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शनिवार, फ़रवरी 10, 2018

"चोरों से कैसे करें, अपना यहाँ बचाव" (चर्चा अंक-2875)

मित्रों!
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

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बिन माँगी सलाह 

बिन माँगी सलाह हमारे देश में कभी भी कहीं भी मिल जाती है। कौन से दो पैसे लगेंगे। वैसे भी लोगों को मुफ्तखोरी की आदत पड़ी हुई है। मुफ्त की सलाह देने व लेने वालों की कमी नहीं है। कोई मक्खी मारने बैठा है। तो पौ बारह हो जातें है। जैसे बकरा हलाल करने का सुनहरा मौका मिल गया... 
sapne(सपने) पर shashi purwar 
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फूल गुलाब का 

Akanksha पर Asha Saxena  
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स्त्री 

स्त्रीछोटी या बड़ीगहरी और सुनिश्चित भाग्य रेखा संस्कार और परंपराओं में लिपटीजलती हुई सुगंधित अगरबत्ती.... 
Jyoti Khare  
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सबक 

....तब से कॉलेज छोडते समय तक हमेशा आते जाते एक नजर उसे ही ढूंढती रही, हर दिन लाइब्रेरी में बैठते समय नजर सामने वाली सीट पर चली जाती, हमेशा सोचती कि काश एक बार वो मिल जाता तो उसे थैंक्स बोल पाती जिसने मुझे जिन्दगी का सबसे बडा सबक दिया।
डॉ. अपर्णा त्रिपाठी 
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औरतें बहुत ज़रूरी हैं  

दुनिया के लिए 

मैं बूढ़ा भले हो रहा हूं
लेकिन एक औरत है
जो मुझे जवान बनाए रखती है... 

सरोकारनामा पर Dayanand Pandey  
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6 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर शनिवारीय चर्चा। आभार 'उलूक' की खुरचन को जगह देने के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  2. अग्रज प्रणाम
    बहुत सुंदर अंक संजोया है
    सभी रचनाकारों को बधाई
    मुझे सम्मलित करने का आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं

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