फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

सोमवार, अगस्त 10, 2015

कहाँ हो भारत भाग्य विधाता?-चर्चा अंक 2063

जय माँ हाटेश्वरी...
--
अब तक मेरे गीतों में उम्मीद भी थी पसपाई भी
मौत के क़दमों की आहट भी, जीवन की अंगड़ाई भी
मुस्तकबिल की किरणें भी थीं, हाल की बोझल ज़ुल्मत भी
तूफानों का शोर भी था और ख्वाबों की शहनाई भी

आज से मैं अपने गीतों में आतश–पारे भर दूंगा
मद्धम लचकीली तानों में जीवन–धारे भर दूंगा
जीवन के अंधियारे पथ पर मशअल लेकर निकलूंगा
धरती के फैले आँचल में सुर्ख सितारे भर दूंगा
आज से ऐ मज़दूर-किसानों ! मेरे राग तुम्हारे हैं
फ़ाकाकश इंसानों ! मेरे जोग बिहाग तुम्हारे हैं
जब तक तुम भूके-नंगे हो, ये शोले खामोश न होंगे
जब तक बे-आराम हो तुम, ये नगमें राहत कोश न होंगे

मुझको इसका रंज नहीं है लोग मुझे फ़नकार न मानें
फ़िक्रों-सुखन के ताजिर मेरे शे’रों को अशआर न मानें
मेरा फ़न, मेरी उम्मीदें, आज से तुमको अर्पन हैं
आज से मेरे गीत तुम्हारे दुःख और सुख का दर्पन हैं

तुम से कुव्वत लेकर अब मैं तुमको राह दिखाऊँगा
तुम परचम लहराना साथी, मैं बरबत पर गाऊंगा
आज से मेरे फ़न का मकसद जंजीरें पिघलाना है
आज से मैं शबनम के बदले अंगारे बरसाऊंगा
--

साहिर जी की इस गजल के बाद पेश है मेरी पसंद के कुछ चुने हुए लिंक...
--
s1600/images%2B%25282%2529
कविता...पर 
-- 
Woman talking on phone Woman talking on phone
आपकी सहेली...पर।
-- 
लोकसंघर्ष लो क सं घ र्ष
--
KMSRAJ51-Always Positive Thinker...पर
--
 मेरे विचार मेरी अनुभूति:...पर।
--
तमाशा-ए-जिंदगी...पर।
--
आधा सच...पर।
--
न दैन्यं न पलायनम्...पर।
--

 MyBigGuide...पर।
--
 तीसरा खंबा...पर।
--
कोइलख एक्सप्रेस...पर।
--
---11

 Asha News...पर।
--
s400/6-08-15-StatePageCartoon-2
current CARTOONS...पर।
--
साझा आसमान...पर।
--
s320/Aug%2B09.2015
जिज्ञासा...पर 
--

देख रहा करतूत को, होकर मूक जहान।
पाल रहा आतंक को, कैसे पाकिस्तान।।
--
भारत में पकड़े गये, पाकिस्तानी पूत।
राष्ट्रसंघ को चाहिएँ, कितने और सबूत।।
--
युद्ध हुआ अब यदि कभी, देंगे नाम मिटाय।
फिर से वन्देमातरम, नक्शे में हो जाय।।
धन्यवाद

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।