मित्रों!
सोमवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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कभी कुछ भैंस पर लिख
कभी कुछ लाठी पर भी
कभी सम्भाल
भी लिया कर
फुरसतें
जरूरी नहीं है
लिखना ही
शुरु हो जाना
खाली पन्नों को
खुरच कर इतना
भी कुरेदना
ठीक नहीं ...
उलूक टाइम्स पर
सुशील कुमार जोशी
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अपने ही हथियार से हुआ
अंग्रेज़ सेनापति का संहार
कृष्ण प्रताप सिंह
क्रांति स्वर पर
विजय राज बली माथुर
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जब मुझे यह बुरा लगता है
तो बहुतों को लगता होगा !
अभी ज्यादा दिन नहीं बीते हैं जब चुनाव जाति-पाति-भाषा को किनारे कर संपन्न हुए थे, अच्छा लगा था कि योग्य लोग बागडोर संभालेंगे। पर अब फिर वही पुरानी चाल ! दलों ने "राग-जाति", "राग-धर्म" अलापने के साथ-साथ असंयमित आचरण, अमर्यादित भाषा के साथ-साथ एक दूसरे पर बेबुनियादी लांछन लगाना, छीछालेदर करना, कीचड़ उछालना शुरू कर दिया है। जनता तंग आ चुकी है ऐसे कृत्यों से, ऊब चुकी है ऐसी स्तरहीन नौटंकियों से, उनके व्यवहार से...
कुछ अलग सा पर गगन शर्मा
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बस एक ही शब्द #########
यदि तू हां कहे तो
जीत लूं धरती और पर्वत
और बना लूं एक पर्ण कुटीर
जहाँ हम हो और हो मादक समीर झूमती
हर दिशा हो जाये कह-कह कर अधीर
बस एक ही शब्द प्रेम ...
Mera avyakta पर
राम किशोर उपाध्याय
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तन्हा तन्हा बीता हर पल
चाहत हो मेरी कहना था दिल में मेरे वह रहता था ,
मेरी गलियों में आ जाना रस्ता वह तेरे घर का *था*...
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शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
सुन्दर चर्चा ...
जवाब देंहटाएंक्रांतिस्वर की पोस्ट को इस अंक में स्थान देने हेतु धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा। आभार आदरणीय सुन्दर सूत्रों के साथ 'उलूक' की खुरचन को भी जगह देने के लिये।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंSUNDAR CHARCHA HAMEN BHI SHAMIL KARNE HETU HRADAY SE DHNYAVAD
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