मित्रों!
बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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अदालत एक ढकोसला है ;
छह साथियो का एलान
शरारती बचपन पर sunil kumar
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मेरा फूल गुलाब का...
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प्रेम का दिन
नन्ही कोपल पर कोपल कोकास
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हरिगीतिका छंद
रविकर
कैलाश पति त्रिपुरारि भोलेनाथ भीमेश्वर नमः।
नटराज गोरापति जटाधारी किरातेश्वर नमः। जागेश बैजूनाथ पशुपति सोम-नागेश्वर नमः। भूतेश त्रिपुनाशक नमः भद्रेश रामेश्वर नमः।। |
बेलेन्टाइन -
रविकर
बेला वेलंटाइनी, नौ सौ पापड़ बेल ।
वेळी ढूँढी इक बला, बल्ले ठेलम-ठेल ।
बल्ले ठेलम-ठेल, बगीचे दो तन बैठे ।
बजरंगी के नाम, पहरुवे तन-तन ऐंठे।
ढर्रा छींटा-मार, हुवे न कभी दुकेला ।
भंडे खाए खार, भाड़ते प्यारी बेला ।।
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दलालों को दूसरे विचार व्यक्त करने वालेभक्त ही लगते हैं,क्योंकि सारी उम्र दलाली में जो गुजरी है
haresh Kumar
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हाईकू
Asha Saxena
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कार्टूनों में देखें कैसा रहा पिछला सप्ताह
Kirtish bhatt
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दोहे "चुम्बन दिवस की शुभकामनाएँ"(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') |
शिव रात्रि : दयानंद बोद्धोत्सव ------विजय राजबली माथुर |
दिल्ली..!!
Anurag Anant
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कतय सँ ई मुरलीक मधुर गीत उठल
रेवती रमण झा "रमण"
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मुक्त उजाला रहे सदा
Dr Varsha Singh
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दधीच हमारे देश -
udaya veer singh
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दोहे "रखना हरदम मेल"(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') |
आदरणीय शास्त्री जी का आभार एवं धन्यवाद ' क्रांतिस्वर ' की पोस्ट को इस चर्चा में स्थान देने हेतु।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अंक।
जवाब देंहटाएंमहाशिवरात्रि की सभी पाठकों को हार्दिक शुभकामनायें ! मेरी रचना 'नीलकंठ का आर्तनाद' को आज की चर्चा में सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी !
जवाब देंहटाएंकमाल का संयोजन अग्रज
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई
मुझे सम्मलित करने का आभार
सादर