"सम्वेदना की नम धरा पर"(समीक्षक-डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
साधना वैद की साधना
“सम्वेदना की नम धरा पर”
मयंक की डायरी पर रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
--शायर बनकर यहाँ गवैये आये हैं - सतीश सक्सेना
Satish Saxena
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Kailash Sharma
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vandana gupta
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pramod joshi
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रविकर
(१)
चाहे जैसे धन मिले, रहे निधन तक चाह |
निर्धन होवे या धनी, कहाँ करें परवाह ||
(२)
नहीं हड्डियां जीभ में, पर ताकत भरपूर |
तुड़वा सकती हड्डियां, देखो कभी जरूर ||
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Rajesh Shrivastav
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विजय राज बली माथुर
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devyani
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deepti sharma
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देवेन्द्र पाण्डेय
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udaya veer singh
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रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
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