मित्रों।
शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक
--
जब बारिशें आएँ तो...
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgNE95YWDPOnN-ZBYjqYDV51uv-xyUpztdpuXR4d8EIwBgK7yiiGWYIUxpm-kxuVIP8UZ2fPMg0Fe6xoU9G2eUaUgYb5-FbxKhUgZmV6ccW1GdudcAPpzqlVOuQJr6nubgRMzcZJBIoQgL4/s320/rain.jpg&container=blogger&gadget=a&rewriteMime=image)
जब बारिशें आएं तो
रेनकोट और छतरियों को
परे धकेल देना,
तमाम नसीहतों को
दीवार की खूँटी पे टाँग देना,
निकल पड़ना बारिश के संग
बरसे फूलों से भरी सड़क की ओर.
घने बनास के जंगल
टोकरियों में भरे भरे बादल लिए
खड़े मिलेंगे...
--वादा है मेरा
आओ छिपालूँ तुम्हें
अपने आगोश में
बांध लूं केशपाश में
घनी कुंतल छाँव में...
--
--
--
कहीं बच्चे भी कभी बड़े होते हैं ?
भाग-2
कर्तव्य भावना से बड़ा होता है
फिर जीवन जीने को जरूरी है आगे बढ़ना
'पके पान' कब डाल से टूट गिरें
कौन जानता है...
vandana gupta
--
--
--
--
--
माध्यम
लघु कथा
प्रशासनिक अधिकारी सुभाष ने
खिड़की के बाहर देखते हुए
अपनी पत्नी से कहा--
"स्मृति सुनो कुछ लोग गेट से अंदर आ रहे हैं,
मुझे पूछें तो कह देना घर पर नहीं हैं...
--
--
--
--
कैसे तुझको पाएं...???
...आस विश्वास तिरोहित
भीतर कोलाहल समाहित
ऐसे में
कैसे तुझ तक आयें...
--
मुहब्बत
मुहब्बत जन्नत की तरह होती है
इससे ज्यादा पाक़
क़ायनात में दूजा कुछ नहीं...
Lekhika 'Pari M Shlok'
--
--
--
ग़ज़लगंगा.dg:
न काफिलों की चाहतें न गर्द की, गुबार की
न नौसबा की बात है, न ये किसी बयार की
ये दास्तान है नजर पे रौशनी के वार की...
--ये दास्तान है नजर पे रौशनी के वार की...
कार्टून:-
अगले जनम मोहे सांसद बनाइयो
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgNVAkbODNUyj3lf8iWm67G2Q7fueTnIn5U0cryVa8iJkZ73niLOozYQruNH2dZO1AsIxC_jZXXmeNczdPhEabADrq8G7h5ULGBRAi6ZIhPv7drAqYSe9G-yVOayKY7AZCiCyEjxEijGHY/s400/2.7.2015.jpg)
--
अपने स्मार्टफ़ोन में
हिंदी में तकनीकी जानकारी पाने के लिए
तकनीक द्रष्टा ऐप्प इंस्टाल करें
![](https://lh3.googleusercontent.com/-wGmZATNtrpE/VZTueYBSWYI/AAAAAAAAkiQ/9g_4O4-3gd4/image_thumb.png?imgmax=800)
Ravishankar Shrivastava
--
“मेरा एक पुराना गीत”
ने अपना सुर दिया है-
![](http://lh3.ggpht.com/_7fOk9q2L6Lo/TCWLvLeBiKI/AAAAAAAAEWM/x58OeS3nN30/IMG_1525_thumb2.jpg?imgmax=800)
बड़ी हसरत दिलों में थी, गगन में छा गये बादल।
हमारे गाँव में भी आज, चल कर आ गये बादल।।
हमारे गाँव में भी आज, चल कर आ गये बादल।।
उम्दा लिखावट ऐसी लाइने बहुत कम पढने के लिए मिलती है धन्यवाद् Aadharseloan (आप सभी के लिए बेहतरीन आर्टिकल संग्रह जिसकी मदद से ले सकते है आप घर बैठे लोन) Aadharseloan
जवाब देंहटाएं