मित्रों।
शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
--
एक बिना शीर्षक की कविता
जंगलों को काटते हुए ,
पहाड़ियों को खोदते हुए
क्या कभी महसूस किया तुमने
हवाओं में मौजूद संगीत को...
काव्य सुधा पर Neeraj Kumar Neer
--
माइंड तो बच्चा है जी
How to Guide Our Mind ?
यह उस छोटे बच्चे की तरह है ,
जिसका भविष्य उन पर निर्भर करता है ,
जो उसका पालन पोषण करते हैं ,
जो उसका ध्यान रखते हैं...
डायनामिक पर Manoj Kumar
--
लागि झूमि झूमि बरसे बदरिया
लागि झूमि झूमि बरसे बदरिया,
आए ना संवरिया ना।
कारी कारी घटा छाई चारउ ओर
अन्हराई चारउ ओर अन्हराई-२ रतिया
लागे अइसे जइसे मोर सवतिया,
केहसे बोली बतिया ना...
PAWAN VIJAY
--
जरूरत संकल्प शक्ति की ...
...मेरा इतना कहने का उद्देश्य सिर्फ इतना समझाना है कि रुके हुए काम को दुबारा शुरू करने के लिए परिश्रम से कहीं ज्यादा जरूरत एक दृढ़ संकल्प - शक्ति की होती है...
--
--
हलफनामा
मैं हिंदी पढ़ाता हूँ अंग्रेजी नहीं बोलने की माफ़ी कभी नहीं मांगूंगा हिंदी को अंग्रेजी में पढ़ाने की कोशिश कभी नहीं करूँगा रोमन में हिंदी नहीं लिखूंगा मैं कभी नहीं चाहूँगा बच्चे ईमानदार लड़ाई का अनुवाद ग़लत फ़ैसले की भाषा में करें जिन्हें अंग्रेजी न बोलना हीनता लगे वे अपना इलाज़ स्वयं कराएं मैं अच्छी हिंदी लिखने बोलने का अभ्यास करूँगा हो सकता है आपके खून में अंग्रेजी का नमक हो हो सकता है अंग्रेजी में आपको पुरखों का सम्मान झलकता हो जाने दीजिये आप जैसों से क्या लेना...
--
--
--
किसी वृक्ष को काटने से पहले
एक पल के लिये ही सही अवश्य सोचना.
इस वृक्ष पर घर है पंछियों का जो उजड़ जाएगा।
एक के बाद एक आते हैं
थककर पथिक पाते हैं शीतलता
अब कहां बैठेंगे?...
--
वफादार दामाद
सर्वस्वीकृत मान्य सिद्धांत है बेटा पत्नी के पक्ष में डटके खड़ा होता रहा है। वो स्साला कमांडर भी खड़ा हो गया तो इसमें कोई नै बात नहीं। पूत सबके एक से ही सपूत होते हैं। बड़ी बात ये है जो धीरूभाईजी के साथ पहली मर्तबा घटी है। पहली बार की चुभन ज्यादा होती है। धीरे धीरे ही कम होगी...
आपका ब्लॉग पर
Virendra Kumar Sharma
--
--
--
ख्वाब और हकीकत
नहीं लौटना चाहता मन
फिर से उन रास्तों पर
जिन्हें उम्र के इतने लंबे सफर में
बहुत पीछे छोड़ आये हैं...
--
मायका
मायका यानि
प्यारे एहसासों का प्रशांत महासागर।
मायका यानि
हिमालय से भी ऊँचा बेटी का अभिमान...
Nivedita Dinkar
--
ब्लॉगिंग सीखिए
गूगल के हिंदी हैंगआउट्स वीडियो से
हिंदी ब्लॉगिंग और ब्लॉगरों को प्रोत्साहन देते हुए गूगल ने कई प्रयास किए हैं। उसने हिंदी ब्लॉगरों की विभिन्न प्रकार से सहायता की है जिससे वे सार्थक ब्लॉगिंग करते हुए इंटरनेट पर अच्छी हिंदी सामग्री प्रकाशित कर सकें और विश्व की अन्य भाषाओं की तरह हिंदी भाषा का प्रचार प्रसार कर सकें। जिससे विश्व भर में हिंदी भाषियों को अपनी आवश्यकता, सभ्यता और संस्कृति से जुड़ी समस्त जानकारियाँ इन्टरनेट के द्वारा मिल सकें...
Tech Prevueपर Vinay Prajapati
--
पहाड़
गर्मियों में बहुत भाते हैं पहाड़ |
छुट्टी बिताने लोग आते हैं पहाड़ ||
चमड़ी सुखाती है जब गर्मी शहर की
भूले - बिसरे याद आते हैं पहाड़...
हालात आजकल पर
प्रवेश कुमार सिंह
--
हम बिन पानी के मीन हैं...!
हम सब
अपने अपने "तुम" तक की यात्रा में
तल्लीन हैं...
स्वाभाविक है बेचैनियाँ...
कि हम
बिन पानी के मीन हैं...
--
"सवाल पर सवाल हैं,
कुछ नहीं जवाब है"
सवाल पर सवाल हैं, कुछ नहीं जवाब है।
राख में ढकी हुई, हमारे दिल की आग है।।
गीत भी डरे हुए, ताल-लय उदास हैं.
पात भी झरे हुए, शेष चन्द श्वास हैं,
दो नयन में पल रहा, नग़मग़ी सा ख्वाब है।
राख में ढकी हुई, हमारे दिल की आग है...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर
केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।