मित्रों।
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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वैदेही सोच रही मन में
वैदेही सोच रही मन में यदि प्रभु यहाँ मेरे होते !!
वैदेही सोच रही मन में यदि प्रभु यहाँ मेरे होते...
भारतीय नारी पर shikha kaushik
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निशा निमंत्रण के निनाद से
हर सूरज के शंखनाद तक
रणभेरी के राग बहुत हैं युद्धभूमि में खड़े हुए
यह तो बतलाओ कौन कहाँ है ?...
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दोहे "अपना देश महान"
मर्यादा से हो सजा, जीवन का परिवेश।
रामचरितमानस हमें, देती है सन्देश।१।
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दोहे सन्तकबीर ने, लिक्खे कई हजार।
दिया बिहारी लाल ने, दोहों का उपहार...
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हाईकू
गलत क्या
नहीं ज्ञान सच का
आज के लोग |
ठठरी सजी
अश्रु न थम सके
सर धुनते...
नहीं ज्ञान सच का
आज के लोग |
ठठरी सजी
अश्रु न थम सके
सर धुनते...
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थोड़ी सी जमीन
*माँ अब खड़ी है जीवन के*
*अंतिम पड़ाव पर*
*नहीं चाहिये उसे कोई एशोआराम*
*बस एक आत्मीय सम्बोधन*
*सुबह-शाम ..
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मेरे अंदर के अनाथ प्यार ने
मैंने सोची थी बात फूलों की ,
बहारों की, सितारों की, नज़ारों की
चाहा था किसी के आँखों में बन के ख़्वाब
मैं टिमटिमाती रहूँ
कोई दिल हो
जहाँ बस मैं धड़कू...
Lekhika 'Pari M Shlok'
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bhut achi jankari hai
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंLoanonline24.com
nice article.
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