मित्रों!
रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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बालपन के अंधत्व का इलाज़
-बीनाई (नज़र ) लौटाने वाली
दवा और चिकित्सा प्रणाली
-जीन-संपादन -चिकित्सा
(जीन एडिटिंग थिरेपी )भाग -१
Virendra Kumar Sharma
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पूज्य पिताजी की 22वीं पर पुण्य-तिथि पर...
(समझ नहीं आता कैसे बीत गये बाईस बरस :
एक पुरानी रचना...!)
आनन्द वर्धन ओझा
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एक नाज़ुक-सा फूल गुलाब का ...
हूँ मैं एक नाज़ुक-सा फूल
घेरे रहते हैं मुझे नुकीले शूल...
कविता मंच पर
Ravindra Singh Yadav
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आखिरी खनक
अभी-अभी सुनी है मैंने
तुम्हारे गेहुएं पांवों में बंधी पायल की आखिरी खनक.
काश कि मैं जवान होता, कान थोड़े ठीक होते,
तो कुछ देर तक सुन पाता तुम्हारी पायल की खनक...
कविताएँ पर Onkar
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गीत
"तुम्हें देखूं तुम्हें छू लूं"
(राधा तिवारी)
तुम्हें देखूं तुम्हें छू लूं तुम्हें दिल में बसा लूं मैं
तुम्हारे ख्वाब में आकर के तुम्हें थोड़ा हंसा दूं मैं..
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कैसे एक ट्रेन करती है युंगफ्राओ की चढ़ाई ?
A journey to the peak of Jungfrau,
Switzerland
Manish Kumar
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फलसफा प्रजातंत्र का
बंद ठण्डे कमरों में बैठी सरकार
नीति निर्धारित करती
पालनार्थ आदेश पारित करती
पर अर्थ का अनर्थ ही होता
मंहगाई सर चढ़ बोलती
नीति जनता तक जब पहुँचती
अधिकार लिए होती ...
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बदनाम रानियां -
कहानी
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दूषित हवा
कितना भी चाहे वह बचना
कितना भी चाहे मुँह फेरना
गाहे बगाहे रोज़ ही
उसकी मुलाक़ात हो जाती है,
उस सबसे जिससे वह
पूरी शिद्दत से दूर बहुत दूर रहना चाहती है
लेकिन लाख कोशिश करने पर भी
बचने की कोई और सूरत निकाल नहीं पाती है...
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बालकविता
"गिलहरी"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
बैठ मजे से मेरी छत पर,
दाना-दुनका खाती हो!
उछल-कूद करती रहती हो,
सबके मन को भाती हो...
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
बहुत सुन्दर सूत्रों का चयन आज के चर्चा मंच में ! मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी ! सादर वन्दे !
जवाब देंहटाएंआज की रविवारीय प्रस्तुति में शामिल की गयी सुन्दर रचनाओं के साथ 'उलूक' के दिसम्बर को भी स्थान देने के लिये आभार आदरणीय।
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा. आभार.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद शास्त्री जी मेरे ब्लॉग को चर्चामंच पर लाने के लिए आभार
जवाब देंहटाएंआदरणीय/आदरणीया आपको अवगत कराते हुए अपार हर्ष का अनुभव हो रहा है कि हिंदी ब्लॉग जगत के 'सशक्त रचनाकार' विशेषांक एवं 'पाठकों की पसंद' हेतु 'पांच लिंकों का आनंद' में सोमवार ०४ दिसंबर २०१७ की प्रस्तुति में आप सभी आमंत्रित हैं । अतः आपसे अनुरोध है ब्लॉग पर अवश्य पधारें। .................. http://halchalwith5links.blogspot.com आप सादर आमंत्रित हैं ,धन्यवाद! "एकलव्य"
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