मित्रों!
सोमवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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गीत
"कॉफी की तासीर निराली"
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हाँ अच्छी लड़कियाँ हैं हम
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झूठ लिखने का नशा
बहुत जियादा कमीना है
उस के नशे से
निकले तो सही कोई
तब जाकर तो कोई कहीं
एक सच लिखेगा
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लघुकथा]:
ना-लायक
Chandresh
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ऊधौ कहियो जाय ( तेवरी शतक)
तेवरीकार-रमेशराज
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पंजिम की सुबह
और शुभा जी का जादू
Pratibha Katiyar
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बादशाह खान --
भाग तीन
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दर्द
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इंसान वाली तस्वीर
Subodh Sinha
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केवटिया की कुदान
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रोज़ की तरह आज भी
रोज़
की तरह आज भी
वो आदमी ऑफिस से निकल
उसी ठिये पे गया
उसी गुमटी से सिगरेट लिया
गुमटी की ओट में जा के सिगरेट सुलगाया ...
की तरह आज भी
वो आदमी ऑफिस से निकल
उसी ठिये पे गया
उसी गुमटी से सिगरेट लिया
गुमटी की ओट में जा के सिगरेट सुलगाया ...
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ख़याल ही सबूत है...
गुलज़ार
मेरी धरोहर पर Digvijay Agrawal
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कार्टून :- भीख में मंदी
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लकीरें
पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
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लघुकथा :
रक्षा - कवच
झरोख़ा पर निवेदिता श्रीवास्तव
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बाणासुर राक्षस बना महाकाल
सहज समाधि आश्रम
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बापू के प्रति -
सुमित्रानंदन पंत
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महोदय ! सादर नमन ! इस इंद्रधनुषी संकलन में मेरी भी एक रचना का रंग मिश्रित करन के प्रोत्साहन देने के लिए हार्दिक आभार आपका ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अंक। आभार आदरणीय।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात सर 🙏 )
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा प्रस्तुति 👌)
मुझे स्थान देने के लिए सहृदय आभार आप का
प्रणाम
सादर