फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

शनिवार, दिसंबर 30, 2017

"काँच से रिश्ते" (चर्चा अंक-2833)

मित्रों!
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

--
--
--
--
--
--

निरुत्तर 

Abhilasha पर Neelima Sharma 
--
--

ये रिश्ते 

हल्की सी ठेस तोड़ जाती 
पल में काँच से रिश्ते... 
Sudhinama पर sadhana vaid 
--

जीवन 

अनुशील पर अनुपमा पाठक  
--
--

पत्थर की पूजा करते है .... 

नीतू ठाकुर 

सूखे पत्ते बंजर धरती 
क्या नजर नहीं आती तुमको 
ये बेजुबान भूखे प्यासे 
क्या खुश कर पायेंगे तुमको 
हे इंद्रदेव, हे वरुणदेव किस भोग विलास में खोये हो 
या किसी अप्सरा की गोदी में सर रखकर तुम सोये हो... 
विविधा.....पर yashoda Agrawal 
--
--
--
--

8 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात शास्त्री जी ! सार्थक सूत्र संकलन आज की चर्चा में ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद एवं आभार !

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति। आभारी है 'उलूक' उसके सूत्र को चर्चा में स्थान मिलने पर।

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत अच्छी प्रस्तुति
    मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका आभार !

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।