मित्रों!
शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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राजसमंद
राजसमंद एक असुर हाथ में कुल्हाड़ी ले काटता है आदमी को फिर जला देता है डालकर पेट्रोल और बनाता है वीडियो कई असुर लगाते है अट्टहास गाते है आसुरी गीत करते है आसुरी नृत्य अरे रुको झांको तो अपने अंदर धर्म ध्वज धारी कोई असुर हमारे अंदर भी तो नहीं मंद मंद मुस्कुरा रहा है...
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कोमल घरौंदे रेत के वो, टूटकर बिखरे रहे-
हरिगीतिका
नौका समय की जब बनी वो, अनवरत बहने लगी |
मासूम बचपन की कहानी, प्यार से कहने लगी ||
कोमल घरौंदे रेत के वो, टूटकर बिखरे रहे |
हम तो वहीं पर आस बनकर, पुष्प में निखरे रहे ...
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शुभ प्रभात
ReplyDeleteआभार
सादर
सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteशुक्रिया!
ReplyDeleteसादर!
आदरणीय बहुत सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteमेरी रचना को स्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार
लेखन सार्थक हुआ।
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
ReplyDeletenice presentation thanks
ReplyDeleteसुन्दर और सार्थक चर्चा | मेरी रचना को यहाँ स्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार |
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