स्नेहिल अभिवादन
सोमवार की चर्चा में आप का हार्दिक स्वागत है|
सोमवार की चर्चा में आप का हार्दिक स्वागत है|
देखिये मेरी पसन्द की कुछ रचनाओं के लिंक |
- अनीता सैनी
------------
दोहे
"अब मिट गया वजूद"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
उच्चारण
----------
उसका बोलना
कविताएँ -
---------
दोहे
"अब मिट गया वजूद"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
उच्चारण
----------
उसका बोलना
कविताएँ -
---------
क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद
मेरा सरोकार
-------------
दिल है कि मानता नहीं
-----------
अस्तित्व.... रीना मौर्य 'मुस्कान' मेरी धरोहर
---------
बस एक शर्त्त अपनी तुम हार जाओ ना !
बंजारा बस्ती के बाशिंदे
-----------
क्या लड़कियां सम्पत्ति होती हैं?
भारतीय नारी
-----------
एक गीत -आज़ादी का अर्थ नहीं है
छान्दसिक अनुगायन
------------
"मंथन"
मंथन
----------
अबकी बार राखी में
KAVITA RAWAT
-----------
बने ये दुनिया सबसे प्यारी
Experience of Indian Life
---------
केसर क्यारी में
मन के पाखी
---------
अनुत्तरित
दिवसाद्यन्त सवाल बेधता है चुप्पी उकबुलाहट सालता है तू तड़ाक तड़ाग करता नहीं कोई निदान नहीं मिलता है मिट्टी ज्यादा सहती है या चाक? भट्टी में कलश को होना चाहिए दर्प ज्यादा रंग दिए जाने का प्रकल्प ज्यादा नासूर मत पलने तो गहरा इतना तम गहन होता दर्द सहरा इतना परस्पर प्यार इश्क मोहब्बत विश्वास सबमें का कोई-
" सोच का सृजन "
---------
लिखती हूँ - लिखती रहूँगी
“मत लिखो !” -चार्ल्ज़ बुकोवस्की ने कहा था, तब तक कि जब तक लिखने की हवस नहीं होती - यही कहा था उन्होंने !! और भी बहुत कुछ ! कहा था कि होते है करोड़ों लेखक मुझ से जो ख़यालों में स्वमैथुन करते है और बन जाते है सवघोषित लेखक ! मगर चार्ल्ज़, मैं क्या करूँ ? जब लार से टपकने लगते है ये शब्द, क़लम के मुँह से , जब भी कुछ अच्छा पढ़ा जब भी कुछ अच्छा दिखा ! और तो और काग़ज़ भी तो संयम खोने लगता है ! कसमसाने लगता है !
आपका ब्लॉग
---------
सुंदर विविधतापूर्ण रचनाओं से सजा बहुत अच्छा संकलन अनु मेरी रचना शामिल करने लिए बहुत आभार।
जवाब देंहटाएंसुन्दर सूत्र संयोजन लाजवाब अंक।
जवाब देंहटाएंपठनीय एवं संग्रहणीय प्रस्तुति. सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंसंध्या राठौर जी की रचना में निहित वैज्ञानिक, सामाजिक एवं अस्तित्व के प्रति संघर्षशील दृष्टिकोण का आग्रह करती
भावनात्मक पृष्ठभूमि वैचारिक मंथन का धरातल तैयार करती है. उन्हें बधाई.
आज पढ़ने को बहुत अच्छे-अच्छे लिंक मिले।
जवाब देंहटाएं--
आभार आपका अनीता सैनी जी
सुंदर संकलन बहना
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार आपका
सुन्दर चर्चा.मेरी कविता शामिल की.आभार.
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा प्रस्तुती मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार प्रिय अनिता जी
जवाब देंहटाएंसुन्दर पठनीय और लाजवाब संकलन । इस संकलन में मेरी रचना को
जवाब देंहटाएंसम्मिलित करने के लिए असीम आभार आपका ।
बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार सखी सादर
जवाब देंहटाएंAnita ji\
जवाब देंहटाएंaapke kaarn achhi rchnaaye pdhne ka sobhaagy mila
dhanywaad
सुंदर संकलन !
Shandar charcha 👌👌👌
जवाब देंहटाएं