मित्रों!
शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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बेटी तो सदा दिल का
अरमान होती है !!!
बेटी बाबुल के दिल का टुकड़ा भैया की मुस्कान होती है,
आँगन की चिड़िया माँ की परछाईं घर की शान होती है ! ..
खुशियों के पँख लगे होते हैं उसको
घर के हर कोने में रखती है अपनी निशानियां
जो उसकी पहचान होती हैं ...
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जो हो न सका मेरा,
मुझे वो मुक़ाम याद आया
चाहतों के सफ़र में हुआ अंजाम याद आया
जो हो न सका मेरा, मुझे वो मुक़ाम याद आया।
भुलाने से भी भूलते नहीं तेरे सितम मुझको
जब भी मिला ज़ख़्म कोई, तेरा नाम याद आया...
Dilbag Virk
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गीत
"तुमसे जीवन चलता है"
(राधा तिवारी)
जब तुमसे बातें होती है, दिल को अपनापन मिलता है।
देख तुम्हारी अनुपम छवि को, मेरा उपवन खिलता है...
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महफ़िल
दिल कह रहा हैं आज
फिर एक बार महफ़िल
तेरी यादों के रंगों से सजा दूँ
टूटे दिल को
फ़िर से प्यार के रंगों से सजा दूँ ...
RAAGDEVRAN पर
MANOJ KAYAL
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शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
आज के चर्चामंच में सुन्दर सार्थक सूत्रों का संयोजन ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी ! सादर वन्दे !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद मेरी रचना शामिल करने के लिए
जवाब देंहटाएंधन्यवाद मेरी रचना शामिल करने के लिए |
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sundar charcha , hardik dhnyavad hamari post ko aapne shamil kiya , suprabhat
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंआभार, शास्त्री जी
जवाब देंहटाएंधन्यवाद शास्त्री जी।
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