…।दोस्तों
स्वागत है आज की चर्चा मे
कल सत्य साईं बाबा का अवसान हुआ
और उसमे चर्चा लगाना
समझ नही आ रहा था
कल ये भाव थे मन मे
जो आपके सम्मुख रख रही हूँ
शायद मेरे जैसा हाल और भी
काफ़ी लोगों का होगा तो शायद उन्हे
संबल मिले
सत्य सांई ने सिर्फ़ शरीर छोडा है मगर देखा जाये तो वो अब भी सबके बीच हैं सबके दिलो मे और अब तो व्यापक रूप से सर्वात्मा बनकर
शायद यही ज़िन्दगी होती है
मच गया है धमाल
यादों का
ये तो कोई बेटा ही जान सकता है
तो क्या हुआ………मुझे तो है
क्या क्या कहूँ
दोनो ही फ़िसलती है हाथ से
शायद दिन की धूप रात मे उतर आयी है
ये बेटियाँ ऐसी ही होती हैं
इसकी भी कीमत होती है
पढ लीजिये जनाब
क्या से क्या कर गया
पता नही
कोई नही आयेगा दरवाज़े पर
ख्वाबो मे
निगाहो मे
चलता रहना चाहिये
बस ख्वाब ही अच्छा होता है
कब तक ?
मगर मौन की भाषा भी तो कोई पढ सके
जानिये यहाँ
मिलिये इनसे भी
क्या क्या ख्वाब जगा जाती
कब तक संभाले कोई
एक सफ़र खुद के साथ
किसका किससे?
काश ऐसा हो पाता………
क्या तुम्हें पता है
कितना कुछ बदल गया ना तब से अब तक
ये तो हमेशा ही प्रश्न रहा है
जैसे कयामत की रात
आखिर कब तक?
खंडहर भी निशाँ छोड जाते हैं
सत्य की राहें दिख रही हैं
किसी ने ना जानी
ये मेरी धरोहर हैं
मिलिये इनसे
चलिये दोस्तों
अब आज्ञा दीजिये
ज्यादा कुछ कहने का मन नही है
vicharon ka sankalan ,aur sankalit vicharon ka sankalan ,vivekpurn asahaj kary hota hai ,jisko sahaj banaya hai
जवाब देंहटाएंaapne / sunder prayas .dhanyavad.
अच्छे लिंक्स चुन लाईं ...
जवाब देंहटाएंचर्चा में शामिल करने के लिए बहुत आभार !
अच्छे लिंक्स। बाबा को श्रद्धांजलि।
जवाब देंहटाएंभाव भीनी चर्चा . बाबा की पावन आत्मा को शत शत नमन
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स.
जवाब देंहटाएंअछे लिंक्स ओर मेरी कविता को शामिल करने के लिए आभार. बाबा को शत शत नमन.
जवाब देंहटाएंअच्छे लिनक्स ...सुंदर चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्चे लिंक बहुत मेहनत से चुने हैं आपने। बहुत बहुत बधाई। मेरी रचना को भी स्थान देने के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंचर्चा बहुत बढ़िया रही!
जवाब देंहटाएंश्री सत्य साईं बाबा को श्रद्धांजलि!
बधाई...बहुत ही अच्छा संकलन है...और उनपे एक दो पंक्तियों का कमेंट्स भी जबर्दस्त...
जवाब देंहटाएंसारी लिंक्स एक से बढ़ कर एक है .... सारी तो पढ़ नहीं पाया हूँ लेकिन जितनी भी पढ़ी हैं सब एक से बढ़ कर एक हैं और उमने मेरी दो दो कविताओं का होना मेरे लिए बड़े ही गर्व की बात है ...
जवाब देंहटाएंकोशिश करूँगा सहम को एक विस्तृत टिप्पणी देने की
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स से सजी सुन्दर चर्चा.मेरी रचना को चर्चा में शामिल करने के लिये आभार.
जवाब देंहटाएंवंदना जी..नमस्कार..बहुत ही सुंदर लिंक्सों से सजी सुंदर चर्चा...
जवाब देंहटाएं.
जवाब देंहटाएंसाईं बाबा का अवसान एक ह्रदय विदारक , दुखद समाचार है । ऐसा समाचार सुना है की १३ साल बाद वे पुनः पृथ्वी पर जन्म लेंगे। बाबा को श्रद्धांजलि ।
सुन्दर लिंक्स के साथ बेहतरीन चर्चा के लिए आभार।
.
बहुत अच्छी चर्चा.
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग को शामिल करने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद!
सादर
बहुत से अच्छे लिंक देख रही हूँ वंदना जी ....
जवाब देंहटाएंदेखती हूँ उन्हें भी ...
आभार ....
साईं बाबा जी नमन और श्रधांजलि .... लिंक्स का चयन बहुत खूब है... आपका आभार ...
जवाब देंहटाएंvndna ji shbd nhi hai aabhar vykt kaise kroon
जवाब देंहटाएंjin bhi mitron ne sneh v pyar diya hai sbhi ke prti hardik aabhar vykt krta hoon swikar kr ke anugrhit kren
आज की चर्चा भी बहुत अच्छी रही। बहुत से अच्छे लिंक थे जो आपने परिश्रम से एकत्र किए , धन्यवाद एवं बधाई। मेरी रचना भी सम्मिलित हुई आपकी चर्चा में , आभार ।
जवाब देंहटाएंshukriya vandana ji hamare liye itta sara homework dene ke liye. :)
जवाब देंहटाएंaabhar.
सुंदर लिंक्स और उत्कृष्ट चयन से सजा मंच बहुत मनोरम लगा।
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा :-]
जवाब देंहटाएंइमरोज़ व अमृता से मिलना हुआ, साथ ही अभिव्यक्ति के आस पास रेल और ख्वाब की धुंध भा गयी.
बहुत बहुत शुक्रिया और बधाई आपको वंदना जी.
बहुत ही खूबसूरत चर्चा है । बहुत ही उपयोगी लिँकोँ को सजोया है आपने आज की चर्चा मेँ । मेरी भी गजल को स्थान देने के लिए आभार वन्दना दी ।
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच में आते रहने का एक बड़ा कारण यह भी है मेरे लिए वक्त की कमी होना.... और यहाँ आकर इतने लिंक्स मिल जाते है पढ़ने को, तो फिर थोड़ी आलसी भी हो जाती हूँ खुद से मेहनत करने को..... यह इसलिए भी कह रही हूँ कि मैं समझ सकती हूँ कि कितने जतन से आप सब मोती को चुन चुन कर पिरोकर एक सुन्दर माला बनाकर प्रस्तुत करते है.......आभार आप सबों का....
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच में मुझे शामिल करने के लिए भी बेहद शुक्रिया.....
charcha achhi rahi....:))
जवाब देंहटाएंवंदना जी ,धूप पे लिखी कविता पढ़ी बहुत सुन्दर लगी ,बहुत देर
जवाब देंहटाएंतक खोया रहा आप के विचारों में