नमस्कार मित्रों।
बुधवार की चर्चा में देखिये ये १५ लिंक्स -
रविकर
1
सवाल मत उठाओ
मान भी जाओ
सब कुछ तो ठीक है
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3
दीवाना दिल बढ़ता रहता है
दिया प्रेम का, जलता रहता है
उसके दिल में उजियारा है
वो हर दिल में ,ढलता रहता है...
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5
उस हरजाई का कोई पैग़ाम नहीं आता
( ग़ज़ल )
उस हरजाई का कोई पैग़ाम नहीं आता
मैं त कती हूँ राह मगर क्यूँ शाम नहीं आता
करती है लाखों बातें आँखें उसकी मुझसे
जाने क्यूँ लब पे उसके मेरा नाम नहीं आता...
Lekhika 'Pari M Shlok'
6
सत्य आज की दुनिया का
आज जानी सच्चाई जिन्दगी तेरी
सुख में सभी साथ थे
अब कोई नहीं
स्वस्थ थी तब घर सारा
मेरा हुआ करता था
गिले शिकवे न थे
ना शिकायतों का
अम्बार रहा करता था...
Akanksha पर Asha Saxena
7
विनती सुनो मोरी
( बाल गीत )
तिनका-तिनका चुन कर मैंने
एक बनाया सुन्दर नीड़,
नोंच-नोंच कर फेंका तुमने
और बढ़ाई मेरी पीर !
मेरा सुख संसार रौंद कर
बोलो तुम क्या पाओगे,
मेरे बच्चों के रोदन से
क्या तुम पिघल न जाओगे...
Sudhinama पर sadhana vaid
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मेरी नींदों के आंगन में
क्यारियां हैं---सपनों की
दिन चढे---चुनती हूं--बीज
सांझ ढले--रख लेती हूं--गिनकर
जब,थक जाती हूं--अपनों से
जो बेगाने से हो जाते हैं--गैर
तो,सलवटों को झाड बिस्तर से
सिर रख लेती हूं--बूटे- वाले तकिये पर...
दिन चढे---चुनती हूं--बीज
सांझ ढले--रख लेती हूं--गिनकर
जब,थक जाती हूं--अपनों से
जो बेगाने से हो जाते हैं--गैर
तो,सलवटों को झाड बिस्तर से
सिर रख लेती हूं--बूटे- वाले तकिये पर...
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14
डूबोगे तरोगे कौन जाने
आकलनों की चमड़ियों से
नहीं उगते शहतूत
वाकिफ होकर इस तथ्य से
रखना पांव...
vandana gupta
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"गगन में मेघ हैं छाये"
(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
चमकती बिजुरिया चपला,
गगन में मेघ हैं छाये।
मिटाने प्यास धरती की,
जलद जल धाम ले आये...
उच्चारण पर रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
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