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बुधवार, दिसंबर 13, 2017

विदेशी आक्रमणकारी बड़े निष्ठुर बड़े बर्बर; चर्चामंच 2816

जिन्हें थी जिंदगी प्यारी, बदल पुरखे जिए रविकर- 

रविकर 
(1)
विदेशी आक्रमणकारी बड़े निष्ठुर बड़े बर्बर |
पराजित शत्रु की जोरू-जमीं-जर छीन लें अकसर |
कराओ सिर कलम अपना, पढ़ो तुम अन्यथा कलमा  
जिन्हें थी जिंदगी प्यारी, बदल पुरखे जिए रविकर ||

बंद कंप्यूटर से मोबाइल चार्ज करने का तरीका 

Faiyaz Ahmad 

सीपी 

Mamta Tripathi 

दोगला :  

शब्द चिंतन ( ललित निबंध) 

ब्लॉ.ललित शर्मा 

कार्टून :- रूकाे गुजरात, अा रहा हूं मैं 

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अत्याधुनिक, तकनीकी मेहमान-नवाज़ी 

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प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की राशि 

अब डाकघर के खाते में, 

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डाक निदेशक केके यादव 

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लोग जलाते हैं दीपक बुझा लेते हैं आप 

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दस क्षणिकाएँ ..... 

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“Am I Depressed?”  

Treating depression symptoms, including bipolar 

and clinical depression, and seasonal affective disorder 

Virendra Kumar Sharma 

सुप्रभातम्! जय भास्करः! ७० ::  

सत्यनारायण पाण्डेय 

अनुपमा पाठक 

"मैंने सब-कुछ हार दिया है"  

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')  

5 टिप्‍पणियां:

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