दोस्तों
वीरवार की चर्चा में
आप सभी का स्वागत है
आजकल न जाने क्या क्या हो रहा है
कैसे भ्रष्टाचार ने अपनी जडें फैला ली हैं
कि देखिये सब जगह मिलावट और धोखाधड़ी का
साम्राज्य हो गया है और दूसरी तरफ
नवरात्रि चल रहे हैं
और लोग उसमे भी
मिलावट और दलाली
करने से बाज नहीं आ रहे
जाने क्या होगा इस देश का
और एक तरफ अन्ना हजारे जैसे
महान समाज सेवी अनशन पर
बैठे हैं इसी भ्रष्टाचार के विरोध में
आइये हम सभी इस यज्ञ में
एक एक आहुति अपनी तरफ से भी दें
और सहयोग की पहल करें
आज छोटी चर्चा पढ़िए
दोस्तों
उपलब्धि के सफ़र में आज मिलिए
आज जिस ब्लोगर से मिलवा रही हूँ उन्हें आप सभी जानते हैं . मैं तो बस उनकी उपलब्धि की एक छोटी सी चर्चा कर रही हूँ क्योंकि ना विश्लेषक हूँ और ना ही आलोचक सिर्फ एक पाठक हूँ और अपनी नज़र और दिल से जो महसूस किया आपके सम्मुख रख रही हूँ.
ये हैं हमारी ब्लोगर दोस्त ........शोभना चौरे जी
इनका ब्लॉग है
शोभना जी ने बहुत ही स्नेह भाव से मुझे अपना काव्य संग्रह "शब्द भाव" भिजवाया है . जिसे पाकर मैं अभिभूत हुई. उनके स्नेह ने मुझे अन्दर तक भिगो दिया क्योंकि बिना जान पहचान के , कभी बात भी नहीं हुई फिर भी उन्होंने इतने प्रेम से मुझे किताब भिजवाई है ये ही मेरे लिए सबसे बड़ी ख़ुशी की बात है.
शोभना जी एक आम गृहिणी हैं और उनके काव्य संग्रह में एक गृहणी के सभी भावों को संग्रहित किया गया है. एक संवेदनशील गृहणी किन किन मुकामों से गुजरती है और कैसा महसूस करती है उसका चित्रण किया गया है.
कभी एक गृहणी अंतर्मुखी हो जाती है तो कभी समाज की विद्रूपताओं से आहत . घर गृहस्थी के अलावा सामाजिक संवेदनाएं भी उन्हें उसी तरह आहत करती हैं और उन्हें उन्होंने अपने भावों में बखूबी उतारा है . कहीं कहीं गहरा कटाक्ष करती रचनाएं सोचने को मजबूर करती हैं और साथ ही एक नारी की संवेदनशील सोच का परिचय भी देती हैं कि एक गृहणी होते हुए भी उनकी दृष्टि सब तरफ है और उससे वो कितनी आहत होती हैं.
सामाजिक मान्यताओं और विद्रूपताओं का सूक्ष्म दृष्टि से अवलोकन किया है और साथ ही गहरा प्रहार.
शोभना जी का काव्य संग्रह हर किसी की पसंद पर खरा उतरेगा क्योंकि उसमे प्रेम, त्याग, विश्वास, आत्मीयता और संवेदनाओं का खूबसूरती से समावेश किया गया है .
जो कोई उनसे संपर्क करना चाहे तो इस पते पर कर सकता है.
शोभना जी का काव्य संग्रह हर किसी की पसंद पर खरा उतरेगा क्योंकि उसमे प्रेम, त्याग, विश्वास, आत्मीयता और संवेदनाओं का खूबसूरती से समावेश किया गया है .
जो कोई उनसे संपर्क करना चाहे तो इस पते पर कर सकता है.
A-4 REGENCY "RIDHHI SIDDHI"
GANESH PURI KHAJRANAA
INDORE -16
PH--0731-2591308
M---9425032711
EMAIL---shobhana.chaurey@gmail.com
blog-----shobhanaonline.blogspot.com
अब चलें चर्चा की ओर
- देख तेरे संसार की हालत क्या हो गयी माँ
- कौन है?
- नारी के विभिन्न आयाम
- तुझे नमन है
- कौन सुलझाये
- क्या कह सकते हैं
- जिसने पाप न किया हो
- जाने ये प्यास कब पूरी होगी
सोलह आने सच बात
नहीं देखा तो खुद देख लीजिये
क्या क्या कह गये
और हम क्या हैं ?
वो कैसे?
सही कहा
कौन देता है
फिर भी छितरा छितरा
जहाँ मेरा आशियाना होगा
साथ साथ चलती है
बहुत कुछ कहता है
जानो इसे भी
यही तो फितरत है इंसान
इसमें तो कोई शक ही नही
कब पूरा होगा ?
ज़िन्दगी तुझे पीना चाहता हूँ
मैं भी बह गया
कब का ठहरा हुआ है
यही तो खासियत है
अच्छा दोस्तोंअब चलती हूँफिर मिलेंगेआजकल समयकम है इसलिएइतने से ही कामचला लीजियेआपके सुन्दरसहज औरसरल विचारोंकी आकांक्षी
vandna ji ,
जवाब देंहटाएंgood morning.shobhna ji se bahut achchhi tarah se aapne ek bar fir hamara parichay karaya hai.iske liye aapki aabhari hoon.meri post ko lene ke liye aabhar.sundar charcha.badhai.
बहुत सुंदर चर्चा.... आभार वंदनाजी
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा.... आभार वंदनाजी
जवाब देंहटाएंसभी लिंक्स ज्ञानवर्धक हैं ...आपका आभार
जवाब देंहटाएंहर बार कुछ नया पढ़़ने को मिलता है,आपके प्रयासों का आभार।
जवाब देंहटाएंbahut sundar charcha...meri post ko isme shamil krne ke liye aabhar...
जवाब देंहटाएंशोभना जी का सरल व्यक्तित्व उनकी रचनाओं में भी नजर आता है ...
जवाब देंहटाएंउनसे और अधिक परिचय के लिए आभार ...
अच्छी चर्चा ..
आभार !
बहुत सुन्दर चर्चा.आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा.... आभार वंदनाजी....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा.
जवाब देंहटाएंअच्छा संकलन । आप मुझे प्रायः संकलन योग्य समझती है ,इसके लिये आपको बहुत बहुत धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंवंदना जी नमस्कार ...!
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा मंच है आज का
मेरी कविता शामिल करने के लिए
बहुत बहुत धन्यवाद .....!
समय की कमी के बावजूद भी प्रस्तुति का प्रशंसनीय बन जाना आपकी प्रतिबद्धता ही तो है।
जवाब देंहटाएंवंदना जी....आज की चर्चा बहुत ही सुंदर और सार्थक है.....साथ ही उपलब्धि का सफर में शोभना जी के बारे में पढ़ अच्छा लगा....धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा है वन्दना जी ! मेरी रचनाओं को इसमें स्थान दिया आपने आभारी हूँ ! इतनी बढ़िया चर्चा के लिये बहुत बहुत धन्यवाद एवं शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंवंदना जी ,
जवाब देंहटाएंशुभ नवरात्र
पूरे एक महीने के बाद मैं एक पोस्ट लगा पायी अपनी ब्लॉग पर । एक महीने पहले पहले बेटियों पर लिखा था उस् भी आपने चर्चा मंच पर स्तान दिया और काली कलकत्ते वाली देवी पर लिखे लेख को भी । बहुत बहुत धन्यवाद । खुशदीप जी की पोस्ट को भी आपने लिया है । ब्लॉग का इस्तेमाल अपने एजेंडें निपटाने और किसी को बेइज्ज़त करने के लिए कैसे किया जा रहा है ये चिंता का विषय है । हम सब को इसके खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए और एक जुट होना चाहिए । ताकि ब्लॉग की एक स्वस्थ परंपरा बनी रहे ।
वंदना जी, बहुत सुंदर लिंक मिले आपकी चर्चा से ...... आभार.
जवाब देंहटाएंचयनित लिंक्स, सुन्दर प्रस्तुति । आभार...
जवाब देंहटाएंभ्रष्टाचार के खिलाफ जनयुद्ध
बहुत ही सुन्दर चर्चा ...।
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा चर्चा ..शोभना जी कि पुस्तक के बारे में जानना सुखद लगा ...आभार
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा, वंदनाजी
जवाब देंहटाएंआज बहुत सी कवितायेँ पढ़ने को मिलीं |बहुत अच्छी चर्चा रही |
जवाब देंहटाएंमेरी कविता सम्मिलित करने के लिए आभार
आशा
व्यस्तता के बावजूद भी इतनी बढ़िया चर्चा करने के लिए आभार!
जवाब देंहटाएंएक नया परिचय हर बार ...कुछ ना कुछ मिलता ही है चर्चा मंच से
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति कारन वंदना जी, सुन्दर चर्चा के लिए आभार !
सुंदर चर्चा...
जवाब देंहटाएंहर बार की तरह एक दम अलग हटकर चर्चा।
जवाब देंहटाएंवंदनाजी
जवाब देंहटाएंनिशब्द आपके इस स्नेह पर |
मेरी छोटी सी उपलब्धी को चर्चा मंच में स्थान देकर सार्थक बना दिया है ह्रदय से आभार |
अभी लिनक्स पढना बाकि है |
एक छोटा सा सुधार मेरे मेल आइ,दी में
shobhana chourey .
बहुत बहुत धन्यवाद |
बहुत सुंदर चर्चा.... आभार वंदनाजी!
जवाब देंहटाएंDerse aane kee maafee chahti hun.
जवाब देंहटाएंShobhnaji ka # note kar liya hai. Bahut achha laga unka parichay.
Pooree charcha sundar hai....ab yahan se link leke chalti hun blogs ke safar pe!
वंदना जी,
जवाब देंहटाएंमुआफ कीजिएगा,व्यस्तता के चलते देरी से पहुंचा.
आपका आभार इस नाचीज़ को चर्चा मंच पर लाने के लिए.
बहुत ही उम्दा लिंक्स हैं इसबार.
अभी यात्रा पर निकलता हूँ.
बहुत सुन्दर चर्चा...आभार
जवाब देंहटाएंshobhna ji ke bare me jaan kar acchha laga. bahut sunder charcha.
जवाब देंहटाएंACHCHHEE CHARCHA YUN HEE CHALTE
जवाब देंहटाएंRAHE. SHUBH KAMNA .
bahut achchi lagi aaj ki charcha ! meri kavita ko bho aapne sthan diya, aabhari hoon . shubhkamnayen !
जवाब देंहटाएंअच्छी प्रस्तुति. प्रत्येक पोस्ट के शीर्षक के साथ आपकी संक्षिप्त टिप्पणियाँ भी काफी रोचक हैं . आभार .चैत्र नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं .
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