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रविवार, मार्च 14, 2010

“अँधा हूँ मगर आँख वालों को आईना बेचता हूँ…” (चर्चा मंच)

"चर्चा मंच" अंक-88


चर्चाकारः डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
आइए अब चलते हैं कुछ ब्लॉगों की ओर-

ज़ख्म

कोई तो जगे - अँधा हूँ मगर आँख वालों को आईना बेचता हूँ शायद अपना अक्स नज़र आ जाये किसी को गूंगा हूँ मगर जुबान वालों को शब्द बेचता हूँ शायद कोई जुबाँ के ताले खोले कोई तो सत...

युवा दखल

युवा संवाद का राज्य सम्मेलन - *युवा संवाद का तीसरा राज्य स्तरीय शिविर आगामी २०-२१ मार्च को ग्वालियर में होगा।* *राज्य सम्मेलन की कार्यसूची* *20/03/2010* *पहला सत्र (10 बजे से) *यु्...

आदित्य (Aaditya)

नन्हा हीरो.. - पिछले मंगलवार को द्वारका में डिजिटल एलिमेंट स्टूडियो से कुछ फोटो खिचवाये... देखिए कैसा लग रहा है नन्हा हीरो... वैसे फोटो खिचने वाली दीदी को बहुत मेहन...

मसि-कागद

एक अज़ब-गज़ब लोकगीत---->>>दीपक 'मशाल' - आज मस्तिष्क के समंदर में विचारों की लहरें उठने का नाम ही नहीं ले रही थीं, साथ ही तन और मन के देव और दानवों ने थके होने का बहाना बना के मंथन से भी इंकार कर ...

ताऊजी डॉट कॉम

फ़र्रुखाबादी विजेता (199) : श्री चंदन कुमार झा - नमस्कार बहनों और भाईयो. रामप्यारी पहेली कमेटी की तरफ़ से मैं समीरलाल "समीर" यानि कि "उडनतश्तरी" फ़र्रुखाबादी सवाल का जवाब देने के लिये आचार्यश्री यानि कि

साहित्य योग

खंजर....समुन्दर....आग - दिल में उतर कर कहते हो दर्द तो नहीं है, खंजर मार कर कहते हो जख्म तो नहीं है, सिकायत करूँ भी तो किससे करूँ *जज, मुजरिम और महबूब भी तुम्ही निकले * सांसों ...

नन्हें सुमन

‘‘जंगल और जीव’’ - ** *रहता वन में और हमारे, संग-साथ भी रहता है। यह गजराज तस्करों के, जालिम-जुल्मों को सहता है।।* *समझदार है, सीधा भी है, काम हमारे आता है।* *सरकस के कोड़...

मुक्ताकाश....

इसी शहर में... - दीवारो-दर पे लिख दीं कहानियाँ तुमने, हैं कहाँ-कहाँ छोड़ीं नहीं निशानियाँ तुमने ! मेरा जुनून रहा हाशिये पे आज तलक, पशेमाँ हसरतों की बढ़ा दीं परेशानियां तुमने ...

गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष

आप सबों को नए विक्रमी संवत् की ढेर सारी शुभकामनाएं !! - पिछले कई दिनो से मैं इस ब्‍लॉग को अपडेट नहीं कर पायी , गत्‍यात्‍मक चिंतन पर मेरा चिंतन जरूर चल रहा था। उसमें लिखे पहली पोस्‍ट पर , हमारे विवाह की वर्षगांठ पर..

समाचार:- एक पहलु यह भी

नशा है की उतरता ही नहीं - नशा भी नशा होता है. जब चढ़ता है तो ऐसा चढ़ता है की उतरने का नाम ही नहीं लेता. यह कभी नशे के आदि लोगो पर चढ़ता है तो कभी पहली बार नशा करने वालो पर. तो कभी-कभी ...

Gyanvani

दोस्त बनकर गले लगाता है वही ......पीठ पर खंजर भी लगाता है वही - दोस्त बनकर गले लगाता है वही पीठ पर खंजर भी लगाता है वही वफ़ा की रोज नयी कसमे उठाता है करवट बदलते ही बदल जाता है वही .... बंद पलकों में सजे है ख्वाब जिसके लि...

वीर बहुटी

सुखदा --- कहानी -भाग -2 - *पिछले भाग मे आपने पढा कि सुखद के पिता को इलाज के लिये एक ओझा के पास ले जाया गया। कहा जाता था कि वि ओझा बिना चीर फाड किये कैंसर के मरीज का आप्रेशन करता था...

chavanni chap (चवन्नी चैप)

‘आमिर’ होने में कोई बुराई नहीं ...................................... - *आमिर के जन्मदिन के मौके पर कनिष्क क यह लेख चवन्नी के पाठकों के लिए है.आप भ चाहें तो यहाँ लिख सकते हैं.अपने लेख chavannichap@gmail.com पर पोस्ट करें.साथ ...

अंधड़ !

तू हिन्द है ! - निभा सकता है तू जहां तक और जबतक, बस निभाता रह, सहिष्णुता तेरा मूल मंत्र है, दिखा सके जबतक, दिखाता रह । असुर तो हमेशा की तरह ही, पथ मे तेरे कंटक बोता रहेंगा,...

उच्चारण

“ अमृतसर, पंजाब यात्रा के कुछ चित्र” - *स्वर्ण मन्दिर, अमृतसर (पंजाब) के कुछ दृश्य* *[image: IMG_0968]**[image: IMG_0956]** **[image: IMG_0958]** **[image: IMG_0960]** **[image: IMG_0965 - C...

Alag sa

"ग्लोबलाइजेशन" की ई-मेलीय परिभाषा - Question:What is the truest definition of Globalization? Answer:PrincessDiana'sdeath। Question:How come? Answer :AnEnglish princess with anEgyptian boyfrie...

ह्रदय पुष्प

होती यदि माचिस - होती यदि माचिस जानकी जी के पास अशोक वाटिका में वो अनेक दुःख पाती क्यों होता यदि फायर ब्रिगेड पास रावण के कपि के जलाने से लंक जल जाती क्यों होता यदि टेलीफोन म...

मनोरमा

बस माँगे अधिकार - कैसे कैसे लोग से भरा हुआ संसार। बोध नहीं कर्त्तव्य का बस माँगे अधिकार।। कहने को आतुर सभी पर सुनता है कौन। जो कहने के योग्य है हो जाते क्यों मौन।। आँखों से ...

गीत सुनहरे

शहीद - ए - आजम भगत सिंह -2 - शहीद - ए - आजम भगत सिंह -2 धरती माँ धिक्कार रही थी, रो रो कर चीत्कार रही थी . वीर पुत्र कब पैदा होंगे ? जंजीरों को कब तोड़ेंगे ? ’जन्मा राजा भरत यहीं क्या ...

भारतीय नागरिक - Indian Citizen

कानपुर के रेल बाजार थाना प्रभारी ने व्यवसायी मुकेश सिंह का अपहरण कर हत्या की. - कानपुर के रेल बाजार थाना प्रभारी ने एक व्यवसायी मुकेश सिंह का अपहरण किया और फिर उसके तीन दिन बाद उसकी लाश एक नहर से बरामद हुई. पुलिस निरंकुश हो चुकी है. का...

नवगीत की पाठशाला

२७- अब बसन्त आया है : डॉ. रूपचंद्र शास्त्री "मयंक" - > > > उपवन मुस्काया है! > अब बसन्त आया है! > > कुहासे की चादर, > धरा से छँट गई। > फैली हुई धवल रुई, > गगन से हट गई। > उपवन मुस्काया है! > अब बसन्त आया है...

Science Bloggers' Association

विज्ञान पत्रकारिता के कदाचार -साहित्यिक चोरी - हम विज्ञान पत्रकारिता के कदाचार की चर्चा कर रहे थे -यहाँ यह बता देना जरूरी है कि यहाँ वर्णित कदाचार केवल विज्ञान पत्रकारिता के ही संदर्भ में सीमित अर्थ के ...

शब्द-शिखर

सम्पूर्ण आहार के रूप में केला

- नवरात्र का त्यौहार मंगलवार से आरंभ हो रहा है. विशेषकर नारियों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण समय होता है. घर-आफिस की जिम्मेदारियों के साथ व्रत-पालन वाकई एक दुष्...

bhartimayank

“प्राची का जन्म-दिन” - “आज हमारी पौत्री का 7वाँ जन्मदिन है!” [image: PRACHEE] [image: IMG_1065] [image: IMG_1076] [image: IMG_1074] [image: IMG_1069] [image: IMG_1060] [image...

अपनी बात...

वो छुप-छुप के लिखना.......... - आज अपने बुक-शेल्फ की सफाई कर रही थी, तो एक पुरानी डायरी हाथ आ गई. सन १९८० की डायरी. यानि तीस साल पुरानी डायरी................. पन्ने पलटने लगी तो मेरा बच...

बगीची

इतना खून खराबा हो रहा है : कौन चिकित्‍सा करेगा : ब्रॉडबैंड बजा रहा है बाजा (अविनाश वाचस्‍पति) - बहुत मुश्किल से पढ़ी जा रही हैं पोस्‍टें नहीं खुल रहे हैं ब्‍लॉग खुल जाते हैं तो नहीं खुलती पोस्‍टें पोस्‍टें गर खुल जाती हैं तो टिप्‍पणी बॉक्‍स नहीं आता है...

नुक्कड़

नरेन्द्र मोदी और बरेली ! - [image: www.blogvani.com]

today's CARTOON
तीन ताजे कार्टून...

Posted by आरडीएक्स

'अदा'........जब से तेरे नैना मेरे नैनों से लागे रे
Author: 'अदा' Source:
काव्य मंजूषा
जब से तेरे नैना मेरे फिल्म : सांवरिया गायक : शान गीतकार : समीरसंगीतकार : मोंटी शर्मायहाँ आवाज़ है 'अदा' की ...

यह तिलिस्म कब टूटेगा ????
Author: M VERMA Source:
यूरेका
कहीं जाते-आते हम यह दृश्य अक्सर देखते हैं। कभी-कभी हम इसका हिस्सा बनते हैं और इन बहुरूपियों के गिरफ्त में आ जाते है. यह तिलिस्म ही तो है जो सब कुछ जानते-समझते हम इनके शिकार बन जाते है. आखिर यह तिलिस्म कब टूटेगा ????

मय्यादास की माड़ी-शाबा शाबा वे फिरंगिया
अजित वडनेरकर Source:
शब्दों का सफर
इस हफ्ते भीष्म साहनी की कृति मय्यादास की माड़ी जो सवा सौ साल पहले आम जन-जीवन पर सामंती छाया का दस्तावेज है। इस उपन्यास में लेखक के प्रसिद्ध उपन्यास तमस से पहले का दौर है। यादगार किरदारों के इर्दगिर्द घूमता कथानक एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दौर की पड़ताल है। पुस्तक राजकमल से प्रकाशित हुई है और मूल्य है-150 रु (पेपरबैक) पृष्ठ-333

कृष्ण कुमार यादव को अक्षर शिल्पी सम्मान-2010

Mar 14, 2010 Author: Ram Shiv Murti Yadav Source: यदुकुल

म0प्र0 के प्रतिष्ठित राजेश्वरी प्रकाशन, गुना ने युवा साहित्यकार एवं भारतीय डाक सेवा के अधिकारी श्री कृष्ण कुमार यादव को उनके विशिष्ट कृतित्व, रचनाधर्मिता और प्रशासन के साथ-साथ सतत् साहित्य सृजनशीलता हेतु ’’अक्षर शिल्पी सम्मान-2010’’ से विभूषित किया है। अंडमान व निकोबार द्वीप समूह के निदेशक डाक सेवाएं पद पर पदस्थ श्री यादव की रचनायें देश की विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं और इसके साथ ही आपकी अब तक कुल 5 पुस्तकें- अभिलाषा (काव्य संग्रह), अभिव्यक्तियों के बहाने (निब ...



‍भड़ौवाकार बेनीभट्ट ‘बंदीजन’

Mar 14, 2010 Author: डॉ० डंडा लखनवी Source: मानवीय सरोकार

‍भड़ौवाकार बेनीभट्ट ‘बंदीजन’ (सन् 1788-सन् 1836) - डॉ० गिरीश कुमार वर्मा हिन्दी साहित्य के रीतिकालीन युग में अवध के शासकों के संरक्षण में उनकी कला-विलासिता तथा सौन्दर्य-प्रियता की भावना को तुष्ट करने के लिए अनेक विशेषज्ञ कलाकार लखनऊ में आ जुटे थे। उनकी कलाओं में आलंकारिता,



धर्म के नाम पर अधर्म के मार्ग पर समाज

Mar 14, 2010 Author: Suman Source: लो क सं घ र्ष !

धर्म के नाम पर आज परस्पर इंसानों में बढ़ती नफरत की दीवारों ने इंसानियत को दर किनार कर इंसान को हैवान बना डाला है। आज इंसान इंसान के खून का प्यासा है। धर्म के नाम पर अधर्मी काम किये जा रहे हैं। मासूम बच्चों की बलि चढ़ाई जाती है। धार्मिक द्वेष के आवेश में आकर मस्जिद व मंदिर तोड़े जाते हैं तथा धमाके कर के जनहानि पहुंचाई जाती है। धर्म के अनुयाइयों की यह हालत देखकर धर्म के ना मानने वाले सीना फुलाने का अवसर पाकर धार्मिक व्यक्तियों से अपने को बेहतर बताते हैं और अपने पंथ का प्रचार करते नहीं थकते। पहले ...



युवा संवाद का राज्य सम्मेलन

Mar 14, 2010 Author: अशोक कुमार पाण्डेय Source: युवा दखल

युवा संवाद का तीसरा राज्य स्तरीय शिविर आगामी २०-२१ मार्च को ग्वालियर में होगा।



मेरी प्यारी दादीमा

Mar 14, 2010 Author: Babli Source: KAVITAYEN

मेरी प्यारी दादीमा



अखबार और ब्लॉग एक दूसरे के अनुपूरक है:चित्रांजलि

Mar 14, 2010 Author: गिरीश बिल्लोरे ''पॉडकास्टर'' Source: मिसफिट:सीधीबात



काव्यशास्त्र - ६

Mar 14, 2010 Author: मनोज कुमार Source: मनोज

भारतीय काव्यशास्त्र पर चर्चा – 2




हमारा गांव ........

Mar 14, 2010 Author: देवेश प्रताप Source: विचारों का दर्पण

देवेश प्रताप





आज के लिए बस इतना ही-…!

17 टिप्‍पणियां:

  1. शास्त्री जी खूबसूरत पोस्टों से सजी सुंदर चिट्ठा चर्चा...बधाई

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  2. सादर अभिवादन! सदा की तरह आज का भी अंक बहुत अच्छा लगा।

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  3. वाह्! शास्त्री जी, सब कुछ तो समेट लिया और अभी भी कह रहे हैं कि "आज के लिए बस इतना ही" :-)

    सुन्दर!!

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  4. बेहतरीन विस्तृत चर्चा..बधाई शास्त्री जी.

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  5. बेहतरीन विस्तृत चर्चा के लिये आभार आपका.

    रामराम.

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  6. दीदे फाड़-फाड़ कर पढ़ लिया हूँ ...अच्छा है...
    लड्डू बोलता है...इंजीनियर के दिल से....
    lsddoospeaks.blogspot.com

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  7. सादर अभिवादन! बेहतरीन विस्तृत चर्चा के लिये बधाई.शब्द-शिखर की चर्चा के लिये आभार.

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  8. Dhanyvad Shastri ji...Yadukul ki charcha ke liye abhari hoon..behatrin charcha.

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  9. बढ़िया चर्चा आपको भी नवरात्र पर्व की शुभकामनाये ....

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  10. Fantastic Discussion on Blogs. Very-Very Thanks for Acknowledging my Samman-news in Yadykul.

    Regards,

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