मित्रों!
शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
मा.मुख्यमन्त्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा
मेरी दो पुस्तकों का विमोचन
उच्चारण पर रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
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देखें! कौन अधिक क्रूर!
अधिक निर्मम!
पुंजालाल और लोकेश समझ नहीं पा रहे हैं कि उन्हें किस अपराध का दण्ड मिला। दोनों सगे भाई हैं। पुंजालाल बड़ा और लोकेश छोटा। बड़ा इक्कीस बरस का और छोटा बीस बरस का। रतलाम से पचास किलो मीटर दूर, तहसील मुख्यालय बाजना के गाँव सालरडोजा के निवासी हैं। सन् 2007 में बीमारी में पिता चल बसा। 2010 में, मजदूरी करते हुए, एक निर्माणाधीन मकान की दीवार गिरने से माँ दब मरी। तब पुंजालाल चौदह बरस का और लोकेश तेरह बरस का था। स्कूल के उद्घाटन के लिए, 2010 में मुख्यमन्त्री शिवराजसिंह चौहान बाजना पहुँचे...
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2018 से 2022 तक
डिग्री का जिक्र करते हुए लिखा था कि 30 से 36.40 डिग्री हिमालय क्षेत्र में बड़ा भूकम्प आएगा, आज उत्तरांचल में आया भूकम्प 30.71 डिग्री latitude में आया है,बहुत बड़ा भूकम्प भी इसी डिग्री मध्य आएगा।
2018 में पृथ्वी पर महाविनाश होगा।...
rajeev Kulshrestha
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बनाया कोमल फूल उन्हें
बनाया कोमल फूल
एक झोंके में धूल।
फिर भी नहीं समझ रहे हैं
हम सब अपनी भूल।।
वे अनगढ़ माटी के ढेले हैं
उनको तो तपना होगा।
ताप सहनकर जग-भट्ठी में
पक्की ईंट बनना होगा...
अभिनव रचना पर
Mamta Tripathi
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स्मृति हाज़मे की !!
स्मृतियों को मन की फ़िक्र रहती है
तभी तो वो उसे अकेला छोड़ती नहीं हैं
कोई खट्टी-मीठी स्मृति हाज़मे की खाई है
कई बार जब भी कभी
अकेलेपन की बदहजमी हुई है 😊
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ग़ज़ल
किसी को’ भी’ नेता पे’ एतिकाद नहीं
प्रयास में असफल लोग नामुराद नहीं |
किये तमाम मनोहर करार, सब गए भूल
चुनाव बाद, वचन रहनुमा को’ याद नहीं...
कालीपद "प्रसाद"
होनी....
नहीं करते कल्पना जिसकी,
जीवन में वो भी घट जाता है,
ये कैसे हुआ,
क्यों हुआ,
आदमी सोचता रह जाता है....
kuldeep thakur
अधजल गगरियां
यदि कोई पाब्लाजी को अपने पालतू के रख-रखाव, उनके स्वभाव, उनकी देख-रेख के बारे में बताने लगे या सुब्रमनियम जी को फूल-पत्तीयों के बारे में बता उनके चित्र लेने की विधि समझाने लगे, ललित जी को घुम्मकड़ी के फायदे बताने लगे या फोटोग्राफी की बारीकियां समझाने लगे तो उन सब की क्या प्रतिक्रिया होगी ...
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
उम्दा सूत्र एवं प्रस्तुति ... आभार
जवाब देंहटाएंपुस्तकों के विमोचन पर बधाई और आभार 'उलूक' के समय और इश्क को आज की चर्चा में जगह देने के लिये आदरणीय।
जवाब देंहटाएंबहुत सारी हार्दिक शुभकामनाएँ आदरणीय।
जवाब देंहटाएंसदैव की भाँति सुंदर रचनाएँ।
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंशुभ संध्य....
जवाब देंहटाएंसुंदर....
अति सुंदर....
बहुत खूब
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंFirst time I am visiting this blog. I found so many things in this blog, especially your understanding way. I guess I'm not the only one having all the leisure here! Keep up the excellent work.
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