मित्रों!
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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रमज़ान मुबारक हो :
बहन फिरदौस की कलम से
खिल उठे मुरझाए दिल, ताज़ा हुआ ईमान है
हम गुनाहगारों पे ये कितना बड़ा अहसान है
या ख़ुदा तूने अता फिर कर दिया रमज़ान है...
माहे-रमज़ान इबादत, नेकियों और रौनक़ का महीना है. यह हिजरी कैलेंडर का नौवां महीना होता है. इस्लाम के मुताबिक़ अल्लाह ने अपने बंदों पर पांच चीज़ें फ़र्ज क़ी हैं,जिनमें कलमा, नमाज़, रोज़ा, हज और ज़कात शामिल है. रोज़े का फ़र्ज़ अदा करने का मौक़ा रमज़ान में आता है. कहा जाता है कि रमज़ान में हर नेकी का सवाब 70 नेकियों के बराबर होता है और इस महीने में इबादत करने पर 70गुना सवाब हासिल होता है. इसी मुबारक माह में अल्लाह ने हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर क़ु़रआन नाज़िल किया था. यह भी कहा जाता है कि इस महीने में अल्लाह शैतान को क़ैद कर देता है...
हम गुनाहगारों पे ये कितना बड़ा अहसान है
या ख़ुदा तूने अता फिर कर दिया रमज़ान है...
माहे-रमज़ान इबादत, नेकियों और रौनक़ का महीना है. यह हिजरी कैलेंडर का नौवां महीना होता है. इस्लाम के मुताबिक़ अल्लाह ने अपने बंदों पर पांच चीज़ें फ़र्ज क़ी हैं,जिनमें कलमा, नमाज़, रोज़ा, हज और ज़कात शामिल है. रोज़े का फ़र्ज़ अदा करने का मौक़ा रमज़ान में आता है. कहा जाता है कि रमज़ान में हर नेकी का सवाब 70 नेकियों के बराबर होता है और इस महीने में इबादत करने पर 70गुना सवाब हासिल होता है. इसी मुबारक माह में अल्लाह ने हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर क़ु़रआन नाज़िल किया था. यह भी कहा जाता है कि इस महीने में अल्लाह शैतान को क़ैद कर देता है...
मिसफिट Misfit पर Girish Billore
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आज का दिन मेरी मुठ्ठी में है ,
किसने देखा कल ....
समय तू धीरे-धीरे चल ....
सुन रही हूँ ये गीत ......
सोच रही हूँ..
मुठ्ठी में से भी तो फ़िसल निकल भागता है दिन ....
और ये समय किसकी सुनता है ...
सुनी है किसी की इसने ...
मेरे मन की पर अर्चना चावजी
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मैं,
मेरे जाले
और मकड़ी
मैं नियमित रूप से अपने घर ‘पितृ-छाया’को महीने में एक बार मकड़ी के जालों से मुक्त किया करता हूँ. वैसे जब से अन्दर, बाहर, सब जगह बर्जर का सफ़ेद वैदर कोट कराया मकड़ियों के लिए अपना घर बनाने की गुंजाईश कम हो गयी है. फिर भी गाहे बगाहे छोटी छोटी मकड़ियां लाईट के आसपास, रोशनदानों के कोनों में, बाथरूम के एक्सॉस्ट फैन के किनारों पर अपना जाला बनाकर मच्छरों या कीटों का इन्तजार करते देखा जा सकता है...
जाले पर पुरुषोत्तम पाण्डेय
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चादर तेरे प्रीत की
एक चादर तेरे प्रीत की
ओढ़े बैठा हूॅं
कि जैसे ठंड की मौसम में
ठंड से ठिठुरता मनई...
ओढ़े बैठा हूॅं
कि जैसे ठंड की मौसम में
ठंड से ठिठुरता मनई...
आपका ब्लॉग पर
Sanjay kumar maurya
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उसने कहा था - -
उसने कहा था,
मेरी वजह - से है लुत्फ़ ए सावन,
वरना इस दहकते बियाबां में कुछ भी नहीं।
उसने कहा था,
मुझ से है तमाम आरज़ूओं के चिराग़ रौशन,
वरना इस बुझते जहां में कुछ भी नहीं...
अग्निशिखा :पर SHANTANU SANYAL
* शांतनु सान्याल * শান্তনু সান্যাল
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