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Saturday, January 16, 2016

"अब तो फेसबुक छोड़ ही दीजिये" (चर्चा अंक-2223)

मित्रों!
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

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इक झलक दिखाने आ जाओ 

पलभर को कहीं गफलत ही सही, 
चेहरा तो दिखाने आ जाओ 
तुम बुझे हुए नयनों के इन 
पलकों में समाने आ जाओ ... 
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आज सबुह से ही 

काफी तेज व सर्द हवाएं चल रही, 

मकर-संक्रांति व लोहड़ी पर्व की 

हार्दिक शुभकामनाएं 

Surendra Singh bhamboo  
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भारतीय सेना के अतिरिक्त भी सेनायें हैं 

देश में भारतीय सेना के अतिरिक्त बहुत सारी सेनायें हैं जो धर्म के नाम पर गठित की गयी हैं. उनका अलग कानून अलग संविधान है. उनका कानून, उनका संविधान, उनके संचालकों के अनुसार ही चलता है बाकी जनता को उनके कानून, उनके संविधान के सम्बन्ध में कोई जानकारी नहीं होती है. यही बात पडोसी देश पाकिस्तान में भी है. वहां पर भी धर्म आधारित सेनायें हैं जिनका अपना संविधान है और कानून है. यह मुख्य समानता है. यह सारी सेनायें कब कौनसा फरमान जारी कर दें और उनके समर्थक उस कार्य को करने के लिए अमादा हो जाएँ. इन सेनाओं के ऊपर देश का संविधान कानून लागू करना एक दुरूह कार्य है... 
Randhir Singh Suman 
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ताजमहल भारत में है 

पाकिस्तान बना सकता नहीं 

ग़ज़ल
पाकिस्तान आख़िर पाकिस्तान है सुधर सकता नहीं 
ताजमहल भारत में है पाकिस्तान बना सकता नहीं... 
सरोकारनामा पर Dayanand Pandey  
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राधा की हर सांस पुकारे,मोहन,मोहन 

राधा की हर सांस पुकारे,मोहन,मोहन,मोहन,मोहन 
मोहन की हर सांस पुकारे, राधा,राधा,राधा,राधा 
कौन बताए किसको पुकारा,किसने कम या ज़्यादा ... 
प्रदीप नील वसिष्ठ 
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कोलकाता में खचाखच भरे स्टेडियम ने गुलाम अली को गाते सुना. वे वहाँ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के न्योते पर गए थे.यह इसलिए महत्त्वपूर्ण है कि यह कार्यक्रम पठानकोट काण्ड के फौरन बाद हुआ और राष्ट्रवादी क्षोभ के कारण रोका नहीं गया.गुलाम अली ने कहा कि कुछ वक्त पहले अपने समानधर्मा जगजीत सिंह की याद में मुंबई में उनके गायन के कार्यक्रम के न होने की तकलीफ इससे कुछ कम हो गई है.
केरल में भी गुलाम अली का सरकार ने स्वागत किया. उनका गायन भी हुआ. कार्यक्रम स्थल के बाहर गुलाम अली के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ लेकिन इस वजह से उसे स्थगित नहीं किया गया.
हम जानते हैं कि बिहार में भी गुलाम अली गा पाएँगे और शायद उत्तर प्रदेश में भी. इससे एक राहत यह मिलती है कि भारत में अभी भी इंसानियत के लिए गुंजाइश बची है जो उदारता के बिना संभव नहीं.... 
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कमला घटाऔरा
एक दिन मेरी बेटी को जॉब इन्टरव्यू के लिए जाना था।अपने नौ दस महीने के बेटे को मेरे पास छोड़ कर। मुन्ना मेरे पास आकर बहुत खुश हुआ। जैसे उसे खेलने को साथी मिल गया हो। मैं  भी आनंदित हो गयी अपने बचपन को मुन्ने के रूप में देखने के लिए...
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मधुसूदन 

संगीता स्वरुप ( गीत ) 
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आयुर्वेद एवं शोधकार्य 

यहाँ विश्वविद्यालय के बायोकेमिस्ट्री विभाग में डाइबिटीज़ पर रिसर्च चल रही थी ! प्रोफ़ेसर साहब के शोधार्थी हल्दी, गुड़मार आदि ऐसे ही अनेक द्रव्यों पर शोध कर रहे थे और उन शोध के आधार पर जो दवाईयां बन रही थी उनमें माइक्रो लेवल पर द्रव्यों के अनुपात को बदलकर नयी औषधियां तैयार की जा रही थीं जो डायबिटीज़ के मरीजों को दी जा रही थीं ! रविवार के दिन डायबिटीज़ के मरीजों को निशुल्क चिकित्सा परामर्श एवं दवाईयां दी जाती हैं ! प्रत्येक पंद्रह दिन पर शोध के तहत रजिस्टर्ड मरीजों की निशुल्क लैबोरेटरी जांच होती है जिसका खर्चा तकरीबन ३००० रूपए प्रति मरीज आता है... 
ZEAL 
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तलाश... 

जयचंद और पृथ्वीराज दोनों का ही जन्म होता है हर काल में हर देश में। गौरी को तलाश रहती है हर हमले से पहले जयचंद की वह जानता है बिना जयचंद के मुमकिन नहीं विजय। पृथ्वीराज अगर पहचान जाए जयचंद को तो दंड देता है, न पहचान सका तो खुद ही मारा जाता है। [धन्यवाद... कुलदीप ठाकुर...  
मन का मंथन  पर kuldeep thakur 
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