मित्रों!
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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पुरानी ब्लॉग पोस्ट का परमालिंक कैसे बदलें –
ब्लॉगर टिप्स
पहले जब आप कोई ब्लॉग पोस्ट तैयार करते थे तो उस पोस्ट का परमालिंक “http://yourblogname.blogspot.com/2012/07/blog_post_xx.html” कुछ यूँ या इससे मिलता जुलता होता था जो कि रैंडम्ली (Randomly) स्वत: ही ब्लॉगर द्वारा चुन लिया जाता था। ख़ासकर ब्लॉगर ऐसा हिंदी या अन्य एशियाई भाषाओं के लिए करता था और यदि आप अपनी पोस्ट का शीर्षक हिंदी में लिख रहे हैं तो यह आज होता है। बहुत से एशियाई ब्लॉगर इस वजह से अपने ब्लॉग का अच्छा और प्रभावकारी SEO; Search Engine Optimization नहीं कर पा रहे थे क्योंकि गूगल खोज के दौरान इन परमालिंक का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है। यदि परमालिंक ठीक न हों तो आपके ब्लॉग से सम्बंधित खोज परिणाम ठीक नहीं आते और आपके ब्लॉग की स्थिति खोज परिणामों में पिछड़ती जाती है। जिन्हें इस बात का ज्ञान था वो अपनी पोस्ट का शीर्षक अंग्रेजी में लिखते थे और पोस्ट पब्लिश कर देते थे और तुरंत ही शीर्षक को बदलकर हिंदी में कर देते थे। लेकिन बहुत से लोग अलस्यवश या इस बात की जानकारी न होने के कारण ऐसा नहीं करते हैं। जिससे उनके ब्लॉग पर गूगल, याहू, बिंग, यांडेक्स जैसे सर्च इंजनों से बहुत कम पाठक आ पाते हैं।
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शीर्षकहीन
�� अब तक मेरे गीतों को आपने 'कवि-सम्मेलनों' में दिल से सुना, सराहा, और भरपूर प्यार दिया , उसके लिए आपकी बहुत-बहुत आभारी हूँ । अब मेरा# गीत-संग्रह ..#"बूँद-बूँद गंगाजल"..#'अंजुमन प्रकाशन' से प्रकाशित हो चुका है, जिसकी online pre-booking का अंतिम डेढ़ घण्टा बचा है...तो आप booking करवा रहे हैं क्या ....??
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'' मुनादी '' नामक नवगीत ,
कवि स्व. श्री श्रीकृष्ण शर्मा के नवगीत संग्रह -
'' अँधेरा बढ़ रहा है '' से लिया गया है -
चौराहों पर हुई मुनादी -
बच न सकेंगे अब अपराधी ।
खुश थी रैयत सीधी - सादी । ।
सब कहते - राजा है अच्छा ,
उसे दिया है कुछ ने गच्चा ,
अब करनी सब भरनी होगी ,
वैतरिणी तो तरनी होगी ;
बोलो - कब तक बच पायेगी ,
राजा सम्मुख पड़ कर प्यादी । ।
चौराहों पर हुई मुनादी .....
बच न सकेंगे अब अपराधी ।
खुश थी रैयत सीधी - सादी । ।
सब कहते - राजा है अच्छा ,
उसे दिया है कुछ ने गच्चा ,
अब करनी सब भरनी होगी ,
वैतरिणी तो तरनी होगी ;
बोलो - कब तक बच पायेगी ,
राजा सम्मुख पड़ कर प्यादी । ।
चौराहों पर हुई मुनादी .....
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गर मेरी तू होती
फना तेरे मोहब्बत पे मैं भी होता,
नजर भर प्यार से गर देख तू लेती..
ईश्क की आग में जल भी मैं जाता,
मुस्कुरा कर थोड़ा जो निहार तू लेती...
ई. प्रदीप कुमार साहनी
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अंडे की कहानी के माध्यम से
मोदी जी को एक सलाह
पहले कहानी पढ़िए , सलाह खुद ही समझ आ जायेगी आपको ! न समझ आये तो नीचे लिखा भी है ! ------------------------------------- एक अंडा था , सातवें माले पर चढ़ गया और नीचे कूद गया ! फूटा नहीं !---"जाको राखे साईयां मार सके न कोय" . वो अंडा दुबारा सातवें माले पर गया और छलांग लगा दी ! फूटा नहीं ! ...."Practice makes a man perfect" . अंडे को बहुत मज़ा आ रहा था, वो फिर से सातवें माले पर चढ़ गया और नीचे कूद गया ! फुट गया !----" Over confidence " ------------------------------------- तो समझाईश ये है की विवेक से काम लेना चाहिए...
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जब तलक है दम, कलम चलती रहेगी
जब तलक है दम, कलम चलती रहेगी
दर्द दुखियों का गज़ल कहती रहेगी
साज़िशें लाखों रचे चाहे समंदर
सिर उठा सरिता मगर बहती रहेगी...
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कुछ ख़्वाब कुछ ख़्वाहिशें
‘समर्पण की पराकाष्ठा ही शायद उपेक्षा के बीज अंकुरित करती है और कविता को विस्तार भी यहीं से प्राप्त होता है |’ *निवेदिता दी* और *अमित जीजू* द्वारा लिखी कविताओं की पुस्तक ‘*कुछ ख़्वाब कुछ ख़्वाहिशें*’ में पाठकों के लिए लिखे शब्दों ये पंक्तियाँ मन को छू गई...
बावरा मन पर सु-मन
(Suman Kapoor)
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