मित्रों!
शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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एक देशगान-
आज़ादी का पर्व बड़ा है
आज़ादी का पर्व बड़ा है मज़हब के त्योहारों से ।
आसमान को भर दो अपनी खुशियों के गुब्बारों से ...
जयकृष्ण राय तुषार
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स्वतंत्रता दिवस पर एक ग़ज़ल-
"देश का नाम हमको करना है"
देश का नाम हमको करना है
साथ मिल जुलके यार रहना है।
है मुहब्बत हमें वतन से अगर
सब रहे मिलके ये ही सपना है।
राहबर देश के मुलाज़िम हैं क्यूँ
भला उनसे हमको डरना है...
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तुम्हारा जन्मदिन मेरे लिए....
इक उत्सव की तरह होता है..
सूरज तो रोज़ की ही तरह निकलता है ,
पर आज कुछ अलग सा महसूस होता है...
सभी रंग कुछ अलग निखर कर दिखते है..
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इस वास्ते पंद्रह अगस्त है हमें प्यारा
जब-जब 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से
तिरंगा फहराया जाता है
तब-तब स्वतंत्रता प्राप्ति हेतु न्यौछावर
तब-तब स्वतंत्रता प्राप्ति हेतु न्यौछावर
हर शहीद सबको याद आने लगता है...
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सुप्रभात सर 🙏)
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति 👌)
मुझे स्थान देने के लिए सहृदय आभार आदरणीय
सादर
सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संयोजन
जवाब देंहटाएंसभी को हार्दिक बधाई
स्वतंत्रता , कविता , आलेख और वीडियो ब्लॉग पंच की 5 लिंक से सजा सुंदर और कीमती चर्चा मंच
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आदरणीय गुरुदेव
बहुत सुंदर और बहुरंगी प्रस्तुति सर।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को शामिल करने हेतु सादर शुक्रिया सर।
बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को शामिल करने हेतु आभार!
सुन्दर सार्थक सूत्रों से सुसज्जित आज का चर्चा मंच ! मेरी प्रस्तुति को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी ! सादर वन्दे !
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