मित्रों!
रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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मेरा भारत जिंदाबाद रहेगा ....
साक्षी है इतिहास सदा ही वे थे एक अनमोल विभूति
उनके पवित्र पावों की धूलि महसूस हमेशा करती धरती.
वे भारत के अमूल्य निधि थे भारतीयता थी उनकी पहचान ‘’
जय हिन्द ‘’ का नारा देकर देशभक्त वे हुए महान.
‘’ तुम मुझे खून दो मैं तुमको आजादी दूंगा ‘’...
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‘रोहित’
सारे के सारे सब कुछ कह चुके गणित लगा कर जोड़ घटाना गुणा भाग कर अपने अपने लिये अपने अपने हिसाब से बना चुके खाते खतौनी तेरी मौत के पर दुख: है गिनीज बुक रिकॉर्डस में नहीं आ पायेगी ‘रोहित’ वो जो हुआ तेरे साथ कोई नई चीज नहीं है हर विश्वविद्यालय में हुई है होनी होती है...
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किश्तों में जिंदगी
किश्तों में जिंदगी जीना हमने छोड़ दी
लकीरें हाथों की हमनें मोड़ दी
देख जज्बे को ख़फ़ा रहने वाली क़िस्मत भी खिलखिला उठी
फ़ैसला मुक़दर का अपने था धारा जिंदगी की हमने मोड़ दी...
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महिला सशक्तिकरण गीत
संचालनालय, महिला सशक्तिकरण ,मध्य प्रदेश
स्वर- सत्शुभ्र मिश्र, सहायक संचालक, महिला एवं बाल विकास मध्य प्रदेश एवं पूर्वी फडनिस
गीत कार -गिरीश बिल्लोरे,सहायक संचालक, महिला एवं बाल विकास, मध्य प्रदेश
संगीत एवं संगीत सयोजन-हरप्रीत खुराना
मिक्सिंग - रोहित ठाकुर friskysound studio
वीडियो निर्देशन - के जी त्रिवेदी ,जवाहर बाल भवन,भोपाल
अभिनय : मौसमी शुक्ला, प्राची खरे, आश्रुति, आकांक्षा ओझा एवं प्रज्ञा चतुर्वेदी
विडियो संपादन -न्यूज़ एंड व्यूज ,भोपाल
प्रस्तुति :- आयुक्त , महिला सशक्तिकरण संचालनालय (म.बा.वि.) मध्य-प्रदेश भोपाल.
निर्माता :- संचालक, (सहायक-संचालक स्तर) संभागीय बालभवन, जबलपुर ,
स्वर- सत्शुभ्र मिश्र, सहायक संचालक, महिला एवं बाल विकास मध्य प्रदेश एवं पूर्वी फडनिस
गीत कार -गिरीश बिल्लोरे,सहायक संचालक, महिला एवं बाल विकास, मध्य प्रदेश
संगीत एवं संगीत सयोजन-हरप्रीत खुराना
मिक्सिंग - रोहित ठाकुर friskysound studio
वीडियो निर्देशन - के जी त्रिवेदी ,जवाहर बाल भवन,भोपाल
अभिनय : मौसमी शुक्ला, प्राची खरे, आश्रुति, आकांक्षा ओझा एवं प्रज्ञा चतुर्वेदी
विडियो संपादन -न्यूज़ एंड व्यूज ,भोपाल
प्रस्तुति :- आयुक्त , महिला सशक्तिकरण संचालनालय (म.बा.वि.) मध्य-प्रदेश भोपाल.
निर्माता :- संचालक, (सहायक-संचालक स्तर) संभागीय बालभवन, जबलपुर ,
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दूरदर्शन मध्य-प्रदेश, पर वीडियों की कहानी का प्रसारण
दिनांक 21 जनवरी 2015 को हुआ
मिसफिट Misfit पर गिरीश बिल्लोरे मुकुल
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फिर एक सफ़र आँखों के आगे है...
अनलिखी यात्राएं...
जो कलमबद्ध न हो पाए
वे संस्मरण... आवाज़ देते हैं... !
हवाओं का शोर...
अनजान शहरों की जानी पहचानी सी गलियां...
सब वाकये लिख जाने थे
कम से कम सोचा तो यही था...
लेकिन...
रह गया...
सफ़र अभी बाक़ी है...
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'' साकी से '' नामक मुक्तक ,
कवि श्री श्रीकृष्ण शर्मा के मुक्तक संग्रह -
चाँद झील में '' से लिया गया है -
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दिल बताशा ...
दुख़्तरे-रज़ ने तमाशा कर दिया
शैख़ का ईमां ख़ुलासा कर दिया
लूट कर दिल आप यूं चलते बने
जिस तरह अहसां बड़ा-सा कर दिया...
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तब तक कैसे बदलेगा
समाज और देश।
हम सब चाहते हैं बदलना समाज को, देश को।
चाहते हैं हम कड़े कानून बने
पर क्या हम खुद हर कानून का पालन करते हैं...
kuldeep thakur
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कहां गुमनाम हो गये।
तुम्हारी कुर्वानी से हम आजाद हो गये
तुम गये कहां कहां गुमनाम हो गये।
आजादी के बाद राज मिला उनको
जो देश को भूलकर राज भोग में खो गये...
kuldeep thakur
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दस्तकें
तुम्हारे आश्वासनों की दहलीज पर
बैठी रही आस
मेरी ताकते हुए
दरवाज़ा खुला रखा था मैंने
तुमने नहीं आना था
तुम नहीं आये...
vandana gupta
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