुके होंगे। इसका मतलब यह नहीं कि हम मैच देखना छोड़कर चर्चा मंच सजाते रहेंगे। आप सबके साथ मेरा भी मैच देखने का पूरा-पूरा इरादा है। इसलिए आज बस छोटी सी शॉर्टकट चर्चा …!
from नारी , NAARI by Upasana Behar व्यापक स्तर पर आज भी हमारा पितृसत्तात्मक समाज और परिवार महिलाओं को दोयम दर्जे का ही मानता है। जिस तरह पुरुष एक इंसान है इसी तरह महिला भी एक इंसान है ना की हाड-मांस का एक पुतला। यह बात ना तो पितृसत्तात्मक समाज और परिवार समझता है और ना ही समझना चाहता है।
** समाज के मानसिक सोच में बदलाव आना चाहिए। आपसे सहमति है कि उन्हें भी पूरी तरह से अपने सपनों और महत्वकाक्षाओं को बुनने और उसे एक मुकाम तक पहुचाने के लिए पुरुषों के समान ही मौका, माहौल और प्रोत्साहन मिले।
२.
from by दखलंदाज़ी :: शहर बदल रहा था। देखते-देखते वह चौड़ी, उदास और अकेली सड़क स्ट्रीटलाइट से जगमगाने लगी। गीली सड़क पर उनकी रोशनी दूर तक चमकतीदिखाई देती। वह अपनी सीट पर जाते ही खाकी लिफाफों को फाड़ता, तह लगाये कागजों को स्टैंड पर लगाता और काली-नीलीरोशनाई पर आंखें टिका देता। ट्यूबलाइट की सफेद रोशनी में दर्जन भर की-बोर्ड खडख़ड़ाते रहते।
*** यह कहानी सबसे पहले वागर्थ के अप्रैल 2006 के अंक में प्रकाशित हुई थी। इस कहानी का उर्दू में भी अनुवाद हुआ है और यह 'उर्दू आजकल' में प्रकाशित भी हो चुकी है। कहानी की पोपुलेरिटि का आलम यह रहा कि उर्दू के पाठकों ने इसे इतना पसंद किया कि यह बाद में पाकिस्तान से आसिफ फारुकी के संपादन में निकलने वाली पत्रिका दुनियाजाद में प्रकाशित हुई।
३.
from मेरी भावनायें... by रश्मि प्रभा...
कल्पनाशील इन्सान
कितना भी अकेला क्यूँ न हो
जानवर नहीं बनता
उसकी कल्पनाएँ
उसे अदभुत बना देती हैं !
** प्रत्येक व्यक्ति में अनेक कल्पनाएं छुपी होती है,जिन्हें जागृत करके ही व्यक्ति का जीवन सफल और सार्थक बन सकता है!!
४.
from ज़ख्म…जो फूलों ने दिये by वन्दना
तो क्या हुआ
जो इक बार
खुद से खुद को
छल लिया
जीने के लिये
कुछ तो वजह
होनी चाहिये
** अपने आपको छल लेना आई मुसीबतों पर विजय पाने की ओर पहला कदम है।
५.
from ayachee by sanjay mishra :: आम बिहारी का चरित्र दूसरे प्रदेशों के लोगों को विस्मय में डाल देता है। दरअसल , उसके ( बिहारी के ) दिल में बिहार के लिए अपनत्व की कमी हरदम खोजी जा सकती है। जब ये कहा जा रहा है कि राज्य के लोगों में बिहारीपन के लिए आह्लाद जगाया जा रहा है, तो शायद वो बिहारी चरित्र की इसी मनोदशा की ओर इशारा करता है। गहराई से सोचेंगे तो इस मनोदशा को परत-दर-परत समझा जा सकता है। राज्य के लोग उस अर्थ में ' बिहारी ' नहीं हो पाते जिस अर्थ में एक बंगाली या मराठी होता है।
** एक अलग नज़रिए से बिहार और बिहारीपन को देखने की कोशिश। लेखक के विचारों से चर्चा कार की सहमति कई जगहों पर नहीं है।
६.
from शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग by Shiv :: डियर माही, मेरे इस पत्र लिखने के पीछे एक कारण है. नहीं-नहीं, जो तुम सोच रहे हो, वह कारण नहीं है. वर्ल्डकप फाइनल से पाँच घंटे पहले तुम्हारे सामने कोई डिमांड रखकर मैं तुम्हें नर्वस नहीं करना चाहता. दरअसल कारण यह है कि, मैं यह चिट्ठी लिखकर अपने ब्लॉग पर लगाना चाहता हूँ जिससे मुझे एक अदद ब्लॉग पोस्ट की प्राप्ति हो जाए. आखिर एक ब्लॉगर को और क्या चाहिए? एक पोस्ट, और क्या?
** एक चर्चाकार को भी एक पोस्ट और मिल जाए चर्चामंच सजाने के लिए। इससे ज़्यादा और कुछ नहीं।
७.
from क्यों और कैसे विज्ञान मे by दर्शन लाल बवेजा ::
२ अप्रैल १९८४ को प्रथम भारतीय को अंतरिक्ष यात्री बनने का अवसर मिला था और वो थे राकेश शर्मा ,राकेश शर्मा भारत के पहले और विश्व के 138वें अंतरिक्ष यात्री हैं। राकेश शर्मा की उड़ान ने भारत को दुनिया के ऐसे 14 देशों की सूची में शामिल किया था, जिनकी अंतरिक्ष में धाक जमी हुई थी।
** धन्यवाद इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को फिर से हमसे रू-ब-रू कराने के लिए।
८.
आप अकेली नहीं हैं एलिना सेनfrom जनपक्ष by प्रतिभा कटियार :: एलिना सेन से मिलकर न जाने क्यों मुझे कार्ल मार्क्स की पत्नी जेनी, लेनिन की पत्नी क्रूप्सकाया, गांधी की पत्नी कस्तूरबा की याद आ गई. इतिहास पुरुषों की ये पत्नियां. इनका संघर्ष किन्हीं मायनों में कम नहीं रहा. न ही ये वैचारिक स्तर पर कम थीं. अपने पति के विचारों को, उनकी लड़ाई को आगे बढ़कर हाथ में लेना, उसे आगे बढ़ाना, घर-परिवार को संभालना, आलोचना, प्रवंचना, प्रताडऩा, धमकियां और न जाने क्या-क्या इनके हिस्से आता है. इन स्त्रियों के योगदान पर कितनी बात होती है.
** ऐसी सखसियत इतिहास की धारा बदल देती हैं। बहुत महत्वपूर्ण पोस्ट।
९.
from वटवृक्ष by मोना कोहली 'बाबुशा' ...
तोड़ के ,
मेरे मन के सारे;
'अलीगढ़ी' ताले..
घुस जाती हैं भीतर!
ये नहीं कि,
बैठ जाएं -
कोने में दुबक के !
बड़ी बेशरम हैं !!
छितरा जाती हैं ,
पूरे आँगन भर में;
यादें तेरी !
*** अब इन यादों को समेट कर आलमारी के सेफ़ में रख देना है।
१०.
from ब्लॉग.हमारीवाणी by दिनेशराय द्विवेदी Dineshrai Dwivedi :: पिछले दिनों इस तरह की अनेक शिकायतें प्राप्त हुई थीं कि कुछ पोस्टें अनेक ब्लागों पर मामूली समय के अंतराल से अलग-अलग शीर्षकों से प्रकाशित की जाती हैं। कभी कभी तो उन के शीर्षक तक नहीं बदले जाते हैं। इस से संकलक के मुख पृष्ठ पर स्थान कम रहता है और कम से कम एक ब्लाग पोस्ट को मुखपृष्ठ से हटने का खामियाजा भुगतना पड़ता है। यह खामियाजा कभी न कभी सभी ब्लागरों को उठाना होता है। एक ही पोस्ट अनेक बार मुखपृष्ठ पर दिखाई देने से संकलक के पृष्ठ का सौंदर्य भी नष्ट होता है।
*** संकलक हमारी ही सहायता करते हैं। हमें इनकी सहायता करनी चाहिए।
११.
from AAWARA SAJDE by ashish.verma.82@gmail.com (Ashish) ::
ख़्वाब मरते नहीं
ख़्वाब तो रोशनी हैं,
नवा हैं, हवा हैं
जो काले पहाड़ों से रुकते नहीं
ज़ुल्म के दोज़खों से भी फुकते नहीं
रोशनी और नवा के अलम
मकतालों में पहुँचकर भी झुकते नहीं
*** ख्वाब को लेकर बेहतरीन नज़्म।
चर्चा को अलविदा कहते-कहते भारत विश्व चैम्पियन बन गया है। इस खुशी में आइए हम सब शामिल हों!
१२.
from चैतन्य का कोना by चैतन्य शर्मा
१३.
from JAI JAI BHARAT by अरविन्द सिसोदिया,कोटा, राजस्थान
१४.
from बुरा भला by शिवम् मिश्रा
१५.
from DIL ka RAJ by RAJ
१६.
from शब्दकार by राजीव थेपड़ा
१७.
from भड़ास blog by राजीव थेपड़ा
१८.
from भड़ास blog by cartoonistpankaj
१९.
from mangopeople by anshumala
२०.
from मेरे अरमान.. मेरे सपने.. by दर्शन कौर धनोए
२१.
from Patali by Patali-The-Village
२२.
from नुक्कड़ by हिन्दी ब्लॉगर
२३.
from सरस पायस by रावेंद्रकुमार रवि
२४.
from हास्य व्यंग ब्लोगर्स महासभा by गजेन्द्र सिंह
२५.
from Yeh Mera Jahaan by गिरिजा कुलश्रेष्ठ
२६.
from देशनामा by खुशदीप सहगल
२७.
from सारा सच by सारा सच
२८.
from भड़ास blog by वरुण कुमार सखाजी
२९.
from नजरिया by सुशील बाकलीवाल
३०.
from कुछ भी...कभी भी.. by अजय कुमार झा
३१.
क्रिकेट के विश्व कप की प्राप्ति हमारे देश का गौरव है |बहुत बहुत बधाई |
जवाब देंहटाएंआशा
बढ़िया चर्चा..
जवाब देंहटाएंहम विश्व चैम्पियन बन गये ! यह हर भारतीय के लिये गर्व का पल है ! हमारे खिलाड़ी विश्व आकाश के जगमगाते सितारे हैं ! उनका हार्दिक अभिनन्दन और बहुत बहुत बधाई ! देश का मान पुन: स्थापित करने के लिये हृदय से आभार एवं धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई.....मुझे शामिल करने का आभार
जवाब देंहटाएंcongrats congrats congrats on India,s Cricket World Cup Victory.
जवाब देंहटाएंLovely Links Today.
जीत की ख़ुशी में -- बहुत बढ़िया चर्चा!
जवाब देंहटाएंachhi charcha hai -
जवाब देंहटाएंA proud moment for all of us .Congratulations for winning the WORLD CUP.
सबकी ख़ुशी के लिए --
जवाब देंहटाएं.
जीत गई लविज़ा
.
विश्व कप जीत की ख़ुशी और बहुत बढ़िया चर्चा के लिए आभार
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा ...क्रिकट विश्व कप पर भारत की विजय से पूरा देश झूम रहा है ...सबको बधाईयां ..
जवाब देंहटाएंआपने बहुत सारे उम्दा लिंक्स समेटे हैं ..आभार
जीत की हार्दिक बधाईयाँ ...
जवाब देंहटाएंआज की चर्चा बहुत अच्छी है ...
और चयन तो लाजवाब...
आपको व चर्चा मंच के सभी पाठको सहित सभी चर्चाकारों को भी बधाई………शब्द भी कमजोर पड गये हैं इस जीत के आगे………………बहुत सुन्दर चर्चा लगाई है।
जवाब देंहटाएंबधाइयां जी बधाइयां
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा........बधाई हम विश्व चैम्पियन बन गये।
जवाब देंहटाएंमनोज कुमार जी!
जवाब देंहटाएंएक प्रबद्ध पाठक के नाते आपको और समस्त भारतवासियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ प्रेषित करता हूँ।
बहुत उपयोगी लिंग मिले हैं आज पढ़ने के लिए!
आज की चर्चा में तो क्रिकेट ही हावी है भाई हो भी क्यूँ न? इतिहास जो रचा है|
जवाब देंहटाएंसभी को विश्व कप जीतने की और नव सम्वत की शुभ कामनाएँ|