गीत "साज मौसम ने बजाया, जन्मदिन फिर आज आया" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
आ रहा मधुमास फिर से, साज मौसम ने बजाया।
प्रीत की सौगात लेकर, जन्मदिन फिर आज आया।।
साल बीता, माह बीते, बीतते दिन-पल गये,
बालपन-यौवन समय के साथ सारे ढल गये,
फिर दरकते पत्थरों ने, ज़िन्दग़ी का गीत गाया।
प्रीत की सौगात लेकर, जन्मदिन फिर आज आया।।
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एकला चलो रे
smt. Ajit Gupta
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शास्त्री जी, जन्म दिन की बधाई स्वीकारें, सपरिवार।
जवाब देंहटाएंखटीमा आने की बहुत दिनों से इच्छा थी, आपने मौका भी उपलब्ध करवाया पर प्रभू की इजाजत नहीं मिल पाई। आशा है सब सफलता के साथ संपन्न हो गया होगा।
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंजन्म दिन की बहुत बहुत बधाई आपको सपरिवार |
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