फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

रविवार, अगस्त 04, 2019

"आया है त्यौहार तीज का" (चर्चा अंक- 3417)

स्नेहिल अभिवादन   
रविवार की चर्चा में आप का हार्दिक स्वागत है|  
देखिये मेरी पसन्द की कुछ रचनाओं के लिंक |  
 - अनीता सैनी 

--------

गीत  

"आया है त्यौहार तीज का"  

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 


उच्चारण पर डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  
--------
दोहे 
 "चुरा रहे जो भाव" 
(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
उच्चारण 
--------
नर हो न निराश 
My Photo
 अवधारणा 
----------
अस्पताल से 
My Photo
 उम्मीद तो हरी है …… 
--------
मैं अकेला चलता हूँ .....संजय भास्कर 

मेरी धरोहर 
---------
छितराया- बिखरा निवाला 
My Photo
बंजारा बस्ती के बाशिंदे 
--------
कलम की ताकत  
My Photo
Poet and Thought
---------
मेंहदी का रंग 
 
अपराजिता 
-------
मैं हरी हो जाऊँ 
 
अनकहे बोल
---------
बधाई प्रिय रवीश कुमार एक अच्छा दिन आया है
 आज कई सालों के बाद 

उलूक टाइम्स
 --------
परख 
 हिंदी आलोचना की सैद्धांतिक
 (विनोद शाही) : अंकित नरवाल  

समालोचन 
--------
चतुष्कोण - - 

अग्निशिखा  
--------
राहुल बोस का धन्यवाद दो केले की क़ीमत बताने के लिये
My Photo
हिन्दी-आभा*भारत 
-----------
विचार बुनते है ज़िंदगी  

 गूँगी गुड़िया
--------
-#मन# 

 मन के पाखी 
---------

4 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर विविधतापूर्ण रचनाओं से सजी आज की प्रस्तुति बहुत अच्छी लगी अनु।
    मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत आभार।

    जवाब देंहटाएं
  2. विविधवर्णी सूत्रों के साथ सुन्दर चर्चा।
    आपका आभार अनीता सैनी जी।

    जवाब देंहटाएं
  3. अनीता जी आज इस इंद्रधनुषी "बैनीआहपीनाला" वाली संकलन में श्रेष्ठ हस्तियों की सरस रचनाओं के बीच मेरी इस रूखी और समाज के विपरीत सोच वाली रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार आपका ... संक्षिप्त में .... अच्छा लगा ....

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।