फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

मंगलवार, मार्च 02, 2010

“होली का धमाल! ताऊ का कमाल!!” (चर्चा मंच)

"चर्चा मंच" अंक-79
चर्चाकारः डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
आइए आज का
"चर्चा मंच" सजाते हैं-  
सभी ब्लॉगर्स को “होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!”


निवेदन यह  है कि यदि आप
पल-पल! हर पल!! http://palpalhalchal.feedcluster.com/

में अपना ब्लॉग शमिल कर लेंगे तो
मुझे
चर्चा मंच में आपका लिंक उठाने में सरलता होगी।


होली तो हो ली मगर इस बार की होली में ताऊ ने न जाने कितने ब्लॉगर्स के लिंग परिवर्तित कर दिये!

सबसे पहले देखिए कनाडा के समीर लाल जी की पोस्ट!
इनके सुन्दर गीत को अपना मधुर स्वर दिया है
“अदा” जी ने-

गीला रंग मोहे लगाई दो!!
Author: Udan Tashtari | Source: उड़न तश्तरी ....
पिछले साल होली पर यह गीत लिखा था किन्तु इस साल अदा जी की आवाज और संतोष जी की म्यूजिक नें इस गीत में चार चाँद लगा दिये. बिना किसी की भूमिका के आप आनन्द उठायें.
image
ताऊ पहेली - 63 : होलीनुमा जवाब मे श्री प्रकाश गोविंद विजेता
Author: ताऊ रामपुरिया | Source: ताऊ डॉट इन 

हैल्लो एवरीवन...हाऊ आर यू? कोई बात नही जी, आप जैसे भी होंगे आज तो भंग-भवानी के नशे में अंटाचित ही होंगे...जैसे मैं हूं...असल में ताऊ का हीरामन जिम कार्बेट पार्क की सैर को निकल गया, होली की छुट्टियों में, तो ताऊ पहेली - 63 के रिजल्ट की जिम्मेदारी मुझे दी गई है...आप पूछेंगे की संतू जी...ताऊ पहेली ...

image 
तेरे चहरे में उस खुदा की इबारत नज़र आती है
Author: RaniVishal | Source:काव्यतरंग Hindi kavya sangrah
मेरी नन्ही परी अनुष्का
image
आँखों में मुस्काते सपने : रावेंद्रकुमार रवि का एक बालगीत 
Author: रावेंद्रकुमार रवि | Source: नन्हा मन

आँखों में मुस्काते सपने चलो, मिलकर कुछ गाएँ, हँसी से ख़ुशी सजाएँ!

image
“एक पुराना गीत” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)
| Author: डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक | Source: उच्चारण
"दिल किसी काम में नही लगता, याद जब से तुम्हारी आयी है।
image
 
Veer Bahuti
सच्ची साधना{आखिरी किश्त } pपिछली किश्तों मे आपने पढा कि शिव दास कैसे साधू बना और उसे फिर भी सँतुष्टी नही मिली तो वापिस अपने गाँव लौटा। जहाँ उसे राम किशन { अपने बचपन के दोस्त} का जीवन और लोक सेवा देख कर उसे कैसे बोध हुया कि सच्ची साधना वो नही जो वो कर रहा

Veer Bahuti
निर्मला कपिला

हुसैन की अभिव्यक्ति किसी ब्लू फिल्म से कम नहीं है...


देश की अखंडता के सामने ना ही किसी धर्म का कोई मोल है ना ही मज़हब का ..देश और देशवासियों की सुरक्षा से  पहले कुछ भी नहीं आना  चाहिए ...फिर चाहे वो हुसैन हों या फिर शाहरुख़ या फिर बाल ठाकरे ....जब किसी की बात या अभिव्यक्ति देश के तंतुओं को तार-तार करने लगे तो वह व्यक्ति निश्चित तौर पर धिक्कार का पात्र है...मकबूल फ़िदा हुसैन एक ऐसा ही नाम है ...

image
'ओ पालनहारे निरगुन और न्यारे(प्रार्थना )

'ओ पालनहारे निरगुन और न्यारे ,
तुम्हारे बिन हमरा कौनु नाहीं,
हमरी उलझन सुलझाओ भगवान,
तुम्हारे बिन हमरा कौनु नाहीं....
गुनगुनाती धूप..
अल्पना वर्मा



ब्लोगवाणी नियंत्रक ध्यान दें/ भाई दूज पर कविता---->>>>दीपक 'मशाल' 
Author: दीपक 'मशाल' | Source: मसि-कागद

माफ़ी चाहूँगा लेकिन मुझे पता नहीं कि ब्लोगवाणी नियंत्रक तक कैसे अपनी बात पहुंचाई जाती है.. बस सिर्फ इसीलिए यहाँ पर लिख कर उनका ध्यान बंटाना चाहूंगा उस एक गलती पर जो मैं कई महीनों से देख रहा हूँ लेकिन अभी तक सुधर नहीं पायी और इस पर किसी का ध्यान भी नहीं गया..  --> जब भी कोई पोस्ट दोपहर के १२ बजे ...
611
ग़ज़ल- तेरा क्या और मेरा क्या है
| Author: मानसी | Source: मानसी 
तेरा मेरा रिश्ता क्या है फिर इस दर्द का मुद्दा क्या है

image
आओ सीखें हिंदी

फागुन आया - फागुन आया, फागुन आया, आओ मिल सब खेलें होली। रंग लगाएं, धूम मचाएं, हम बच्चों की है ये टोली। हर घर में और हर गली में, हम बच्चों के दंगे होंगे। ढोल बजेंगे ...
Rhythm of words...
image
नासमझी - जब दूर बहुत दूर तुम अपने ही ख़्वाबों में मशगूल थे मेरे ख्वाब तुम्हारे न होने को दे रहे तूल थे ॥ उलझ रहे थे बेवजह ही मेरी अपनी तन्हाई से खुश नहीं थे वो शायद ...
ललितडॉटकॉम
ब्लागवाणी से एक प्रश्न-------यह क्यों हो रहा है?--------(ललित शर्मा) - *ब्लाग वाणी* पर एक चमत्कार हो रहा है और मेरी समझ में नहीं आ रहा कि क्यों और कैसे हो रहा है? *२५/०२/२०१० को रात ९ बजे करीब मैंने ब्लाग वाणी खोली तो उस पर अ...
image
फगुनाहट

देखो फिर से वसंती हवा आ गयी।
तान कोयल की कानों में यूँ छा गयी।
कामिनी मिल खोजेंगे रंगीनियाँ।।
इस कदर डूबी क्यों बाहरी रंग में।
रंग फागुन का गहरा पिया संग मे।
हो छटा फागुनी और घटा जुल्फ की,
है मिलन की तड़प मेरे अंग अंग में।
दामिनी कुछ कर देंगे नादानियाँ।।

…..
image


घर सा घर ... अब कहाँ है घर

प्रकाश गोविन्द

'घर' एक वास्तु मात्र न होकर भावसूचक संज्ञा भी है ! घर से अधिक सजीव एवं घर से अधिक निर्जीव भला क्या हो सकता है ! अनगिनत भावनाओं और प्रतीकों का मिला-जुला रूप है घर !
"कमरा नंबर एक / जहाँ दो-दो सड़कों के दुःशासनी हाथ / उसकी दीवारें उतार लेने को / लपके ही रहते हैं / / कमरा नंबर दो / जहाँ खिड़की से आसमान दिखता है / धुप भी आती है / कमरा नंबर तीन जो आँगन में खुलता है / जिसका दरवाजा पूरे घर को / रौशनी की बाढ़ में तैरा सकता है !! मगर अफसोस कि / रौशनी के साथ-साथ / पडोसी घरों का धुआं भी / भीतर भर आता है "….image
भांग, मालपुआ, और होलियाते हम .....अमा कभी तो बुरा मानो

जब से इस बेकार से शहर में आकर बस जाने टाईप की मजबूरी हो गई तभी से सारे त्यौहारों के मायने ही बदल गए हैं ,न मुई ये होली रंगीन लगती है न ही दिवाली की चमक बरकरार है । कहने को तो सब कुछ हो ही रहा होगा मगर हम का करें कि ई ससुर दिल जो बिहारी रह गया है ।
image
http://yeduniyahai.blogspot.com/2010/02/blog-post_28.htmlimage
image
श्री रजनीश परिहार 
देखनें में भोला है दिल का सलोना!
का, के, की, में, पर...
शब्द सीखने के बाद अब बारी है वाक्य बनाना सीखने की.. और वाक्य बनाने के लिए क्या चाहिए.. "का, के, की, में, पर...." तो अब में कुछ वाक्य बना सकता हूँ.. जैसे..
image
श्री रंजन 'आदि के पापा '
फाग-५ -फागुन का चरम और चैत का आरम्भ ....

होली के हुडदंग के साथ आज फगुआ भी अपनें चरम पर पहुंच गया .आज से ही चैत मॉस का आरम्भ हो गया।
गांव में फाग गायकों की टोली अभी आठ दिन तक धमाल मचाती रहेगी,जिसे आठो चैता के नाम से जाना जाताहै। आठो चैता के समापन के साथ ही फागुन के यह दिन चार बीत जायेंगे,फिर से अगले बरस आने के लिए।
आज गांव में भी फाग गायन मंडली जगह -जगह जमीं और एक बैठकी सदा की तरह मेरे घर पर भी हुई ।…


image
किसी मन्त्र जाप,उपासना अथवा कर्मकांड इत्यादि का हमे सही लाभ क्यों नहीं प्राप्त होता ?
ऎसी स्थिति स्वभावत: किसी के भी मन को असमंजस में डाल देती है कि मन्त्र-तन्त्र, कर्मकांड,भक्ति,पूजा-उपासना इत्यादि की एक जैसी ही प्रक्रिया का अवलम्बन करने पर भी एक व्यक्ति को तो लाभ हो जाता है, जब कि दूसरे किसी अन्य को कोई सफलता नहीं मिलती, ऎसा क्यों?। एक को सिद्धि, दूसरे के हाथ निराशा, ऎसा किसलिए?। वही देवता, वही मन्त्र, वही विधि---एक को सफलता ओर दूसरे को असफलता क्यूं?। यदि पूजा पाठ, उपासना,भक्ति, धर्म-कर्म अन्धविश्वास है तो फिर उससे कितने ही लोग लाभान्वित क्यों होते हैं?……image

आत्महत्या क्यों कर रहे हैं समीरलाल उड़नतश्तरी?


ये आघात जनक समाचार है. समीरलाल उड़नतश्तरी वाले आत्महत्या का विचार कर रहे हैं, वहीं दुर्योधन के हाथों पीटे शिवकुमार मिश्र दवा-दारू में व्यस्त बताए जा रहे हैं. इधर अनूप शुक्ल को एटीएस ने गिरफ्तार किया है.


613
   श्री संजय बेंगाणी
जज़्बात 
मन भीगे तो होली है ~~ - [image: image] धरती के आंचल में आज, रची हुई रंगोली है तन भीगे से क्या होता है, मन भीगे तो होली है! * जो चूल्हा नाराज न होवे, गर तवा न आपा खोवे, सु...

614
श्री एम वर्मा
कुछ पुरानी यादे

कुछ पुरानी यादे
टेलिविज़न के वे पुराने दिन भले ही तकनीकी रूप से आज के प्रोग्राम के बराबरी नही कर सके पर उनमे एक ताजगी एक सुकून का अहसास होता था उसके उलट आज २४ घंटो चलने वाले प्रोग्राम सिवाय दिमाग को तनाव ग्रस्त , प्रदूषित करने के आलावा कुछ नही करते

..

615
श्री जितेंद्र


"शब्द भी रोने लगे "

"शब्द भी रोने लगे "
निष्प्राण हृदय के ज़ीने पे,
अनुभूतियों के मानचित्र
विद्रोह कर
अपना अस्तित्व संजोने लगे
विवश हो,
अभिव्यक्तियों के काफिले भी
साथ होने लगे......

616
सुश्री सीमा गुप्ता
सोदा

विकसित होने से पहले
कुचल जाते हैं
कुछ शब्दों के भ्रूण
बाहर आने से पहले
फँस जाते हैं होठों के बीच
कुछ जवाब

…..

617
श्री दिगम्बर नासवा
नोस्ताल्ज़िया @ होली

आज से बीस साल पहले जब कॉलेज छोड़ा(छोड़ना पडा) तो हम दोस्तों ने यह फैसला किया कि संपर्क जरूर रखेंगे| ऐसे ख्वाम्ख्याली वाले बहुत से फैसले हम शुरू से ही लेते रहे हैं| वैसे भी ये थ्योरी हम उसी समय प्रतिपादित कर चुके थे कि हमारा(हमारे आयु वर्ग वालों का) जन्म ***


618
श्री मो सम कौन?
1411-स्थानीय ग्रामीण ही बचा सकतें है बाघ

में सिर्फ १४११ बाघ ही बचे है यह गिनती सही है या गलत इस पर सवाल उठाया जा सकता है पर यह सच है कि हमारे देश के जंगलों व अभ्यारण्यों में तस्करों द्वारा किये गए अवैध शिकार के चलते  बाघों की संख्या में तेजी से गिरावट आई है और यही हाल रहा तो वो दिन दूर नहीं जब बाघ सिर्फ चिड़ियाघरों तक ही सिमित हो जायेंगे | हमारे नन्हे ब्लोगर आदि की आशंका...


619
श्री रतन सिंह शेखावत
क्या एक ट्रिगर ही काफी है मौत के लिए ?

मैं बात कर रहा हूँ रिश्तों के एक झटके में मर जाने की. ये थोड़ा कठिन मसला लगता है, यहाँ अगर मौत हो भी गयी तो वापस जिंदगी डाली जा सकती है. क्या कहा आपने गाँठ पड़ जायेगी? नहीं ! मैं रहीम बाबा के 'टूटे से फिर ना जुड़े, जुड़े गाँठ पड़ जाए'  से पूर्णतया सहमत नहीं हूँ. कम से कम एक झटके में सब ख़त्म तो नहीं हो सकता. अगर किसी गलतफहमी से चटक के टूट भी गया तो सच्चाई सामने आने पर क्या और और मजबूत नहीं हो सकता? अब ऐसा मसला है तो मन तो भटकेगा...


620
श्री अभिषेक ओझा
कुछ और सँवर गये होते

दीदी “समता” की एक रचना-
बीते दिनों को याद करते है हम,
वक्त कुछ कम न था,
ओह !!!  कुछ और सँवर गये होते ।
हँसी जो ठहाको में बदल जाती थी,
मगर थी सूखी और बेवजह की,
कुछ वजह होती और मुस्करा लिये होते,
कुछ और सँवर गये होते ।……


621
श्री चंदन कुमार झा
तेरे हुस्न ने मोहब्बत को मेरे दिल का पता दिया -------- (फ़कीरा)

तेरे हुस्न ने मोहब्बत को मेरे दिल का पता दिया 
मेरी उलझी जिन्दगी को तेरी उलफ़त ने सुलझा दिया
तेरी मोहब्बत के आफ़ताब ने हर सुबह को खिला दिया 
मेरी दीवानगी के माहताब ने हर रात को शायराना बना दिया …..



322-1
श्री यशवंत मेहता “फ़कीरा”


हर हर महादेव
महाशिवरात्रि के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं!

हर हर महादेव

कल महाशिवरात्रि का पर्व हर्षौल्लास, उपवास, पूजा,अर्चना, मंगल आरती, जागरण और भजन से पुरे देश मे मनाया जायेगा. बाबा भोलेनाथ से यही प्रार्थना है कि वो हम सब पर अपने आशीष और कृपा बनाए रखे. सब करकमल जोड़ कर बोलिए:
हर हर महादेव कि जय !रुद्राष्टकम


623
सुश्री रेखा प्रहलाद
Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून
कार्टून:- होली के अगले दिन का कार्टून...


सभी कार्टून-चित्र ताऊ डॉट इन से 
साभार !

अब दीजिए आज्ञा…….!

21 टिप्‍पणियां:

  1. लाजबाब कमाल ताऊ का भी और आपका भी शास्त्री जी !

    जवाब देंहटाएं
  2. शास्त्री जी
    आपकी वो वाली फ़ोटो
    (इन्ही लोगों ले लीना दुप्पटा मेरा) धमाल है।
    आपका ही कमाल है।
    अभी चढा हुआ बुखार
    नही उतरा अभी खुमार

    जोर दार चर्चा सजाई है
    होली की बधाई है।

    जवाब देंहटाएं
  3. ha ha ha ha ha ha
    ha ha ha ha ha ha

    kya kalakriti dikhaai hai aapne ..hamari hansi hi nahi ruk rahi aapki aur sameer ji ki tasveer jisne bhi banai bas kamal banayi hai , vats ji ki bhi ...main hairaan hun aap ki kalpanasheelta par bahut hi dhaansoo rahi ye charch...ekdam rangarang..
    waah...ghazab...!!!

    जवाब देंहटाएं
  4. होली खेलने के बाद

    सजे रहे

    चर्चा बनाने में

    लगे रहे

    मन से नहीं उतरेगा

    जो रंग जमाया है।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुन्दर चर्चा...मनभावन !! एक बार पुन: सभी को सपरिवार व इष्टमित्रों सहित होली की ढेरों शुभकामनायें !!

    जवाब देंहटाएं
  6. ab tak ki sabse sundar charcha hai ye........vaise aapka dulhani roop to bahut hi pasand aaya..........is baar ki bloggeri holi to hamesha yaad rahegi..........bahut hirang bikhre hain.

    जवाब देंहटाएं
  7. वाह शाश्त्रीजी आज तो छा गये आप. कमाल की चर्चा की है आज तो.

    रामराम.

    जवाब देंहटाएं
  8. ब्लॉगर मित्रों!
    पुनः स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि
    सभी कार्टून-चित्र ताऊ डॉट इन से
    साभार लिये गये हैं!

    जवाब देंहटाएं
  9. वाह्! शास्त्री जी! आज तो चर्चा में भी होली का रंग चढा हुआ है....ताऊ भी बस ताऊ ही है :-)
    तस्वीर मे आप तो ऎसे लग रहे हो कि मानों दुल्हन विदाई के इन्तजार में बैठी हो :-)

    जवाब देंहटाएं
  10. वाह शास्त्री जी बहुत ही बढ़िया चर्चा रहा! कमाल कर दिया है आपने! होली पर ये ख़ास चर्चा बहुत खूब रही !

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत अच्छी चर्चा की है.
    रंगोत्सव की रंगबिरंगी ....nayee पुरानी पोस्ट के साथ !
    लाजबाब !

    जवाब देंहटाएं
  12. सतरंगी रंगों में रंगी रंगीली चर्चा।

    जवाब देंहटाएं
  13. charcha manch par jikra ke liye shukriya aur bacchon ke dil ki halchal ko apni rachna mein aapne bakhoobi piroya hai :)

    जवाब देंहटाएं
  14. शास्त्री जी, दिवाली आ रही है और होली के मौके पर की गई चर्चा पर आज धन्यवाद दे रहा हूँ। मालूम ही आज चला है। बेवकूफ़ी पर हंस सकते हैं।
    बहुत आभार आपका।

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।