मित्रों!
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
--
--
--
--
लल्ला का हाजमा
काऊ ने बिगाड़ो मेरो लल्ला का हाजमा।
गैया बोली – जा ने पीयो थैली का दुद्दू।
जाई कारन होय गयो थोरो थोरो बुद्धू।
प्रतुल वशिष्ठ
--
--
ठीक उसी समय
जब होता है स्कूल जाने का समय
वह ठेलता है रिक्शा
ठीक उसी समय चल रहा होता है रेडियो पर
'बचपन बचाओ' का विज्ञापन...
सरोकार पर
Arun Roy
--
--
--
फरवरी फरवरी फरवरी
फागुन का महीना है फरवरी ।
परीक्षाओं का महीना है फरवरी ।
प्रेम का महीना है फरवरी।
गुलाबी ठंड का महीना है फरवरी ।
फाल्गुनी रंगों का महीना है फरवरी ।
बसंती मौसम का महीना है फरवरी....
--
--
--
--
--
--
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबढ़िया संयोजन .बधाई ,आभार !
जवाब देंहटाएंजीवन के विविध रंगों को समेटे बहुत ही सुन्दर आज की चर्चा ! मेरे इन्द्रधनुष को चर्चामंच के फलक पर सजाने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी !
जवाब देंहटाएंबढिया सूत्र संयोजन . यात्रानामा शामिल करने के लिए आपका बहुत आभार
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच के लिए आपका आभार
जवाब देंहटाएंजन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं, आदरणीय शास्त्री जी। आप हमेशा खुश रहें और स्वस्थ रहें।
जवाब देंहटाएं