मित्रों।
रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
"माटी का गीत"
दशा सुधारो अब तो लोगों, अपने हिन्दुस्तान की।।
खेतों में उगता है सोना, इधर-उधर क्यों झाँक रहे?
भिक्षुक बनकर हाथ पसारे, अम्बर को क्यों ताँक रहे?
आज जरूरत धरती माँ को, बेटों के श्रमदान की।
दशा सुधारो अब तो लोगों, अपने हिन्दुस्तान की...
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संबंधों में कोई लुकाव-छिपाव
नहीं होना चाहिए
....आज यू. पी. के एक गांव में घटी घटना की खबर पढ़ी जहां निकाह के लिए गए बन्ने के सर पर से, एक बुजुर्ग महिला द्वारा आशीष देते हुए हाथ फेरने से उसका विग उतर गया। दूल्हे के गंजा होने की बात छिपाई गयी थी, लिहाजा लड़की ने शादी से इंकार कर दिया...
कुछ अलग सा पर गगन शर्मा
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कुछ लोग
हर सुबह ताज़ी हवा में
टहलने जाते लोग .....
मूंह में दातुन दबाए
उछलते कूदते कसरत करते लोग ....
जो मेरा मन कहे पर Yashwant Yash
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It's only for you baby.
वो सपने मे आकर कहती है,
"तुम इतना सपना क्यूँ देखते हो?"
मैं सिर्फ़ इतना कह पता हूँ,
"तुम जो हर रोज़ आती हो यहाँ."
न जाने कौन सी कसक है तेरी यादों मे...
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वक़्त मिला तो सोचा...
आज कुछ वक़्त मिला तो सोंचा
ज़िन्दगी के कुछ पन्ने पलट के देख लूँ
सुना था लोगों को कहते हुए कि
ज़िन्दगी इतनी आसाँ नहीं होती...
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गऊ माँ!
बहुत आसान है
गाय को माँ कहना
अगर आप गाय पालते नहीं हैं
आप गाय पालें
उस का दूध न निकालें
सारा का सारा उस के बछड़ों के लिए छोड़ दें...
अनवरत
बहुत आसान है
गाय को माँ कहना
अगर आप गाय पालते नहीं हैं
आप गाय पालें
उस का दूध न निकालें
सारा का सारा उस के बछड़ों के लिए छोड़ दें...
अनवरत
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