आज की चर्चा में आप सबका स्वागत है
गद्य रचनाएं
- यह इंद्रजाल है या कला जादू --- देखिए ब्लॉग धान के देश में ।
- हरियाणा साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. श्याम सखा श्याम जी की कहानी थप्पड़ पढ़िए ब्लॉग ग़ज़ल के बहाने पर ।
- आपका फोन बार-बार घर तो नहीं मिलता , यदि हाँ तो कुंवर जी की तरह कहना होगा फिट्टे मुंह ! फिर घर फोन मिल गया ।
- दिखावा नहीं कर पाओगे प्रेम का क्योंकि अब आ गया है प्रेम का बैरोमीटर ।
- बेटी का जन्म अब भी अपशकुन है ।
- ब्लॉग ZEAL पर है नेहरु खानदान की असलियत ।
- तेज तर्रार रखी अपने कम्प्यूटर को सी-क्लीनर से ।
पद्य रचनाएं
- धोखा भी बड़ा हसीं है ब्लॉग तुम्हारे लिए पर --- पढ़िए पूनम जी की ग़ज़ल ।
- एक आम-सी खास ग़ज़ल प्रस्तुत कर रहे हैं इस्मत जैदी जी ।
- पास अपने रौशनी काफी नहीं तो क्या हुआ ------ एक ग़ज़ल है ब्लॉग वटवृक्ष पर ।
- श्रद्धा जैन जी कह रही हैं -- हमने खुद अपने ही हाथों से जलाईं हसरतें ।
- साथ मुहब्बत का हो तो दुश्मन जमाने का क्या डर--- यही कह रहे हैं नजील साहब अपनी ग़ज़ल में ।
- संवाद घर पर संजय ग्रोवर जी कह रहे हैं शायर अपनी बर्बादी से ही आबाद होते हैं ।
- युवाओं को चुनौती दे रहे हैं डॉ. रूप चन्द्र शास्त्री जी ।
- क्रान्ति का आगाज करना चाह रहे हैं नीरज द्विवेदी जी ।
- तरुण ठाकुर जी पूछ रहे हैं तुमने देश को दिया ही क्या है ----- पढ़िए और जवाब दीजिए ?
- साधना वैद जी पूछ रही है वो चिरपरिचित आवाज कब सुनाई देगी ।
- दुआओं और हादसों के असर से तय किये हैं रश्मि प्रभा जी ने मुकाम ।
- डॉ. संध्या तिवारी जी का मानना है कुछ बातें रह जाती हैं अनकही.
- ब्लॉग अंधड़ पर है प्रणय गीत --- तुम मिले ।
- गीतों का अर्थ और कहाँ से मिला है दर्द --- यह न पूछने की बात कर रहे हैं आनन्द पाठक जी ।
- ओजमय मन्तव्य प्रकट कर रहे हैं उदयवीर सिंह जी ।
- दोहों में चित्र को परिभाषित कर रहे हैं जसवंत घारू जी ।
- ब्लॉग पर की गई छंदमयी टिप्पणियाँ ले चुकी हैं एक स्वतंत्र पोस्ट का रूप ।
- हिंदी हाइगा पर कुछ हाइकु बोल रहे हैं चित्रों के माध्यम से ।
आज के लिए इतना ही
धन्यवाद
* * * * *
वाह!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा!
बहुत बढ़िया लिंक दिये हैं आपने चर्चा में।
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक प्रस्तुति के लिए बधाई
जवाब देंहटाएंNEW POST ...काव्यान्जलि ...होली में...
NEW POST ...फुहार....: फागुन लहराया...
कुछ लिंक्स देख ली कुछ शेष हैं |बढ़िया चर्चा है |
जवाब देंहटाएंआशा
दिलबागजी, ये देखकर अच्छा लगता है कि आप काफी दिल से लिंक चुनते हैं।
जवाब देंहटाएं------
..की-बोर्ड वाली औरतें।
मूस जी मुस्टंडा...
बहुत सुन्दर चर्चा ,
जवाब देंहटाएं'
बहुत बहुत आभार |
जवाब देंहटाएंसुन्दर और सटीक |
बड़ी भली बड़ी नीक ||
सुन्दर और पठनीय सूत्र..
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा..मेरी कविता 'चन्दन की चांदनी '..बात जो रही है चर्चा मंच का ..
जवाब देंहटाएंआशा है आप स्थान देंगे.
kalamdaan.blogspot.in
सुन्दर लिंक्स से सुसज्जित चर्चा।
जवाब देंहटाएंbahut badiya links ke saath sundar charcha prastuti hetu aabhar!
जवाब देंहटाएंitne sare umda links ke sath meri rachna shamil karne ka bahut bahut shukriya
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा...ज़्यादातर लिंक्स देख लिए..सभी लाजवाब..
जवाब देंहटाएंशुक्रिया दिलबाग जी.
bahut achha Dilbaag
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छे लिंक्स का चयन किया है आपने ...आभार ।
जवाब देंहटाएंआ0 दिलबाग जी
जवाब देंहटाएंमेरे गीत ”मुझ से मेरे गीतो का....."को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
सादर
आनन्द.पाठक
यकीन मानिए लिंकों ने खुलने में कम आना कानी नहीं की है .हम भी पूरे जिद्दी निकले .अच्छे लिंक्स पढवाए , हमें भी खपाया .बधाई भी शुक्रिया भी आपका .कई मर्तबा कई कई गज़लें पढ़ी टिपण्णी फेल हो गईं .
जवाब देंहटाएंशुक्रिया,आभार दिलबाग जी !
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स के साथ अच्छी प्रस्तुति...आभार|
जवाब देंहटाएंcharchamanch me mujhe shamil karne ke liye dhanyvad aur saath me bahut saare achche link ke liye bhi aabhar, bahut achcha laga yahan aakar.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएंएक से बढ़िया एक....
जवाब देंहटाएंआप तोहफे लाये हैं अनेक.....
साथ में कुछ मित्र भी..
नए-पुराने से....
संक्षिप्त किंतु असरदार चर्चा।
जवाब देंहटाएंdilbag ji aapaka dil se aabhaar .
जवाब देंहटाएंकल से इंटरनेट काम नहीं कर रहा था ! आभार आपका दिलबाग जी आपने प्रतिष्ठित चर्चामंच के लिये मेरी रचना का भी चुनाव किया ! टिप्पणी करने में कुछ विलम्ब हो गया उसके लिये खेद है ! होली की शुभकामनायें स्वीकार करें !
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