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शुक्रवार, अगस्त 16, 2019

"आजादी का पावन पर्व" (चर्चा अंक- 3429)

मित्रों!
शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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विश्व विजयी तिरंगा 

पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा  
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एक देशगान- 

आज़ादी का पर्व बड़ा है 

आज़ादी का पर्व बड़ा है मज़हब के त्योहारों से ।  
आसमान को भर दो अपनी खुशियों के गुब्बारों से ... 
जयकृष्ण राय तुषार 
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स्वतंत्रता दिवस पर एक ग़ज़ल-  

"देश का नाम हमको करना है" 

देश का नाम हमको करना है  
साथ मिल जुलके यार रहना है।  
है मुहब्बत हमें वतन से अगर  
सब रहे मिलके ये ही सपना है।  
राहबर देश के मुलाज़िम हैं क्यूँ  
भला उनसे हमको डरना है... 
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तुम्हारा जन्मदिन मेरे लिए.... 

इक उत्सव की तरह होता है..  
सूरज तो रोज़ की ही तरह निकलता है ,  
पर आज कुछ अलग सा महसूस होता है...  
सभी रंग कुछ अलग निखर कर दिखते है..  
'आहुति' पर sushma verma  
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नयी सदी का गान है 

नयी सदी का गान है  
भारत देश महान है  
विश्व की पहचान है  
गौरवमय अभिमान है... 
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इस वास्ते पंद्रह अगस्त है हमें प्यारा 

जब-जब 15  अगस्त को लाल किले की प्राचीर से 
तिरंगा फहराया जाता है
तब-तब स्वतंत्रता प्राप्ति हेतु न्यौछावर  
हर शहीद सबको याद आने लगता है... 
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7 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात सर 🙏)
    बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति 👌)
    मुझे स्थान देने के लिए सहृदय आभार आदरणीय
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुंदर संयोजन
    सभी को हार्दिक बधाई

    जवाब देंहटाएं
  3. स्वतंत्रता , कविता , आलेख और वीडियो ब्लॉग पंच की 5 लिंक से सजा सुंदर और कीमती चर्चा मंच
    धन्यवाद आदरणीय गुरुदेव

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर और बहुरंगी प्रस्तुति सर।
    मेरी रचना को शामिल करने हेतु सादर शुक्रिया सर।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
    मेरी रचना को शामिल करने हेतु आभार!

    जवाब देंहटाएं
  6. सुन्दर सार्थक सूत्रों से सुसज्जित आज का चर्चा मंच ! मेरी प्रस्तुति को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी ! सादर वन्दे !

    जवाब देंहटाएं

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