फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, जून 17, 2015

पुरे देश में फ्री रोमिंग सुविधा; चर्चा मंच 2009

बालकविता 
"अन्त किया अत्याचारी का" 
रावण ने आतंक मचाया। 
काल राम तब बनकर आया।। 

रूप धरा था वनचारी का। 
अन्त किया अत्याचारी का।। 

जो जग से आतंक मिटाता। 
वो घर-घर में पूजा जाता।। 

जो पापी को देता मार। 
होती उसकी जय-जयकार।।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 




Dr.NISHA MAHARANA  


Kirtish bhatt 


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।